Saturday, November 23, 2024

राष्ट्रीय

LAC विवाद पर चीन के साथ फिर 16वें दौर की सैन्य वार्ता, भारत का पहले वाली स्थिति बहाल करने पर जोर

नई दिल्ली। तकरीबन 26 महीनों से वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर जारी सैन्य विवाद को सुलझाने के लिए भारत और चीन के सैन्य अधिकारियों के बीच एक बार फिर बातचीत हुई है। यह दोनो देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच विवाद को सुलझाने के लिए 16वें दौर की बातचीत है।
बातचीत LAC पर स्थित भारतीय सीमा चुशूल (पूर्वी लद्दाख क्षेत्र) में रविवार को सुबह 9.30 बजे शुरू हुई और देर रात 10 बजे तक चली। इस दौरान सैनिकों की पुर्नवापसी ही मुख्‍य मुद्दा रहा। इसके पहले 15वें दौर की सैन्य स्तरीय वार्ता 11 मार्च, 2022 को हुई थी जो 13 घंटे चली थी। आधिकारिक तौर पर इसके बारे में सोमवार को दोनो पक्षों की तरफ से जानकारी साझा किये जाने की संभावना है।
माना जा रहा है कि अगर इस बार की वार्ता में कुछ सकारात्मक नतीजे निकलते हैं तो उसे लागू करने को लेकर इस महीने के अंत में भारत व चीन के विदेश मंत्रियों के बीच होने वाली मुलाकात में वार्ता हो सकती है। 28 और 29 जुलाई, 2022 को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के विदेश मंत्रियों की बैठक उज्बेकिस्तान में होने वाली है। इसमें विदेश मंत्री एस जयशंकर के अलावा चीन के विदेश मंत्री वांग यी के भी हिस्सा लेने की संभावना है।
यह भी बताते चलें कि अभी 07 जुलाई, 2022 को भी इन दोनों के बीच बाली (इंडोनेशिया) में एक बैठक हुई थी, जिसमें एलएसी पर जारी मौजूदा सीमा सैन्य विवाद को लेकर काफी चर्चा हुई थी। जानकारों का कहना है कि जल्द ही एससीओ की शीर्षस्तरीय बैठक भी होनी है, जिसमें पीएम नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के हिस्सा लेने की संभावना है। अगर उसके पहले सीमा विवाद को सुलझाने को लेकर दोनो देशों में कोई सकारात्मक प्रगति हो जाती है तो एससीओ बैठक के दौरान दोनो नेताओं के बीच मुलाकात की संभावना भी तलाशी जा सकती है।
यह दोनों नेताओं के तनाव भरे रिश्ते को नरम करने में काफी अहम भूमिका निभा सकता है। भारत और चीन के रिश्ते मई, 2020 में चीन की सैनिकों के एलएसी का उल्लंघन करने के बाद से बिगड़े हुए हैं। जून, 2020 में दोनो देशों के सैनिकों के बीच एक खूनी झड़प भी हुई थी जिसमें दोनो तरफ के सैनिकों की जानें गई थी।
उसके बाद से एक-एक करके सैन्य स्तर और विदेश मंत्रालय के स्तर पर बातचीत का दौर चल रहा है। दिसंबर, 2021 में इस वार्ता की वजह से चीन के सैनिकों ने कुछ जगहों से वापस भी हुए थे लेकिन अभी तक मई, 2020 से पहले वाली स्थिति बहाल नहीं हुई है। भारत का कहना है कि चीन के सैनिक अभी भी देसपांग और देमचोक में हैं व वहां उन्होंने कुछ ढांचागत निर्माण भी किया है। अभी भी दोनो तरफ से तकरीबन 50-50 हजार सैनिकों के तैनात होने की सूचना है।