बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमला, तोड़फोड़ कर लगाई मकानों में आग; मानवाधिकार आयोग ने की जांच की मांग
ढाका। बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे हमले की राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने निंदा की है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने हमले की निंदा करते हुए कहा कि एक धर्मनिरपेक्ष देश में सांप्रदायिक हिंसा किसी भी परिस्थिति में स्वीकार्य नहीं है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आयोग ने गृह मंत्रालय को जांच करने का निर्देश दिया है कि क्या अवांछित हमले की स्थिति को रोकने में लापरवाही हुई और क्या पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने में उचित भूमिका निभाई है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने की हमले की निंदा
ढाका ट्रिब्यून के अनुसार, आयोग ने कहा कि बांग्लादेश जैसे धर्मनिरपेक्ष देश में सांप्रदायिक हिंसा किसी भी परिस्थिति में स्वीकार्य नहीं है। मानवाधिकार निकाय की टिप्पणी बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमले की खबरों के सामने आने के बाद कथित फेसबुक पोस्ट द्वारा इस्लाम को बदनाम करने की अफवाहों के बीच सामने आई है। डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही में शुक्रवार को लोहागरा, नरैल के सहपारा इलाके में हिंदू अल्पसंख्यकों के घरों में आग लगा दी गई। जुमे की नमाज के बाद भीड़ ने यह कहते हुए हंगामा कर दिया कि पड़ोस के एक 18 वर्षीय व्यक्ति ने फेसबुक पर उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है।
सोशल मीडिया पोस्ट के बाद बनाया निशाना
स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह पोस्ट गांव के 18 वर्षीय कालेज के छात्र आकाश साहा ने किया था। डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार, प्रदर्शनकारी जुमा की नमाज के बाद एकत्र हुए और छात्र की गिरफ्तारी की मांग को लेकर उसके घर के सामने विरोध प्रदर्शन किया। डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार, हिंसा की शिकार लोगों में से एक दीपाली रानी साहा ने बर्बरता की घटनाओं को साझा किया। उन्होंने बताया कि एक समूह ने हमारा सारा कीमती सामान लूट लिया। वहीं, दूसरा समूह आया और हमारा दरवाजा खुला पाया, लेकिन लूटने के लिए कुछ नहीं बचा तो उन्होंने हमारे घर में आग लगा दी।