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बड़े लेवल पर निजीकरण कर रही सरकार, सिर्फ 5 बैंक और 2 इंश्योरेंस कंपनियां ही बचेंगी सरकार के पास !

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मोदी सरकार काफी बड़े लेवल पर निजीकरण की प्लानिंग कर रही है। अगर सूत्रों की मानें तो आने वाले वक्त में सरकार के पास सिर्फ 5 बैंक और 2 इंश्योरेंस कंपनियां बचेंगी।
नई दिल्ली
सरकार ने आत्मनिर्भर भारत का ऐलान करने के दौरान कहा था कि वह सभी पब्लिक सेक्टर कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बेचकर उनका निजीकरण करेगी। उस ऐलान में सरकारी इंश्योरेंस कंपनियां शामिल नहीं थीं, क्योंकि यह पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग नहीं कहलाती हैं, लेकिन अब कुछ मीडिया रिपोर्ट्स सूत्रों के हवाले से ये कह रही हैं कि मोदी सरकार अब इंश्योरेंस कंपनियों का भी निजीकरण करने जा रही है। सरकार इन इंश्योरेंस कंपनियों का किस्तों में निजीकरण करने की योजना बना रही है।अभी सरकार के पास इंश्योरेंस से जुड़ी कुल 8 कंपनियां हैं, जिसमें से सरकार 6 का निजीकरण कर देगी। इनमें से सरकार के पास एक एलआईसी बचेगी और इसके अलावा एक नॉन-लाइफ इंश्योरेंस कंपनी सरकार अपने पास रखेगी। इस तरह आने वाले वक्त में इंश्योरेंस से जुड़ी सिर्फ 2 इश्योरेंस कंपनियां सरकार के पास रह जाएंगी।5 बैंक बचेंगे सरकार के हाथ में।पहले तो सरकार का अधिक फोकस बैंकों के विलय पर रहता था, लेकिन अब सरकार ने इनका निजीकरण शुरू कर दिया है। आने वाले वक्त में सरकार 6 सरकारी बैंकों में अपनी हिस्सेदारी बेचने की तैयारी कर रही है। यानी आने वाले वक्त में सिर्फ 5 बैंक सरकारी हाथों में बचेंगे, बाकी के सभी बैंक निजी हाथों में होंगे।किन बैंकों का होगा निजीकरण माना जा रहा है कि सरकार बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक, यूको बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और पंजाब एंड सिंध बैंक का निजीकरण किया जाएगा। बाते चलें कि पिछले ही साल 10 सरकारी बैंकों का विलय कर के 4 बड़े बैंक बनाए जा चुके हैं।