चेन्नई। शादी के बाद जब पति-पत्नी एक छत के नीचे रहने लगते हैं तो एक पक्ष का दूसरे पक्ष से व्यवहार उसके परिवार के सम्मान, पहचान को बयां करती है। शादीशुदा जिदंगी में नोकझोंक व तकरार का होना लाजिमी है लेकिन इसकी भी एक सीमा होनी चाहिए।
अगर घर में पति झगड़े का कारण है और परिवार के माहौल को बिगाड़ता है तो सुरक्षात्मक आदेश के तहत पति को घर से बाहर निकालने में बिल्कुल भी झिझकना नहीं चाहिए। मद्रास हाईकोर्ट (Madras High Court) ने हाल ही में अपनी एक सुनवाई के दौरान यह निर्देश दिया।
पत्नी की गुहार पर हुई कार्रवाई
न्यायमूर्ति आर एन मंजुला ने हाल ही में यह टिप्पणी करते हुए पेशे से इंडस्ट्रियलिस्ट पति को अपनी पत्नी और दो बच्चों को छोड़कर कहीं और जाकर रहने का आदेश दिया है।
पेशे से वकील पत्नी के मुताबिक, अपनी शादी को खत्म करने के लिए उसने शहर के एक फैमिली कोर्ट (Family Court) में एक याचिका दायर की थी। इस मामले पर सुनवाई के दौरान उसने एक और याचिका दायर की जिसमें तलाक के मामले में फैसला आने तक बच्चों और परिवार की भलाई के खातिर कोर्ट से पति को घर से बाहर निकल जाने की आदेश दिए जाने की मांग की गई थी।