मनीष सिसोदिया के घर सीबीआइ की 15 घंटे चली छापेमारी, 15 आरोपितों के खिलाफ FIR दर्ज, ये हैं मुख्य आरोप
नई दिल्ली। आबकारी नीति घोटाले में दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर सीबीआइ का शिकंजा कस गया है। इस मामले में दो कंपनियों समेत 15 आरोपितों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने के बाद सीबीआइ ने शुक्रवार को दिल्ली में सिसोदिया के सरकारी आवास के साथ ही सात राज्यों दिल्ली, गुरुग्राम (हरियाणा), चंडीगढ़, मुंबई (महाराष्ट्र), हैदराबाद (तेलंगाना), लखनऊ (उत्तर प्रदेश) और बेंगलुरु (कर्नाटक) में 31 स्थानों पर छापा मारा और तलाशी ली। छापे में घोटाले से जुड़े दस्तावेज मिलने का दावा किया गया है। सीबीआइ ने सिसोदिया के घर की करीब 15 घंटे तलाश ली। सीबीआइ टीम उनके घर सुबह आठ बजे पहुंची और रात करीब 11 बजे वहां से निकली।
सिसोदिया ने कहा कि सीबीआइ ने उनके घर की तलाशी ली। उन्होंने एजेंसी का पूरा सहयोग किया है। दिल्ली के मुख्य सचिव ने नई आबकारी नीति में गड़बड़ी उजागर की थी। इसके बाद उप राज्यपाल वीके सक्सेना ने गृह मंत्रलय से मामले की सीबीआइ जांच की सिफारिश की थी। एजेंसी ने मनीष सिसोदिया, आबकारी विभाग के चार अफसरों व दो कंपनियों समेत कुल 15 आरोपितों के विरुद्ध बुधवार को प्राथमिकी दर्ज की थी। इनमें दिल्ली में शराब बेचने का लाइसेंस लेने वाले 10 लोग शामिल हैं। गृह मंत्रालय से 22 जुलाई को अनुमति के बाद सीबीआइ ने मामले की जांच शुरू की।
आरोप है कि मनीष सिसोदिया, दिल्ली के तत्कालीन आबकारी आयुक्त अर्व गोपी कृष्ण, आबकारी उपायुक्त आनंद तिवारी, सहायक आबकारी आयुक्त पंकज भटनागर ने सक्षम प्राधिकार की अनुमति के बगैर 2021-22 की दिल्ली की आबकारी नीति बनाई और लागू किया। उनका उद्देश्य टेंडर के बाद लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ देना था। दो कंपनियों में बड्डी रिटेल प्रा. लिमिटेड व महादेव लिकर्स शामिल हैं।
घोटाले के पूरे खेल का ब्योरा: सीबीआइ ने घोटाले के पूरे खेल की सूचना जुटाई। एफआइआर के अनुसार, आबकारी नीति बनाने और लागू करने में हुई गड़बड़ी में मुंबई स्थित इवेंट मैनेजमेंट कंपनी ओनली मच लाउडर के पूर्व सीईओ विजय नायर, लखनऊ के गोमती नगर स्थित परनोड रिकार्ड के पूर्व कर्मी मनोज राय, दिल्ली के कालिंदी कुंज स्थित ब्रींडको सेल्स के निदेशक अमनदीप ढल व जोरबाग स्थित इंडोस्पिरीट के एमडी समीर महेंद्रू ने सक्रिय भूमिका निभाई थी।