यूपी में गरीबों के बैंक खातों में जमा हैं 33 हजार करोड़, बैंकिंग क्षेत्र की प्रगति में कीर्तिमान बना रही योगी सरकार
लखनऊ। ‘डबल इंजन’ सरकार की ताकत से उत्तर प्रदेश ने बैंकिंग क्षेत्र में तेज कदम बढ़ाते हुए आर्थिक प्रतिस्पर्धा में दूसरे राज्यों को पछाड़ा है। बीते पांच बरस में इस दिशा में हुए परिवर्तन की सबसे सकारात्मक तस्वीर यह है कि आधी आबादी ने आर्थिक सशक्तीकरण में अपनी मजबूत भूमिका दर्ज की है।
मोदी-योगी सरकार की वित्तीय नीतियों के फलीभूत होने का यह यह उदाहरण है। इस अवधि में प्रदेश में हर दिन 19 हजार से अधिक गरीबों ने बैंक खाते खुलवाए गए। जन धन योजना के कुल 7.93 करोड़ खातों में 54.35 प्रतिशत खाते महिलाओं के हैं, जिनमें अभी 33,774 करोड़ रुपये जमा हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू की गई योजनाओं को धरातल पर उतारते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली प्रदेश सरकार विभिन्न क्षेत्रों में कीर्तिमान स्थापित कर रही है। ऐसी ही उपलब्धियों में विशेष रूप से वित्तीय प्रबंधक और बैंकिंग क्षेत्र की प्रगति भी शामिल है।
अंत्योदय के सिद्धांत पर चलते हुए मोदी सरकार ने गरीबों के जन धन योजना शुरू की, जिसमें मजबूत भूमिका निभाते हुए बीते पांच वर्ष में उत्तर प्रदेश में साढ़े तीन करोड़ नए खाते खोले गए हैं। देश में सर्वाधिक सात करोड़ 93 लाख खाते अब यहीं हैं।
प्रतिदिन 19 हजार से अधिक खोले गए जन धन
सरकारी आंकड़ा है कि उत्तर प्रदेश में प्रतिदिन 19 हजार से अधिक जन धन खाते खोले गए हैं। इसका संदेश यह है कि सबसे निचले पायदान पर खड़े लोग भी बैंकिंग व्यवस्था से बड़े पैमाने पर जुड़े हैं। इसमें भी उल्लेखनीय तथ्य यह है कि कुल 7.93 करोड़ खातों में से 4.31 करोड़ यानी 54.35 प्रतिशत खाते महिलाओं के हैं और पांच करोड़ 36 लाख से अधिक खातों में रुपे कार्ड भी जारी किए जा चुके हैं। इन सभी जन धन खातों में इस वर्ष मार्च तक कुल 33,774 करोड़ रुपये जमा थे, जो कि पिछले वर्ष मार्च की तुलना में 5565.10 करोड़ रुपये अधिक है।
डिजिटल लेनदेन में बड़ी छलांग
मोदी-योगी सरकार ने डायरेक्टर बेनेफिट ट्रांसफर (डीबीटी) को अधिकतर लाभार्थीपरक योजनाओं में लागू किया। इसमें भी प्रदेश ने बड़ी छलांग लगाई है। डिजिटल लेनदेन पांच वर्ष में 122 करोड़ रुपये से तीन गुणा अधिक बढ़कर 426 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।
डीबीटी से 10 करोड़ से अधिक लोगों को लाभ
जन धन और व्यक्तिगत खातों में डीबीटी से 10 करोड़ से अधिक लोगों को शासन की योजनाओं का लाभ मिल रहा है। इसमें करीब एक करोड़ 20 लाख विभिन्न पेंशन लाभार्थी, एक करोड़ 90 लाख बच्चों के अभिभावक, दो करोड़ 10 लाख छात्रवृत्ति, 43 लाख प्रधानमंत्री आवास योजना, करीब ढाई करोड़ किसान और दो करोड़ 61 लाख शौचालयों के लाभार्थी शामिल हैं।