पटना। बिहार के पूर्व सीएम जननायक कर्पूरी ठाकुर के आदर्शों की सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) अक्सर चर्चा करते हैं। उनके मार्गों पर चलने की बात करते हैं। अब उन्होंने उन्हीं की राह पर एक और कदम बढ़ाया है। करीब 45 वर्ष पहले जिस तरह तत्कालीन मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर ने गांधी मैदान में 10 हजार डाक्टरोंं-इंजीनियरों को नियुक्ति पत्र दिया था, ठीक उसी तरह आज यानी 16 नवंबर को नीतीश कुमार भी आज इतिहास रचने वाले हैं।
10 हजार डाक्टर-इंंजीनियरों को सौंपा था नियुक्ति पत्र
ऐतिहासिक गांधी मैदान में आज फिर एक इतिहास रचा जाएगा। 10 हजार 459 पुलिसकर्मियों को सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव नियुक्ति पत्र का वितरण करेंगे। समारोह को ऐतिहासिक बनाने के लिए हर तैयारी पूरी कर ली गई है। बड़ा पंडाल एवं मंच बनाया गया है। बता दें कि कर्पूरी ठाकुर ने दो बार बिहार का मुख्यमंत्री होने का गौरव प्राप्त किया। वे 1970-71 और 77-79 में बिहार के सीएम बने। उन्होंने गांधी मैदान में नियुक्ति पत्र वितरण समारोह का आयोजन किया था। तब करीब 10 हजार इंजीनियरों और डाक्टरों को नियुक्ति पत्र दिया गया था।
रोजगार और शिक्षा के प्रति गंभीर थे जननायक
कर्पूरी ठाकुर ने शिक्षा और नौकरी के क्षेत्र में जो अमिट छाप छोड़ी वह आज भी उन्हें प्रासंगिक करता है। वे एक बार उपमुख्यमंत्री और दो बार सीएम रहे। वर्षों तक विधायक और नेता प्रतिपक्ष भी रहे। वे बिहार के पहले गैर कांग्रेसी सीएम थे। 1967 में जब वे उपमुख्यमंत्री थे तब उन्होंने अंग्रेजी विषय की अनिवार्यता समाप्त कर दी। वे देश के पहले सीएम थे जिन्होंने बिहार में मैट्रिक तक की पढ़ाई मुफ्त में कराने की घोषणा की थी। उन्होंने राज्य के सभी विभागों में हिंदी में काम करने की अनिवार्यता कर दी थी। रोजगार के प्रति प्रतिबद्धता ऐसी कि कैंप आयोजित कर डाक्टरों और इंजीनियरों को नौकरी दे दी। इतने बड़े पैमाने पर राज्य में कभी इनकी बहाली नहीं हुई थी।