दिव्य प्रभात व्हाट्सएप ग्रुप से अभी Jude 945 8877 900 एवं दिव्य प्रभात के पोर्टल में विज्ञापन लगवाएं और अपने व्यवसाय को पहुंचाएं आसमान की ओरl
एक नजर विज्ञापन की ओर
शेरे पंजाब आइसक्रीम पार्लर रुड़की रोड, मुजफ्फरनगर
शेरे पंजाब आइसक्रीम पार्लर शहर की सबसे प्रतिष्ठित दुकान हमारे यहां custard gilas custard Botal Sab tarike flavour mein kaun Mein icecream एवं Shuddh ke Madhyam Mein number Van perfect shop आइए दुकान पर एक बार आए और खाएं सौ बार एक बार सेवा का मौका अवश्य दें, दो कंपनी की ब्रांड सबसे बड़ी आइसक्रीम का आनंद उठाएं havmor AVN Vadilal Pata, पता रुड़की रोड निकट कोतवाली के बराबर में मुजफ्फरनगर proprietor Devendra Singh +919458541696, shaadi party mein bhi order book karne ke liye Sampark Karen.
कुछ आइसक्रीम के प्रोडक्ट पर नजर डालेंगे
Hawmor icecream
Hawmor block choco corn
Hawmor strawbery corn
Vadilal icecream pure vegetarian
Vadilal jumbo cup
Vadilal mini cone no one
Read this news
ओली के अनलॉक इरादे हुए लॉक, यूएन ने रिजेक्ट किया नेपाल का नक्शा
नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली ने हिंदुस्थान के तीन गांवों को अनलॉक करने का जो इरादा किया था, उसे यूएन ने लॉक कर दिया है। यूएन (संयुक्त राष्ट्र संघ) ने ओली के नए नेपाली नक्शे को रिजेक्ट करते हुए कहा है कि अधिकारिक कामकाज के लिए संस्था न तो नेपाल के नए विवादित नक्शे को स्वीकार करेगी और ना ही उसे मान्यता देगी। दरअसल नेपाल ने इस वर्ष जो नया राजनीतिक नक्शा तैयार किया है, उस नक्शे में उसने भारत के हिस्से वाले लिंपियाधुरा, लिपुलेख और काला पानी इन तीन गांवों को नेपाल का हिस्सा बताया है। जबकि इन क्षेत्रों पर हिंदुस्थान का दावा है और हिंदुस्थान पहले ही साफ कर चुका है कि वो ऐसे किसी नक्शे को स्वीकार नहीं करेगा, जिसके ऐतिहासिक प्रमाण नहीं होंगे।
वहीं यूएन ने ये भी कहा कि वो प्रशासनिक कार्यों के लिए इस क्षेत्र से संबंधित भारत, पाकिस्तान, या चीन के नक्शे का इस्तेमाल भी नहीं करेगा। प्रतिक्रिया में ये भी कहा कि जब भी नेपाल ऐसे किसी मामले को सदन में रखेगा तो सिर्फ कूटनीतिक प्रोटोकाल ही स्वीकार किए जाएंगे। नेपाल सरकार जल्द ही अपने नए संशोधित नक्शे को अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भेजनेवाली है, जिसमें भारतीय क्षेत्रों को नेपाल में दर्शाया गया है और इसी संदर्भ में न्यूयॉर्क स्थित वैश्विक संस्था का ये बयान काफी अहम माना जा रहा है। जिसमें साफ किया गया है कि उसकी वेबसाइट तक में नेपाल के दावे को कोई जगह नहीं मिलेगी। इसकी वजह ये है कि यूएन अपने सभी नक्शों को वैधानिक चेतावनी के साथ जारी करता है और यूएन नक्शे के डिस्क्लेमर में साफ लिखा है कि, ‘नक्शे में दिखाई गई सीमा और लिखे गए नाम और पदवी, संस्था की ओर से किया जानेवाला प्रचार नहीं है’ और न ही ऐसे किसी प्रचार को यूएन स्वीकार करता है। नए नेपाली नक्शे में भारतीय क्षेत्र लिंपियाधुरा, लिपुलेख और कालापानी को अपनी सीमा में दिखाया गया है और भारत इसे सिरे से खारिज कर चुका है। नई दिल्ली के मुताबिक इसके पहले के किसी भी नेपाली नक्शे में ये क्षेत्र उसकी सीमा में नहीं थे। इससे साफ है कि नेपाल की सरकार किसी दबाव में काम रही है। नेपाल की केपी शर्मा ओली की अगुवाई वाली सरकार ने संविधान में बदलाव करते हुए हाल ही में नये राजनीतिक नक्शे को मंजूरी दी थी। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा है कि नेपाल का नया नक्शा ऐतिहासिक तथ्यों और सबूतों पर आधारित नहीं है, इसलिए इसे कभी भी स्वीकार नहीं किया जाएगा। तभी से दोनों देशों की सरकारों के बीच कड़वाहट बनी हुई है।