दिल्ली सहित उत्तर भारत के कई शहरों का एक्यूआई बेहद खराब, शिमला में पा रहे सुकून
शिमला
जहां एक ओर देश की राजधानी का वायु प्रदूषण का स्तर अत्यधिक खराब चल रहा है, वहीं प्रदेश की राजधानी शिमला का एक्यूआई सर्वोत्तम बना हुआ है। देश ही नहीं, अपितु प्रदेश में भी शिमला का वायु प्रदूषण का स्तर सर्वोत्तम 18 चल रहा है, जो कि सबसे उत्तम आंका गया है। हालांकि धर्मशाला का एक्यूआई भी 30 है और मनाली में 38 चला हुआ है, जो कि सर्वोत्तम कैटेगरी की श्रेणी में आता है। ऐसे में शिमला की हसीन वादियों और यहां के विहंगम दृश्य व नैसर्गिक सुंदरता को निहारने के लिए उत्तर भारत सहित देश के विभिन्न हिस्सों से सैलानी शिमला का रूख कर रहे है। हालांकि विंटर सीजन आरंभ हो चुका है और बर्फबारी की चाह में पर्यटक एडवांस बुकिंग करवाने में जुट गए है, लेकिन देश की राजधानी दिल्ली सहित उत्तर भारत व अन्य शहरों के खराब चल रहे वायु प्रदूषण के चलते भी शिमला की ओर सैलानी रूख कर रहे है, ताकि यहां की शुद्ध व ताजी हवा में सांस ले सके। हिमाचल में भी काला अंब और बद्दी में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ा हुआ है और यहां एक्यूआई मॉड्रेट बना हुआ है। चूंकि यह औद्योगिक क्षेत्र है और इसी के चलते यहां पर वायु प्रदूषण बढ़ा हुआ है।
कालाअंब में 103 तो बददी में 163 एक्यूआई का स्तर है। इसके अलावा अन्य जगहों पर वायु प्रदूषण का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। बात यदि देश की करें तो दिल्ली में एक्यूआई का स्तर बहुत ही खराब बना हुआ है। यहां पर एक्यूआई का स्तर 328 है। इसके अलावा दरभंगा का 376, छपरा का 367, भटिंडा का 331, भागलपुर का 317, बिहार शरीफ का 322, बक्सर का 389 चल रहा है। इसके अलावा अंकलेश्वर, आरा, आसनसोल, औरंगाबाद बिहार, बहादुरगढ़, बल्लभगढ़ आदि का वायु प्रदूषण स्तर खराब चल रहा है। सबसे खतरनाक स्थित बेगुसराय, बेतिया में वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर पर चला हुआ है। बेतिया में 445, बेगुसराय में 408 वायु प्रदूषण का स्तर चला हुआ है। यही कारण है कि देश के कई हिस्सों में खराब चल रहे वायु प्रदूषण को लेकर लोग हिल क्वीन शिमला का रूख करने से गुरेज नहीं कर रहे है।
यह होते है वायु प्रदूषण के मानक
वायु प्रदूषण के मानकों में 0-50 तक के एक्यूआई के स्तर को सर्वोत्तम, 51-100 के स्तर को संतोषजनक, 101-200 तक मॉड्रेट 201-300 तक खराब, 301 से 400 तक बहुत खराब और 400 से अधिक को खतरनाक स्तर पर आंका जाता है।