FD कराने के बाद ब्याज बढ़ने का नहीं होगा नुकसान, इन 2 बैंकों ने शुरू की यह स्पेशल एफडी स्कीम
Sg यस बैंक में आप रेपो रेट में हालिया बढ़ोतरी के बाद, 18 महीने और उससे अधिक की अवधि वाली एफडी पर 7.85% की ब्याज दर प्राप्त कर सकते हैं।
आसमान छूती महंगाई को काबू करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस साल मई से लेकर अब तक रेपा रेट को 4% से बढ़ाकर 6.25% कर दिया है। यानी बीते 7 महीने में ही रेपो रेट में 2.25% की बढ़ोतरी हो गई है। इस बढ़ोतरी के बाद बैंकों ने जहां होम, कार लोन समेत दूसरे सभी लोन पर ब्याज दर में बढ़ोतरी की है, वहीं, एफडी पर भी लगातार ब्याज दर को बढ़ाया है। बैंकों ने एफडी को 3% से बढ़ाकर 7.5% तक कर दिया है। बैंकों द्वारा ब्याज दर में बढ़ोतरी करने से बहुत सारे निवेशकों को नुकसान उठाना पड़ा है क्योंकि उन्होंने पहले ही एफडी करा रखी थी। जानकारों का कहना है कि आरबीआई आगे भी एक या दो बार रेपो रट में बढ़ोतरी कर सकता है। ऐसे में अगर आप एफडी कराने की सोच रहे हैं तो आप फ्लोटिंग रेट एफडी का विकल्प चुन सकते हैं। इसमें ब्याज दर बढ़ने पर आपको नुकसान नहीं होगा। आइए, जानते हैं कि क्या है फ्लोटिंग रेट एफडी और यह समान्य एफडी से कैसे अलग है।
इन दो बैंकों में मिल रहा है विकल्प
मौजूदा समय में आईडीबीआई बैंक और यस बैंक फ्लोटिंग रेट एफडी का विकल्प दे रहे हैं। आईडीबीआई बैंक का सबसे आकर्षक फ्लोटिंग रेट एफडी विकल्प 364-दिनट्रेजरी बिल और 1% स्प्रेड के बेंचमार्क के साथ था। लेकिन इस विकल्प को बैंक ने 1 नवंबर, 2018 से बंद कर दिया था। इस एफडी पर पुराने जमाकर्ताओं को जो मौजूदा दर मिल रही है, वह 7.75% के करीब है। हालांकि, बैंक द्वारा पेश किए गए मौजूदा विकल्प में बेंचमार्क के रूप में 91-दिन ट्रेजरी बिल है और इसका प्रसार केवल 0.5% है। नतीजतन, आपको केवल लगभग 6.63% का अधिकतम रिटर्न मिलेगा। वहीं, यस बैंक 18 महीने और उससे अधिक की लंबी अवधि की एफडी के लिए 1.6% का अच्छा स्पेड प्रदान करता है। यस बैंक में आप रेपो रेट में हालिया बढ़ोतरी के बाद, 18 महीने और उससे अधिक की अवधि वाली एफडी पर 7.85% की ब्याज दर प्राप्त कर सकते हैं, जो वर्तमान परिदृश्य में एक अच्छी दर मानी जा सकती है क्योंकि यह 8.05% की अधिकतम दर के बहुत करीब है।
क्या होता है फ्लोटिंग रेट एफडी
समान्य एफडी में आप जब कराते हैं तो उस समय जो ब्याज उस पर तय किया जाता है, वह मैच्योरिटी तक मिलता रहता है। यानी, उसमें कोई बदलाव नहीं होता है। वहीं, फ्लोटिंग रेट फिक्सड डिपॉजिट में जब आप पैसा निवेश करते हैं तो इसमें इंटरेस्ट रेट मैच्योरिटी की अवधि तक बदलते रहते हैं। मौजूदा समय में आरबीआई हर निश्चित अवधि में ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर रहा है। ऐसे में बैंक अगर एफडी पर ब्याज दर बढ़ाते हैं तो आपको एफडी पर बढ़ा हुआ ब्याज मिलता है। वहीं, घटाने पर ब्याज दर में कटौती हो जाती है। मौजूदा समय में जिस तरह महंगाई की मौजूदा परिस्थिति को देखते हुए जिस तरह से रिजर्व बैंक रेपो रेट बार-बार बढ़ा रहा है, तो उससे एफडी रेट्स के ब्याज में भी बढ़ोतरी हुई है। ऐसे में आपके लिए फ्लोटिंग रेट एफडी में निवेश करना मुनाफे का सौदा हो सकता है।