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कई सदियों तक नहीं जाएगा कोरोना

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WHO ने कोरोना को बताया सदी का सबसे बड़ा स्वास्थ्य संकट, कहा ‘दशकों तक बने रहेंगे प्रभाव

नई दिल्ली : विश्वभर में कोरोना का संक्रमण लगातार तेजी से बढ़ता जा रहा है. वर्तमान में विश्व में कोरोना से संक्रमित होने वालों का आंकड़ा 1 करोड़ 71 लाख के ऊपर पहुंच गया है. ऐसे समय में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने आपातकालीन समिति की बैठक की है. इस बैठक में डब्ल्यूएचओ ने कहा कि कोरोनोवायरस महामारी के प्रभाव को दशकों तक महसूस किया जाएगा. कोरोना वायरस से अबतक 6 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हुई है.

 

विश्व स्वास्थ्य संगठन की आपातकालीन समिति की बैठक में जिसमें 18 सदस्य और 12 सलाहकार शामिल थे. कोरोना वायरस महामारी के संकट पर चौथी बार बैठक कर रहा है. बैठक शुरू होते ही डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसस ने कहा ‘आज से छह महीने पहले जब विश्व स्वास्थ्य को देखते हुए हमने कोरोना को सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल की घोषणा की थी तब चीन में 100 से कम मामले थे, वहीं चीन के बाहर कोई भी मौत नहीं हुई थी. ‘

 

डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसस ने आगे कहा ‘महामारी एक बार में एक सदी का स्वास्थ्य संकट है, जिसके प्रभावों को आने वाले दशकों तक महसूस किया जाएगा.’ उनका कहना है कि समिति नई सिफारिशों का प्रस्ताव कर सकती है या मौजूदा लोगों को संशोधित कर सकती है.

 

हालांकि, इसमें कोई संदेह नहीं है कि डब्ल्यूएचओ PHEIC के रूप में महामारी की स्थिति को बनाए रखेगा. वहीं कोरोना वायरस को अंतरराष्ट्रीय आपातकाल घोषित करने में लगने वाली देरी के लिए डब्ल्यूएचओ की तीखी आलोचना की गई है. संयुक्त राज्य अमेरिका ने संगठन पर चीन के बहुत करीब होने का आरोप लगाया है.

 

टेड्रोस ने कोरोना वैक्सीन पर बोलते हुए कहा ‘कई वैज्ञानिक सवालों को हल किया गया है, वहीं कई सवालों का जवाब दिया जाना बाकी है. सीरोलॉजी अध्ययन के प्रारंभिक परिणाम से काफी मदद मिली है. दुनिया के अधिकांश लोग इस वायरस के प्रति संवेदनशील हैं. यहां तक ​​कि उन क्षेत्रों में भी जो गंभीर प्रकोपों ​​का अनुभव कर चुके हैं.

 

टेड्रोस का कहना है कि वैक्सीन पर काम रिकॉर्ड गति से हो रहा है. इसके साथ ही उनका कहना है कि हमें इस वायरस के साथ रहना सीखना चाहिए, और हमें अपने पास मौजूद उपकरणों के साथ इसका मुकाबला करना चाहिए.