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भाजपा ने डाला 3 हजार करोड़ का बोझ; दफ्तर बंद करने के हो-हल्ले पर मुख्यमंत्री का विपक्ष को जवाब

sg        दफ्तर बंद करने के हो-हल्ले पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का विपक्ष को करारा जवाब

हिमाचल लौटते ही मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पूरे रंग में नजर आए। उनकी गैरहाजिरी में जो भी सवाल प्रदेश में उठ रहे थे, उन्होंने सिलसिलेवार सबका जवाब दिया। संस्थानों को बंद करने के मामले पर उन्होंने विपक्ष को खुली चुनौती दे दी है। उन्होंने कहा कि विपक्ष कोर्ट जाना चाहता है, तो बेझिझक जा सकता है। वह अब इस मामले का जवाब कोर्ट में ही देंगे। प्रदेश सचिवालय में मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि पूर्व भाजपा सरकार ने साढ़े चार साल खामोशी से काट दिए। प्रदेश में कोई भी कार्यालय खोलने के बारे में विचार नहीं किया। जब चुनाव का वक्त आया, तो 590 संस्थान खोल दिए। उन्होंने कहा कि हिमाचल में अब तक जितने भी पूर्व में मुख्यमंत्री रहे हैं उन्होंने भी ऐसे कदम नहीं उठाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चपरासी चला रहे थे। प्रदेश सरकार इन संस्थानों को आगे चलाती रहेगी, तो तीन हजार करोड़ रुपए की जरूरत पड़ेगी। उन्होंने कहा कि 75 हजार करोड़ रुपए का ऋण हिमाचल पर है।

अपने कार्यकाल में उन्होंने तीन हजार करोड़ रुपए का प्रावधान नहीं किया। अब सवाल यह है कि चपरासी कैसे संस्थान चला सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आखिरी कोशिश में लगातार संस्थान खोलने के बाद भी लोगों ने भाजपा को नकार दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की जीत के बाद सभी 40 विधायकों की राय ली गई। इसके बाद पांच विधायकों की कमेटी बनाई गई। उसके बाद केस स्टडी किया और रिपोर्ट मांगी गई। इस रिपोर्ट में ही यह खुलासा हुआ कि कई संस्थानों में चपरासी भी नहीं थे। संस्थान खोलने के बाद मेडिकल स्टाफ रखते। कहा कि एसडीएम कार्यालय खोले सीट संभालने वाला कोई नहीं था। प्रदेश के लोगों पर हजारों करोड़ का बोझ डालने का काम किया। कोई संस्थान खोलना हो, तो उसमें स्टाफ की भी जरूरत होती है। उन्होंने कहा कि सभी संस्थान राजनीतिक दृष्टिकोण से खोले गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष अब इस मामले में कोर्ट जाने की बात कर रहा है, तो यह कदम जल्द उठाया जाना चाहिए, ताकि सरकार अपना जवाब कोर्ट में ही दे सके। उन्होंने कहा कि पिछले पांच साल में किसी भी भर्ती का रिजल्ट नहीं आया।

ऐसे में इन संस्थानों में नियुक्तियां कहां से हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा ने संस्थान खोल कर लोगों से धोखा किया है। हिमाचल में नहीं चलेगा मिशन लोटस : सरकार के गठन के मुहुर्त पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि जनभावना से बड़ा कोई मुहुर्त नहीं है। प्रदेश की सरकार लोगों के समर्थन से बनी है। उन्होंने कहा कि जनता का प्यार और भावना सर्वाेपरि है। उन्होंने कहा कि हिमाचल में मिशन लोटस की कोई संभावना नहीं है। सभी विधायक कांग्रेस के साथ हैं। वह दिल्ली में थे, तब भी विधायक विधानसभा में घूम रहे थे। कांग्रेस इस बार सत्ता परिवर्तन नहीं, बल्कि व्यवस्था परिवर्तन की राजनीति करेगी।

सीमेंट कंपनी पर तालाबंदी को जिम्मेदार नहीं सरकार

शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल में सीमेंट विवाद पर सरकार का रुख साफ कर दिया है। उन्होंने कहा कि सीमेंट कंपनियों में तालाबंदी के लिए किसी भी स्तर पर हिमाचल सरकार जिम्मेदार नहीं है। उन्होंने कहा कि यह तालाबंदी सीमेंट कंपनी और ट्रक ऑपरेटरों के बीच छिड़े विवाद की वजह से हुई है। इसे जल्द से जल्द निपटा लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने सीमेंट के दाम कम करने की ओर कदम बढ़ाया था और इस कदम को सीमेंट प्लांट के बंद होने से नहीं जोड़ा जा सकता है। उन्होंने कहा कि सीमेंट प्लांट बंद होने का मुख्य कारण ट्रांसपोर्ट यूनियन और कंपनी प्रबंधन के बीच चल रहा विवाद है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मसले पर उद्योग विभाग के सचिव से पूरा ब्यौरा मांगा गया है। जो जानकारी सामने आएगी, उसके आधार पर आगामी कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार यह प्रयास जरूर करेगी कि विवाद जल्द से जल्द हल हो सके। उन्होंने कहा कि उद्योग विभाग से पूरे मामले का फीडबैक लिया जाएगा।