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प्रदेश में पिछले दो महीने से ड्राईस्पेल चल रहा है। ड्राईस्पेल के चलते प्राकृतिक जल स्रोत सूखने की कगार पर आ गए हैं। पर्यटन नगरी धर्मशाला में स्थित भागसूनाग वाटरफॉल का पानी भी अब धीरे-धीरे सूख गया है। एक बड़ी मात्रा की धारा में बहने वाला वाटरफॉल जो अब सूख कर पतली सी धारा में बह रहा है। नीचे झरने के आसपास पानी न होने से सूखा पड़ा है। पुल की तरह दिखने वाला झारना अब एक छोटे नाले में तबदील हो गया है। प्रदेश में पिछले दो माह में केवल एक बार ही बर्फबारी व बारिश हुई है। जिसके कारण पानी के लिए प्राकृतिक स्रोत के झरने भी सूखने लग गए है। लंबे समय तक बारिश व बर्फबारी न होने से आने वाले समय में पानी का संकट गहरा सकता है।
पाइप लाइन में पानी कम आने की आंशका शुरू हो गई है। गर्मियों में फसल की सिंचाई के लिए पानी में कमी हो सकती है व किसानों को पानी की कमी से फसल की सिंचाई करने में समस्या का सामना करना पड़ सकता है। वहीं जलशक्ति विभाग धर्मशाला डिवीजन एक्सईएन अनिश ठाकुर ने बताया कि विभाग की ओर से सत्तोवरी में चल रही पेयजल परियोजना में बारिश न होने के कारण 30 प्रतिशत जल में कटौती हुई है और अगर कुछ समय और ऐसा ही रहा, तो पानी की बहुत बड़ी समस्या से जुझना पड़ सकता है। धर्मशाला में पर्यटकों की संख्या दिन-प्रतिदिन कम होती जा रही है। नए साल में भी बर्फबारी न होने के चलते कई पर्यटक मनाली व अन्य कई पर्यटन स्थालों पर रुख कर गए थे। –