Wednesday, November 27, 2024

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बाबा रामदेव का पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री को समर्थन, कहा : ‘जो आँखों से दिख रहा, वो तो बस 1% है’: सब जगह पाखंड मत देखो

SG

महंत धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री पर विवाद होना स्वाभाविक है। जो हिन्दू अयोध्या में रामजन्मभूमि पर कुर्सी के भूखे तुष्टिकरण का पालन करने वाले के दुष्प्रचार के आगे नतमस्तक होता हो, श्रीराम को काल्पनिक कहने वाले छद्दम धर्म-निरपेक्षों को शांतिदूत मानते हों, उनकी बुद्धि को क्या कहा जा सकता है? ऐसे बेशर्म और बुद्धिविहीन हिन्दुओं को मुसलमानों से धर्म सीखना चाहिए, जो फरेब को सच साबित करने को आमादा है। जबकि पुरातत्व विभाग के तत्कालीन निदेशक के के मोहम्मद, जिनकी निगरानी में कोर्ट के आदेश पर मंदिर के सबूत जुटाने खुदाई हुई थी, ने सेवानिर्वित होने उपरांत लिखी अपनी पुस्तक में स्पष्ट लिखा है कि “अयोध्या में राम मंदिर कभी का बन गया होता, अगर कांग्रेस और वामपंथियों ने खुदाई में मिले मंदिर के इतने अधिक मिले सबूतों को छिपाकर केवल एक खम्बा ही नहीं दिखाया होता।”

इतने चैनल महंत की सच्चाई जानने गए, लेकिन सभी उनका गुणगान करते नज़र आए। ABP News जो दुष्प्रचार करने में पीछे नहीं था, “जब महंत जी भरे दरबार में पूछा कि क्या कोई मेरे चाचा जानता है तो बताए, सन्नाटा छाते देख बोले, यहाँ जिस रिपोर्टर के चाचा का ये नाम है, सामने आए।” रिपोर्टर बिन बोले उसके प्रश्नों का उत्तर देने के बाद उसको दुष्प्रचार बंद करने के लिए कहा।

इतना ही नहीं, महंत शास्त्री का विरोध करने वालों को शायद रामभक्त हनुमान के चमत्कारों का ज्ञान नहीं। रामभक्त हनुमान के एक चमत्कार, पत्थरवाले, चांदनी चौक स्थित हनुमान मंदिर के महंत गौरव शर्मा का पिछले लेख में उल्लेख किया था। अब कटनी, मध्य प्रदेश में हनुमान मंदिर है, जहाँ टूटी हड्डियों को जड़ीबूटियों के खिलाने से तुरंत जोड़ा जाता है। जबकि किसी भी उपचार में संभव नहीं कि दवाई खाते ही टूटी हड्डी जुड़ जाए, लेकिन रामभक्त हनुमान इसे संभव कर रहे हैं। जड़ीबूटी खाने के बाद पंडित जी कहते हैं कि जिनके प्लास्टर चढ़ा है, एक्सरे करवा लो हड्डी जुड़ गयी है। यह मंदिर हड्डी वाले मंदिर के नाम से मशहूर है। दोनों में व्यक्तिगत अनुभव है।

बाबा रामदेव ने बागेश्वर धाम के महंत धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि कुछ पाखंडी लोग टूट के उनके पीछे पड़ गए हैं। ऐसे लोग पूछ रहे हैं कि ये भगवान की कृपा क्या होती है? बालाजी की कृपा क्या होती है? पूछते हैं हनुमान जी की कृपा क्या है? स्वामी रामदेव ने कहा, जिन्हें बाहर की आंखों से देखना हो वो धीरेन्द्र शास्त्री से पूछें. जिन्हें तर्क-वितर्क करना हो वो रामभद्राचार्य जी के पास आ जाओ और जिन्हें चमत्कार देखना हो तो इनके शिष्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के पास चले जाओ.

दरअसल बाबा रामदेव धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के गुरु रामभद्राचार्य जी के पास पहुँचे थे और वहीं मंच से उन्होंने धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री का समर्थन किया। उन्होंने कहा, “ये सब अगर बिना आँखों की देखनी हो तो आप पूज्य भद्राचार्य जी में देख लो। अगर आपको बाहर की आँखों से देखना हो तो यह आप धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री में देख लो। भगवान के अनुग्रह से व्यक्ति को सूक्ष्म जगत की अनुभूति होती है। लेकिन यह गुरु की कृपा और भगवत की कृपा से होता है। गुरु की कृपा, भगवत कृपा से बालाजी महाराज की कृपा होती है।”

उन्होंने आगे कहा, ”जब गुरु और भगवान की शरण में रहने वाला और दैवीय कृपा संपन्न जब कोई महापुरुष आशीर्वाद दे देता है तो व्यक्ति संकटों से मुक्त हो जाता है। यही काम धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री जी कर रहे हैं।” बाबा रामदेव ने कहा कि जहाँ तक बात रही तर्क-वितर्क की जिनको तर्क करना है तो वह महाराज जी (रामभद्राचार्य जी) के पास आ जाएँ। जिनको चमत्कार देखना हे वह महाराज जी के चेले (महंत धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री) के पास चले जाएँ।

बाबा ने आगे कहा, “मैं तो ज्यादा मीडिया के लोगों को फोन नहीं करता हूँ। लेकिन, मैंने कुछ को बोला है कि सब जगह पाखंड मत देखो। कुछ यह भी देख लो कि जो सच है, जो दिख रहा है आँखों से – वह केवल एक प्रतिशत है। अदृष्ट 99 प्रतिशत है।” उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले जब महंत धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री महाराष्ट्र गए थे तो वहाँ कथा के समापन के बाद ‘महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति’ के राष्ट्रीय संयोजक श्याम मानव ने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर अंधविश्वास फैलाने का आरोप लगाया था।

SABHAR ……. RBL  NIGAM