केंद्रीय बजट से आशा कहीं हाथ न लग जाए निराशा! … हलवा सेरेमनी के साथ शुरू हुई बजट की उल्टी गिनती
SG
मुंबई
टैक्स में कटौती, तंबाकू और अन्य हानिकारक वस्तुओं पर उच्च कर, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को समय पर भुगतान और पुरानी पेंशन प्रणाली (ओपीएस) पर वापस लौटना कुछ ऐसी आशाएं हैं, जो नागरिकों को केंद्रीय बजट २०२३-२४ से हैं। नागरिकों की इन आशाओं के बीच पारंपरिक हलवा सेरेमनी के साथ ही बजट की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को वित्त वर्ष २०२३-२४ का बजट पेश करेंगी। उससे पहले गुरुवार को सीतारमण की मौजूदगी में हलवा सेरेमनी का आयोजन किया गया। हलवा सेरेमनी के बाद वित्त मंत्रालय के कर्मचारी नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में ही रहेंगे। सभी कर्मचारियों को वित्त मंत्री के बजट भाषण के बाद ही बाहर निकला जाएगा। ऐसा इसलिए होता है, ताकि बजट से जुड़ी कोई भी जानकारी लीक न होने पाए। इन सभी तैयारियों के बीच कई जानकारों में ऐसी चर्चाएं हैं कि कहीं इस साल का बजट हर बार की तरह इस बार भी निराशा लेकर न आए। फिलहाल, इसका खुलासा बजट पेश करने के दौरान ही हो पाएगा।
ज्ञात हो कि हर साल बजट की तैयारी के लिए ‘लॉक इन’ प्रोसेस से पहले हलवा सेरेमनी का आयोजन किया जाता है। बजट डॉक्यूमेंट्स की प्रिंटिंग शुरू होने के साथ ही इस बार गणतंत्र दिवस के दिन पारंपरिक हलवा सेरेमनी मनाई गई। बजट को अंतिम रूप देने से पहले वित्त मंत्रालय में हलवा बनाया जाता है। यह परंपरा लंबे समय से चली आ रही है। इसकी वजह यह है कि अपने यहां हर शुभ काम की शुरुआत मीठे से होती है। कोरोना महामारी के कारण पिछले दो साल हलवा सेरेमनी नहीं हो पाई थी। इसकी जगह कर्मचारियों को कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए मिठाई दी गई थी, वहीं इस सेरेमनी के दौरान वित्त मंत्री ने बजट प्रेस का दौरा किया और तैयारियों का जायजा लिया। वित्त मंत्रालय ने ट्वीट किया है कि बजट पिछले दो वर्षों की तरह कागज रहित होगा। साथ ही सभी १४ यूनियन बजट डॉक्यूमेंट्स यूनियन बजट मोबाइल ऐप पर उपलब्ध होंगे।
यह चाहती है देश की जनता
हर साल की तरह केंद्र ने नागरिकों से आधिकारिक वेबसाइट पर आगामी केंद्रीय बजट पर अपने विचार और सुझाव देने को कहा था। इसमें करों में कटौती की मांग के अलावा कुछ असामान्य सुझाव भी शामिल थे। देश की जनता ने अपने दिए गए विचार और सुझाव में कहा है कि केंद्र सरकार जन्म तारीख से बैंक खाता संख्या, आधार कार्ड, पैन और मोबाइल देना अनिवार्य करे। वह यह भी चाहती है कि सरकार प्रत्येक बच्चे के १८ वर्ष का होने तक सावधि जमा में कुछ राशि का योगदान करे और करदाताओं के लिए स्वास्थ्य बीमा मुहैया कराए। अधिकांश सुझाव अपेक्षित रूप से आयकर में कटौती पर थे। लोगों ने भुगतान के डिजिटल तरीकों का उपयोग करने वालों के लिए कर में छूट, करदाताओं के लिए ५,००० रुपए के स्वास्थ्य बीमा आदि की मांग की। इतना ही नहीं जनता की तरफ से न्यूनतम वैकल्पिक कर व्यवस्था को समाप्त करने के सुझाव भी आए थे। कई लोगों ने सड़कों सहित ग्रामीण बुनियादी ढांचे के साथ ही अनुसंधान क्षेत्रों और विकास गतिविधियों पर खर्च बढ़ाने के लिए कहा है। कुछ लोग ऐसे हैं, जिन्होंने पुरानी पेंशन प्रणाली को वापस लेने की मांग की थी।
तंबाकू उत्पादों पर बढ़े कर
नागरिक विनयकुमार सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार अपने बजट में तंबाकू उत्पादों पर कर बढ़ाए। यह तंबाकू से संबंधित मौतों को कम करने और अतिरिक्त राजस्व उत्पन्न करने में मदद करेगा, जिसका उपयोग आयुष्मान भारत को मजबूत करने जैसी राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजनाओं के लिए किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के बजट में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए व्यक्तिगत आयकर की निचली सीमा को बढ़ाकर ८ लाख रुपए प्रतिवर्ष किया जाना चाहिए। साथ ही १० करोड़ रुपए की आय वाली कंपनियों के लिए कॉर्पोरेट टैक्स में वृद्धि पर विचार होना चाहिए। एक और नागरिक वेंकट नारायण ने कहा कि ४० से ८० फीसदी दिव्यांगों के लिए कटौती की सीमा ७५,००० रुपए है, जिसे बढ़ाकर २ लाख रुपए किया जाना चाहिए अथवा आयकर भुगतान में छूट दी जानी चाहिए। इसके साथ ही दिव्यांगों द्वारा लिए गए गृह आवास के लिए भी सरकार १५ लाख रुपए तक के कर्ज को माफ कर सकती है।