आदित्य ठाकरे की चुनौती: मैं इस्तीफा देता हूं, शिेंदे मेरे खिलाफ वर्ली से चुनाव लड़कर दिखाएं!
SG
मुंबई
शिवसेना और महाविकास आघाड़ी की पीठ में छुरा घोंपकर सत्ता में आई ‘ईडी’ सरकार के खिलाफ राज्य में गुस्सा फूट पड़ा है और शिवसेना की भगवा लहर हर तरफ उमड़ पड़ी है। इसलिए विश्वासघात करनेवाले तेरह सांसद और चालीस विधायक चुनाव के समक्ष जाने की हिम्मत नहीं करते। आप में हिम्मत है तो मैं भी वर्ली से विधायक पद से इस्तीफा देता हूं, असंवैधानिक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे मेरे खिलाफ वर्ली से खड़े हों और जीतकर दिखाएं, ऐसी चुनौती शिवसेना नेता व युवासेनाप्रमुख आदित्य ठाकरे ने कल देवनार में आयोजित शिवसेना पदाधिकारियों के सम्मेलन में दी। जो भी ताकत लगानी हो लगा लो, जितने खोके बांटने हों बांट लो, सरकारी तंत्र का जितना दुरुपयोग करना हो करो, लेकिन वर्ली का एक भी वोट नहीं बिकेगा ऐसा विश्वास आदित्य ठाकरे ने व्यक्त किया।
शिवसेना विभागप्रमुख प्रमोद शिंदे के माध्यम से देवनार में शिवसेना के पदाधिकारियों की एक सभा आयोजित की गई और सभा को संबोधित करते हुए युवासेनाप्रमुख आदित्य ठाकरे ने गद्दारों की जमकर खबर ली। गद्दारों को इस्तीफा देकर चुनाव लड़ने की चुनौती मैंने कई बार दी लेकिन उनमें चुनाव का सामना करने की हिम्मत ही नहीं है। जनमत विरोध में जाने के चलते असंवैधानिक सरकार चुनाव से दूर भाग रही है। मुंबई मनपा को कंगाल करने का ठेका इस सरकार ने लिया है। हालांकि, बाहर मुंबई में सबकुछ शिवसेना के इशारों पर चल रहा है, ऐसा भ्रम पैदा किया जा रहा है। हमें उसे समाप्त करना है। कितनी भी अफवाह उठे और हजार प्रभाग बनाया फिर भी मुंबई मनपा में शिवसेना का ही महापौर बैठनेवाला है, ऐसा उन्होंने इस दौरान कहा।
जहां जाएंगे, वहां खोके
कोरोना महामारी के दौरान मैंने महाविकास आघाड़ी सरकार के माध्यम से दावोस का दौरा किया। उस समय प्रदेश में ८० हजार करोड़ रुपए का निवेश राज्य में लाया। उनके जैसा फर्जी निवेश नहीं दिखाया। गद्दार भी दावोस दौरे पर गए, २८ घंटे वहां रुके और ४० करोड़ रुपए का खर्च किया। वहां भी खोके, जहां जाते हैं, वहां भी खोके, और खोके मिले तो सब ओके ऐसी फटकार भी आदित्य ठाकरे ने इस दौरान लगाई।