Sunday, November 24, 2024

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मुंबई को कंगाल करने की मिंधे सरकार की साजिश! मनपा की एफडी पर डाका…१५ हजार करोड़ रुपए का एफडी तोड़ेंगे

SG

मुंबई
बिना किसी नए काम, परियोजनाओं के न होते हुए भी मनपा ने इस साल रिकॉर्ड ५२,६१९.०७ करोड़ रुपए का ‘मेगा बजट’ पेश किया है, फिर भी १५,६५७ करोड़ रुपए की ‘एफडी’ को तोड़कर उसे इस्तेमाल करने का फैसला किया गया है। विशेषज्ञ कह रहे हैं कि यह मुंबईकरों के हक की एफडी को हड़पने का तरीका है। यह भविष्य में जोखिम उठाने का एक तरीका है। इसके अलावा विभिन्न प्रकार की परियोजनाओं के लिए ५,९७० करोड़ रुपए का आंतरिक कर्ज लेने की विफलता भी आने की संभावना है। दिलचस्प बात यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मुंबई यात्रा के दौरान पूछा था कि यदि परियोजनाओं के लिए एफडी का उपयोग नहीं किया तो उसका क्या उपयोग है? इसलिए यह बजट ‘मिंधे’ सरकार की आड़ में मनपा को कंगाल करने की साजिश बताई जा रही है।
मनपा में इस साल कोई निर्वाचित नगरसेवक नहीं होने के कारण आयुक्त प्रशासक इकबाल सिंह चहल ने बजट पेश किया। हालांकि, इसमें आय के किसी नए स्रोत की घोषणा नहीं की गई। लेकिन सुरक्षित भविष्य के लिए आरक्षित ‘एफडी’ से बड़ी परियोजनाओं को निधि देना प्रस्तावित किए जाने से निकट भविष्य में मुंबई के लिए खतरा पैदा हुआ है, इसमें मनपा के प्रमुख स्रोत चुंगी वर्ष २०१७ में बंद होने के बाद राज्य सरकार से मिलनेवाले करीब ८८० करोड़ का मुआवजा फिलहाल हर माह मिलना प्रस्तावित है। फिर भी यह मुआवजा कब मिलेगा, इसकी कोई निश्चितता नहीं होने के कारण मनपा का वित्तीय पहिया वैâसे चलेगा? यह सवाल पैदा हो गया है। खास बात यह है कि राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में प्रॉपर्टी टैक्स, सहायक अनुदान जैसे विभिन्न स्वरूपों से ७,२२३.४२ करोड़ रुपए बकाया है, जिसे लेकर बार-बार फॉलोअप के बाद भी यह राशि प्राप्त नहीं होने की वजह से आर्थिक फटका लग रहा है।
मनपा के विभिन्न विभागों के पास आनेवाली राशि, कर, लाइसेंस विभाग, विभिन्न प्रकार के शुल्क, कुछ प्रकार के राजस्व में जमा होने के बाद संबंधित विभागों के खर्चों को पूरा कर शेष बचनेवाली ‘सरप्लस’ राशि फिक्स डिपॉजिट’ में रखी जाती है। इसके अलावा मनपा द्वारा पहले से जमा की गई एफडी ‘मॅच्युअर्ड’ होने के बाद पुनर्निवेशित किया जाता है। इसके चलते यह राशि बढ़ जाती है।
इन परियोजनाओं के लिए निधि
कोस्टल रोड, गोरेगांव-मुलुंड लिंक रोड, सीवरेज प्रोजेक्ट जैसी लंबी अवधि की बड़ी परियोजनाओं के लिए इस निधि का इस्तेमाल किया जाएगा। इसमें क्रमश: ३,५४५ करोड़ रुपए, १,०६० करोड़ रुपए और २,७९२ करोड़ रुपए की निधि का उपयोग किया जाएगा। इसे बजट में प्रस्तावित किया गया है।
आयुक्त कहते हैं…
फिक्स्ड डिपॉजिट में मौजूद पैसा खुद मुंबईकरों से ही विभिन्न मार्गों से आया है। इस पैसे का उपयोग मुंबईकरों को विभिन्न सुविधाएं प्रदान करने के लिए किया जाएगा। इसके लिए एक विशिष्ट राशि ‘इंफ्रा फंड’ के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा, इसका फायदा मुंबईकरों को भी होगा।

शिवसेना का शासन काल सफल रहा
मुंबई मनपा पर बीते २५ सालों से अधिक समय से शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) की सत्ता है। इसमें प्रशासन के माध्यम से सुनियोजित तरीके से काम किए जाने के कारण पिछले पांच साल में ७८ हजार करोड़ की एफडी की राशि अब करीब ८८ हजार करोड़ पर पहुंच गई है, वहीं साल २०१७-१८ में कर्मचारियों के वेतन सहित प्रशासनिक व्यवस्था पर राजस्व व्यय ७५ फीसदी, जबकि विकास पर यानी पूंजीगत खर्च २५ फीसदी हो रहा था। लेकिन मितव्ययिता और ध्वनि प्रबंधन के कारण २०२३-२४ में राजस्व व्यय ४८ प्रतिशत पर, जबकि पूंजीगत व्यय २७ प्रतिशत बढ़कर ५२ प्रतिशत पर पहुंच गया।