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देश की सियासत में इन दिनों ‘हिन्दू राष्ट्र’ का मुद्दा छाया हुआ है, बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने की मुहिम को और धार दी है। इस सिलसिले में पिछले दिनों उन्होंने प्रयागराज में साधु संतों से मुलाकात भी की थी। वहीं अब इस मुद्दे पर मु्ख्यमंत्री योगी आदित्यनाथजी ने कहा कि ‘भारत एक हिन्दू राष्ट्र है…था…और रहेगा। मु्ख्यमंत्री ने कहा कि, भारत में रहने वाला हर नागरिक हिन्दू है। इसे धर्म, जाति और मजहब के हिसाब से नहीं देखना चाहिए।’
शिखर सम्मेलन में मु्ख्यमंत्री योगी आदित्यनाथजी से जब हिन्दू राष्ट्र को लेकर प्रश्न किया गया तो उन्होंने कहा कि ‘हमें पहले ये समझना होगा कि हिन्दू राष्ट्र से हमारा मतलब क्या है। हिन्दू कोई मत, कोई मजहब, कोई संप्रदाय नहीं है। ये एक सांस्कृतिक शब्दावली है, जो भारत के हरेक नागरिक पर फिट बैठती है। यहां की संस्कृति नागरिकता की दृष्टि से।’
हिन्दू राष्ट्र पर मु्ख्यमंत्री योगी का बड़ा बयान
मु्ख्यमंत्री योगी ने आगे कहा कि भारत का कोई व्यक्ति हज करने जाता हो तो उसका संबोधन वहां हिन्दू नाम से जाना जाता है। अगर भारत का कोई व्यक्ति हज करने जा रहा है वहां कोई उसे हाजी, इस्लाम के रूप में नहीं मानता, वहां उसे हिन्दू नाम से संबोधित किया जाता है तो उसे वहां कोई परेशानी नहीं है। इस परिदृश्य से देखा जाए तो भारत हिन्दू राष्ट्र है, क्योंकि यहां का हर नागरिक हिन्दू है। उन्होंने कहा कि हिन्दू कोई जाति सूचक, मत और मजहब सूचक शब्द नहीं है। ये हमारी सांस्कृतिक एकता है जो हिमालय से लेकर इस विस्तृत भूभाग पर जन्में लोग अपने आप हिन्दू कहलाते हैं। इस रूप में हिन्दू राष्ट्र से किसी को परहेज नहीं होना चाहिए।
मु्ख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अगर आप हिन्दू शब्द को किसी मत या संप्रदाय से जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं तो इसका मतलब है कि हम हिन्दू शब्द का मतलब समझने की भूल कर रहे हैं। वहीं संविधान के सर्वोपरि होने पर उन्होंने कहा कि ‘जहां तक संविधान की बात है तो संविधान के प्रति हर भारतीय के मान में सर्वोच्च सम्मान होना चाहिए, क्योंकि वो ही हमारा मार्ग दर्शक है।’