चुनाव आयोग ने गंदगी खा ली, अब सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती देंगे, चोरी को राजस्वीकृति मिल जाए तब भी चोर, चोर ही रहेगा!
SG
शिवसेना खत्म नहीं होगी, शिवसेना कमजोर नहीं, शिवसैनिकों और शिवसेनाप्रेमियों हताश न हो। ये लड़ाई अंत तक लड़नी ही होगी। जीत हमारी ही है। सिर्फ हिम्मत न हारें। विश्वास को टूटने न दें। मैदान में उतर गए हैं। अब जीत के बगैर पीछे नहीं लौटना है!
मुंबई
केंद्रीय चुनाव आयोग ने गंदा खा लिया है। शिवसेना पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न धनुष-बाण के संदर्भ में आयोग द्वारा दिया गया पैâसला लोकतंत्र के लिए बेहद घातक है, ऐसी तोप दागने के दौरान ही इस निर्णय को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती देंगे, ऐसा कहते हुए उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। प्रधानमंत्री को लाल किले से घोषणा करनी चाहिए कि ७५ वर्षों की आजादी खत्म हो गई है और लोकतंत्र को खत्म करके हमने तानाशाही शुरू कर दी है, ऐसा कहते हुए उद्धव ठाकरे ने हमला शुरू किया।
चुनाव चिह्न धनुष-बाण को छीनने का प्रयास किया गया, तो भी ये नहीं किया जा सकता है क्योंकि शिवसेना का धनुष-बाण शिवसेनाप्रमुख द्वारा की जानेवाली पूजा का हिस्सा है। अब वहां उत्सव मनाया जा रहा है। अपनी चोरी पच गई, इस वजह से चोरों को खुशी हुई होगी। लेकिन चोर तो चोर ही होता है। जिनमें खुद कुछ करने की मर्दानगी नहीं होती है, वो नामर्द ही होते हैं। नामर्द कितने भी जोश में आ जाए लेकिन वो मर्द नहीं बन सकता, यही सत्य है। ऐसा तीखा प्रहार उद्धव ठाकरे ने किया।
यह छत्रपति का महाराष्ट्र है, अंधे धृतराष्ट्र का नहीं। महाराष्ट्र अपनी आंखों के सामने लोकतंत्र का ऐसा वस्त्रहरण बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेगा।
• प्रधानमंत्री को लाल किले से घोषणा करने में कोई हर्ज नहीं है कि ७५ वर्षों की स्वतंत्रता अब समाप्त हो गई है और देश से लोकतंत्र को खत्म करके हमने तानाशाही शुरू कर दी है।
• पार्टी किसके साथ है, यह सिर्फ निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के आंकड़ों से तय करने लगे तो फिर कोई भी अमीर व्यक्ति चुने हुए विधायकों, सांसदों को खरीदकर पार्टी का सर्वेसर्वा बन सकता है।
• इन्हें किसी भी परिस्थिति में मुंबई महानगरपालिका जीतनी है। मुंबई के हाथ में भीख का कटोरा देकर मुंबई को दिल्लीश्वरों के दरबार में खड़ा करना है।
अब मशाल जल गई है। हर अन्याय का बदला महाराष्ट्र की जनता लिए बगैर नहीं रहेगी।
मेरा धर्म…
‘मेरा धर्म हिंदूहृदयसम्राट बालासाहेब ठाकरे! मेरी पार्टी उद्धव बालासाहेब ठाकरे!’ ऐसे घोषवाक्य सोशल मीडिया पर वायरल हुए। ‘नाम और चिह्न मिल भी जाएंगे लेकिन उसे कंधे पर उठाकर चलनेवाला निष्ठावान शिवसैनिक नहीं मिलेगा।’ ऐसे पोस्टर भी लग गए हैं।
तब तक उन्हें पेड़े खाने दो…
हम जल्द ही सर्वोच्च न्यायालय में जाएंगे, तब तक उन्हें धनुष-बाण का पेड़ा खाने दो। धनुष-बाण चुराने की खुशी उन्हें मिलने दो। अंतत: यदि चोर बाजार को ही मान्यता मिलनेवाली होगी तो शेष बाजार का मतलब ही नहीं बचता है, ऐसा उद्धव ठाकरे ने आगे कहा।
जनता बदला लेगी
चुनाव आयोग ने गद्दारों को धनुष-बाण का चिह्न दिया है, इसका मतलब आनेवाले महीने-दो महीनों में मुंबई महानगरपालिका के चुनाव हो सकते हैं। उन्हें अब मुंबई महानगरपालिका जीतकर मुंबई को दिल्लीश्वरों के समक्ष कटोरा लेकर खड़ा करना है। कल कदाचित हमारी मशाल का चिह्न भी छीन लिया जा सकता है। इन सबका बदला आम जनता लेगी, ऐसा उद्धव ठाकरे ने कहा।