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सियासतनामा : अफवाह तंत्र से सावधान

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अफवाह तंत्र से सावधान
आखिर झूठ का पर्दाफाश और दूध का दूध, पानी का पानी हुआ। बिहारी मजदूरों पर कथित हमले की जांच कर तमिलनाडु से लौटी जांच टीम ने इंटरनेट मीडिया पर चल रहे वीडियो और खबरों को फर्जी बताया है, साथ ही यह भी कहा है कि तमिलनाडु में स्थिति सामान्य है। जांच दल ने चेन्नई, कोयंबटूर और त्रिपुर जिलों का दौरा करते हुए वहां के कलेक्टर, एसपी, राजस्व पदाधिकारियों के साथ-साथ औद्योगिक संघ, श्रमिक यूनियन और किसान संगठन से जुड़े लोगों से हुई बातचीत और तमिलनाडु के मुख्य सचिव, डीजीपी सहित अन्य वरीय पदाधिकारियों के साथ हुई चर्चा के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की है। हालांकि, तमिलनाडु सरकार के अधिकारी झूठी और भ्रामक जानकारी फैलानेवालों पर नकेल कसने के लिए सख्त कदम उठा रहे हैं। वायरल हो रहा वीडियो भ्रामक है, यह जानकर बिहारी मजदूरों सहित तमिलनाडु की जनता ने भी राहत की सांस ली होगी। इतना तो तय है कि कोई एक अफवाह तंत्र ऐसा सक्रिय है जो हिंसा, भय और राज्य सरकार के खिलाफ जान-बूझकर अविश्वास का माहौल तैयार करना चाहता है।

मामा का धोखा?
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बीच जबरदस्त जुबानी जंग जारी है। एक-दूसरे पर जमकर निशाने साधे जा रहे हैं। दोनों एक-दूसरे को झूठा साबित करने पर लगे हैं। शिवराज कह रहे हैं कि कमलनाथ ने देवी अहिल्याबाई होल्कर नि:शुल्क शिक्षा योजना शुरू करने का वादा तो किया लेकिन निभाया नहीं। जबकि कमलनाथ ने शिवराज की बाल आशीर्वाद योजना पर सवाल उठाया है और आरोप लगाया है कि सारे बच्चे चीख-चीखकर कह रहे हैं कि मामा ने उन्हें धोखा दिया। दरअसल, कमलनाथ की सरकार को सिंधिया की बगावत से गिराकर ही शिवराज मुख्यमंत्री बने हैं। कमलनाथ के मन से यह टीस जा नहीं रही। फिर कमलनाथ ठहरे पुराने सियासी खिलाड़ी। शिवराज को लेकर आक्रामक कमलनाथ ने शिवराज को वैचारिक रूप से दरिद्र और मर्यादा विहीन करार दिया है। अब मध्य प्रदेश की जनता दोराहे पर है कि वह किसको अपनाए? वैसे, शिवराज के खिलाफ कमलनाथ ही नहीं दिग्गी राजा ने भी मोर्चा खोल रखा है। मामा की साख का सवाल है, देखना है ऊंट किस करवट बैठता है?

आंख का कांटा
आप विरोधियों के निशाने पर अब अरविंद केजरीवाल आ गए हैं। मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद केजरीवाल पर आरोपों की झड़ी लगा दी गई है। कांग्रेस प्रवक्ता अलका लांबा का आरोप है कि दिल्ली की शराब नीति का पूरा खाका केजरीवाल का था इसलिए उनकी गिरफ्तारी तय है। भाजपा सांसद मनोज तिवारी का कहना है कि सिसोदिया के पास केजरीवाल के बहुत सारे राज हैं। यह तो हुए नेता लेकिन, अब ठग सुकेश चंद्रशेखर ने भी केजरीवाल के कई राज जानने की बात करते हुए दावा किया है कि सिसोदिया के बाद केजरीवाल का नंबर लगेगा। सभी के बयान लगभग एक समान हैं। यह एक संयोग हो सकता है लेकिन केजरीवाल घिर रहे हैं, यह स्पष्ट दिख रहा है। केजरीवाल गैर भाजपा विपक्ष का बड़ा चेहरा बनकर उभरे। जाहिर-सी बात है कि उन्हें कुछ शक्तियों की आंखों का कांटा तो बनना ही था। वही हो रहा है।

विपक्ष की आवाज!
लंदन में राहुल गांधी के दिए बयानों की गूंज अब तक कायम है। अब इस मामले में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी एंट्री ले ली है। उन्होंने राहुल गांधी की आलोचना करते हुए कहा कि अगर वह इस मुद्दे पर चुप रहे तो लगेगा कि वह संविधान का गलत पक्ष बन जाएंगे। उपराष्ट्रपति की बातों से असहमत कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा कि राहुल गांधी का बयान तथ्यों पर आधारित है और जमीनी सच्चाई बताता है। उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति के तौर पर एक अंपायर होते हैं, वे किसी पार्टी के लिए चीयरलीडर नहीं हो सकते। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश का आरोप है कि असहमति रखनेवाला विपक्ष दंडित किया जा रहा है। उपराष्ट्रपति संसद और देश के प्रति जवाबदार हैं, किसी पार्टी के नहीं। राहुल की बातों से सहमति या असहमति हो सकती है। लेकिन उपराष्ट्रपति को शायद यह नहीं पता कि विपक्षी दलों से संबंधित संसद के १२ से ज्यादा सदस्यों ने संसद में विपक्ष की आवाज को दबाने का विरोध करने के लिए विशेषाधिकार हनन का नोटिस दे रखा है। अगर सरकार के विरोध में बोलना देशद्रोह है तो क्या ये सभी देशद्रोही हैं?