राज्यस्पेशल

सैनेटरी नैपकिन मशीन घोटाले में उलझी सरकार!

SG

रु.४२ करोड़ के घोटाले का आरोप
• मंत्री बैठक बुलाने पर विवश
 मुंबई
मुंबई महानगरपालिका के घनकचरा प्रबंधन विभाग की ओर से शहर के शौचालयों में सैनेटरी नैपकिन मशीन लगाने की टेंडर प्रक्रिया में ४२ करोड़ रुपए का घोटाला होने का आरोप लगा है। यह मुद्दा कल विधान परिषद में गूंजा। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष के विधायकों ने राज्य सरकार को इस मुद्दे पर घेरा। लेकिन राज्य सरकार इस बात पर अड़ी रही कि टेंडर प्रक्रिया में कोई अनियमितता नहीं हुई है। आखिरकार आंकड़ों के जाल में उलझे विपणन राज्यमंत्री शंभूराज देसाई को मनपा के उच्च अधिकारियों को बैठक बुलाकर मामले को सुलझाने के लिए विवश होना पड़ा।
शिवसेना (यूबीटी) के सदस्य अनिल परब ने ध्यानाकर्षण सूचना के तहत यह मुद्दा उठाया था। उन्होंने आरोप लगाया कि मुंबई मनपा में एक साल से प्रशासक नियुक्त है। मनपा अधिकारियों की मनमानी बढ़ गई है। पिछले महीने खुलासा हुआ था कि महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए शौचालयों में सैनेटरी नैपकिन मशीन बिठाने के लिए दी गई टेंडर प्रक्रिया में ४२ करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है। उन्होंने कहा कि मैंने सूचना का अधिकार और जेम्स पोर्टल पर दी गई जानकारी के आधार पर सबूत इकट्ठे किए हैं। जिस मशीन की कीमत ४० हजार रुपए है, उसे ७० हजार रुपए की दर से खरीदा गया है। मुंबई मनपा की सीमा के अंदर ५ हजार स्वच्छता व टॉयलेट ब्लॉक नहीं हैं, फिर भी कुल ५ हजार मशीनों के टेंडर दिए गए हैं। उन्होंने मामले को गंभीर बताते हुए इस ठेके को रद्द करने और मामले की गहन जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। इसके जवाब में विपणन राज्यमंत्री शंभूराज देसाई ने कहा कि टेंडर प्रकिया में कोई अनियमितता नहीं हुई है। मुंबई में कुल ८,१७३ शौचालय हैं। सैनेटरी नैपकिन मशीन के लिए दो बार निविदा निकाली गई थी। दूसरी टेंडर प्रक्रिया में १०३ निविदा प्राप्त हुई थी। सबसे कम दर (७६,५२८ रुपए) देनेवाली रियलजेस्ट व्हेडकॉम कंपनी को २० फरवरी २०२३ को टेंडर दिया गया। यह कोंबो मशीन है, पहले दो मशीन लगती थी। अब एक ही मशीन में दोनों सुविधाएं हैं, जिससे साढ़े चार हजार रुपए की बचत हुई है। टेंडर समिति द्वारा पूरी जांच करने के बाद ही टेंडर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ जवाब दे रहा हूं कि कोई गलत काम नहीं हुआ है। इस बीच भाजपा सदस्य प्रवीण दरेकर ने अपने मार्फत चलाए जा रहे शौचालयों का हवाला देते हुए राज्यमंत्री देसाई का बचाव किया।