अकसर लोग शराब में बर्फ मिलाकर पीना पसंद करते हैं। लेकिन ये एक बहस का विषय है कि शराब को बर्फ मिलाकर पीना भी चाहिए या नहीं। पानी नहीं तो लोग कोल्ड ड्रिंक्स, सोडा या फिर एनर्जी ड्रिंक्स मिलाते हैं।
शराब पीने के शौकीन लोगों को अकसर ठंडी शराब ही पसंद होती है। लोगों का मानना है कि शराब ठंडी पी जाए, तो इसका मजा कई गुना ज्यादा बढ़ जाता है। ये लंबे समय से बहस का विषय रहा है कि हार्ड ड्रिंक में बर्फ या फिर पानी मिलाकर एन्जॉय करना चाहिए या फिर नहीं। भारत की बात करें, तो यहां मौसम या फिर ड्रिंक्स की क्वालिटी की वजह से यहां इसमें बर्फ या फिर पानी मिलाना काफी आम बात है। पानी नहीं तो लोग कोल्ड ड्रिंक्स, सोडा या फिर एनर्जी ड्रिंक्स और न जाने क्या-क्या मिलाकर शराब पीते हैं।
नीट शराब के पीछे की कहानी शराब परोसने से लेकर इसे पीने की एक लंबी डिक्शनरी है। नीट का मतलब होता है शराब में बिना कुछ मिलाए। जब भी लोग इंडियन व्हिस्की को बिना तरल मिलाए सीधे नीट पीते हैं तो ये हलक को चीरते हुए नीचे जाती हुई महसूस होती है। ऐसे में इस कड़वाहट को बैलेंस करना काफी जरूरी हो जाता है। इसके अलावा कई लोगों को हार्ड लिकर का टेस्ट भी पसंद नहीं आता। ऐसे में वे इसमें पानी मिलाकर पीना ज्यादा पसंद करते हैं।
व्हिस्की में बर्फ क्यों मिलाते हैं लोग? बात अगर बर्फ की करें, तो व्हिस्की में बर्फ मिलाकर पीने की सबसे बड़ी वजह इसका टेस्ट है। कई लोगों को व्हिस्की का कड़वा स्वाद पसंद नहीं आता और ऐसे में वे इसमें आइस डालना ज्यादा पसंद करते हैं। बर्फ डालकर पीने से इसकी कड़वाहट के बारे में पता नहीं चल पाता और लोग इसे आसानी से गटक जाते हैं।
इंडियन्स में नहीं होता अनुशासन वाइन की अगर बात करें, तो ये बनाई ही कुछ इस तरीके से जाती है कि इसमें आपको कुछ भी मिलाने की जरूरत नहीं होती। वाइन में आइस, सोडा या फिर पानी कुछ भी मिलाने की जरूरत नहीं होती। इसे सीधे ही पीना होता है। वहीं शराब पीने के मामले में इंडियन्स की बात करें, तो भारतीयों में इसे लेकर अनुशासन नहीं होता। भारतीयों को लगता है कि बस एक बार बोतल खुल गई, तो इसे खत्म करना ही करना है।