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अब छोटे कारोबारियों को पैसे की किल्लत नहीं पड़ेगी

केंद्र सरकार की ओर से आत्मनिर्भर भारत पैकेज में 20 लाख 97 हजार करोड़ रुपये का ऐलान किया गया था. मई में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस फंड्स में से 50,000 करोड़ रुपये छोटे और मध्यम वर्ग के कारोबारियों (MSMEs) के लिए देने का वादा किया था.नई दिल्ली: कोरोना संकट से इस वक्त देश की हर छोटी बड़ी इंडस्ट्री जूझ रही है. इस बीच छोटे कारोबारियों के लिए राहत की खबर आई है. अब स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (State Bank of India) कोरोना संकट की मार खाए ऐसे छोटे कारोबारियों की मदद करने जा रहा है. SBI अब इन छोटे और मझौले कारोबारियों के लिए नई लोन योजना लेकर आ रहा है.10,000 करोड़ रुपये होंगे आवंटितदेश के सबसे बड़े बैंक State Bank of India ने छोटे कारोबारियों के लिए 10 हजार करोड़ रुपये जल्द जारी करने का ऐलान किया है. इस रकम से छोटे और मध्यम वर्ग के कारोबारियों (MSMEs) की पैसे की किल्लत दूर होगी और कमाई बढ़ाने का मौका मिलेगा. छोटे कारोबारियों की मदद के लिए SBI चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा कि ‘हमने कुछ दिन पहले छोटे कोरोबारियों के लिए गोल्ड लोन स्कीम (Gold Loan Scheme) लॉन्च की थी. जिसके जरिए एक महीने के अंदर 88 करोड़ रुपये कारोबारियों को जारी किए गए. इस स्कीम को शानदार रिस्पॉन्स मिला. इसे हम आगे जारी रखने पर भी विचार कर रहे हैं’छोटे कारोबारियों को ‘आत्मनिर्भर’ बनाने की तैयारीदरअसल केंद्र सरकार की ओर से आत्मनिर्भर भारत पैकेज में 20 लाख 97 हजार करोड़ रुपये का ऐलान किया गया था. मई में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस फंड्स में से 50,000 करोड़ रुपये छोटे और मध्यम वर्ग के कारोबारियों (MSMEs) के लिए देने का वादा किया था. कारोबारी भी सरकार की मदद पहुंचने का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. अब SBI ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि उन्हें इस फंड में से 10,000 करोड़ रुपये को जल्द जारी कर दिए जाएंगे. ताकि कारोबारियों की पैसे की किल्लत को दूर किया जा सके. किन कारोबारों को होगा फायदा?सरकार की ओर से दी जाने वाली इस रकम का फायदा उन कारोबारों को होगा जो नए हैं, जिनका कारोबार शुरुआती चरणों में हैं और जिनके अंदर आगे बढ़ने की क्षमता है. लेकिन पैसा जुटाने के लिए उनके पास बड़ी कंपनियों की तरह प्रोफेशनल्स नहीं और न ही वेंचर कैपिटलिस्ट हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने छोटे कारोबारियों (MSMEs) के लिए इस स्कीम का ऐलान करते हुए कहा था कि ‘इससे ये छोटी कंपनियां आकार और क्षमता में बढ़ेंगी, उन्हें स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट होने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा.’ कोरोना संकट में आत्मनिर्भर पैकेज की पहली किश्त छोटे कारोबारियों के मिलने से अर्थव्यवस्था के पटरी पर लौटने की उम्मीद भी बढ़ जाएगी.