राजनीति

AAP चला रही ‘डिग्री दिखाओ अभियान’, खुद के 29 विधायकों के पास नहीं है डिग्री : 7 विधायक 10वीं तो 12वीं पास हैं 8

ARTI

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने के लिए आम आदमी पार्टी (AAP) ने ‘डिग्री दिखाओ अभियान’ शुरू किया है। दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार की नई-नवेली शिक्षा मंत्री आतिशी मार्लेना ने मीडिया के सामने 09 अप्रैल 2023 अपनी डिग्री दिखाते हुए इस अभियान की शुरुआत की। कहा गया कि हर रोज आप का एक नेता डिग्री दिखाएगा। इस बीच ऑपइंडिया ने चुनाव आयोग को दी गई जानकारी की पड़ताल करने पर पाया कि दिल्ली विधानसभा में चुनकर पहुँचे AAP विधायकों में से 29 के पास खुद डिग्री नहीं है।

 

 

दिल्ली विधानसभा में आम आदमी पार्टी के 62 विधायक हैं। चूँकि रोज एक AAP नेता द्वारा अपनी डिग्री दिखाने की बात कही गई है तो यह अभियान कम से कम 62 दिन चलना चाहिए। लेकिन दिल्ली के विधायकों का डिग्री दिखाओ अभियान सिर्फ 33 दिनों तक ही चल सकेगा, क्योंकि उनके 29 विधायकों के पास डिग्री नहीं है।

 

हैरानी उन शिक्षित मतदाताओं पर होती है जो फ्री की रेवड़ियों के लालच में इन कम शिक्षित को वोट देकर आती है। जब कम शिक्षित विधायक बनेगा, उसी आधार पर उसकी कार्यशैली होगी, जो देखने को मिल रही है।

ऑपइंडिया ने दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 के लिए आप नेताओं द्वारा पेश किए गए हलफनामों की पड़ताल की ताकि विधायकों की उच्च शिक्षा का पता लगाया जा सके। चुनावी हलफनामे में उम्मीदवारों को अपनी उच्चतम शिक्षा का उल्लेख करना होता है।

2 विधायक 10वीं पास भी नहीं

                सोशल मीडिया पर वायरल आम आदमी विधायकों की शिक्षा 

हलफनामे के अनुसार आम आदमी पार्टी के 2 विधायक ऐसे हैं, जिन्होंने 10वीं से भी कम शिक्षा प्राप्त की है। सीलमपुर से विधायक अब्दुल रहमान ने सिर्फ 8वीं तक तालीम हासिल की है। वहीं उत्तम नगर इलाके से विधायक नरेश बालियान ने सिर्फ 9वीं तक पढ़ाई की है।

10वीं पास MLA

ऑपइंडिया की पड़ताल में पाया गया कि आप के सात विधायक 10वीं तक पढ़े हैं। इनमें राजौरी गार्डन से विधायक धनवती चंदेला, विकासपुरी से विधायक महेंद्र यादव, रिठाला से विधायक मोहिंदर गोयल, नरेला से एमएलए शरद कुमार चौहान, गोकुलपुर के सुरेंद्र कुमार, करोल बाग के एमएलए विशेष रवि और मटिया महल से विधायक शोएब इकबाल शामिल हैं।

12वीं पास विधायक

यदि AAP के 12वीं पास विधायकों की बात करें तो सूची में 08 नाम शामिल हैं। इनमें मटियाला विधायक गुलाब सिंह, बवाना विधायक जय भगवान, तिलक नगर से विधायक जरनैल सिंह, सुल्तानपुर माजरा से विधायक मुकेश अहलावत, आदर्श नगर के पवन शर्मा, आरके पुरम से विधायक प्रमिला टोकस, वजीरपुर विधायक राजेश गुप्ता और मोती नगर से विधायक शिव चरण गोयल शामिल हैं।

अन्य सर्टिफिकेट व डिप्लोमाधारी MLA

कोंडली से विधायक कुलदीप कुमार और चाँदनी चौक से विधायक प्रह्लाद सिंह साहनी ने बीच में ही कॉलेज की पढ़ाई छोड़ दी है। उनके पास भी डिग्री नहीं है। दिल्ली सरकार के पूर्व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के पास पत्रकारिता का डिप्लोमा है। मुंडका से विधायक धर्मपाल लाकरा ने डीजल मैकेनिक्स में सर्टिफिकेट कोर्स किया है। गिरीश सोनी ने रेफ्रिजरेशन और एयर कंडीशनिंग में नेशनल ट्रेड सर्टिफिकेट कोर्स किया है। गिरीश मादीपुर से विधायक हैं। मुस्तफाबाद विधायक हाजी यूनुस ने उर्दू और अरबी में आलिम कोर्स किया हुआ है।
इसी तरह छतरपुर से विधायक करतार सिंह तंवर ने सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया है। किरारी एमएलए ऋतुराज गोविंद ने होटल मैनेजमेंट में एडवांस डिप्लोमा किया है। त्रिलोकपुरी विधायक रोहित कुमार ने संगीत प्रभाकर डिग्री कोर्स कर रखा है। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद शकूर बस्ती से विधायक सत्येंद्र जैन के पास इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ आर्किटेक्ट्स में एसोसिएट सदस्यता है जो बीआर्क (Bachelor of Architecture) के समकक्ष मानी जाती है।
पिछले दिनों गुजरात हाईकोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्नातकोत्तर (MA) की डिग्री माँगने पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejariwal) पर 25000 रुपए का जुर्माना लगा दिया था। उच्च न्यायालय ने 31 मार्च 2023 को अपने फैसले में कहा था कि पीएम मोदी का प्रमाण-पत्र दिखाने की जरूरत नहीं है। इसके साथ ही गुजरात हाई कोर्ट ने मुख्य सूचना आयोग (CIC) के उस आदेश को भी रद्द कर दिया था, जिसमें PMO के साथ-साथ गुजरात विश्वविद्यालय और दिल्ली विश्वविद्यालय के अधिकारियों को पीएम मोदी की स्नातक और स्नातकोत्तर डिग्री का डिटेल देने का निर्देश दिया गया था।
Sabhar RBL Nigam
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