
नई दिल्ली
आपके आसपास ऐसे कई लोग होंगे, जो बात-बात पर गाली देते होंगे। भले ही उनका उद्देश्य किसी को अपमानित करना न हो, लेकिन इससे उनकी सोच और व्यवहार साफ झलकता है। गाली, जिसे एक अपमानजनक शब्द समझा जाता है, वह अब लोगों की व्यवहारिक भाषा में इस कदर शामिल हो चुकी है कि न चाहते हुए भी मां-बहन और बेटी के नाम की गाली मुंह से निकल ही आती है। चौंकाने वाली बात तो यह है कि सिर्फ पुरुष ही नहीं, गाली देने वालों में कालेज की लड़कियां और महिलाएं भी बड़ी संख्या में शामिल हैं। सेल्फी विद डॉटर फाउंडेशन के संस्थापक और महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक के प्रोफेसर डा. सुनील जागलान ने इस पर एक सर्वे किया है। इस सर्वे में सामने आया है कि गाली देने वाले राज्यों में दिल्ली टॉप पर है। सर्वे के आंकड़ों से पता चला है कि दिल्ली के 80 फीसदी लोग गाली देते हैं।
इसी तरह दूसरे नंबर पर पंजाब है, जहां 78 फीसदी लोग बात-बात पर मां, बहन और बेटी के नाम की गाली देते हैं। उत्तर प्रदेश में 74 फीसदी लोग मां-बहन की गाली देते हैं, तो बिहार इसमें चौथे नंबर पर है। गाली देने वाले टॉप टेन राज्यों में हरियाणा और महाराष्ट्र के लोगों का नाम भी शामिल है, जहां क्रमश: 62 और 58 फीसदी लोग सामान्य बोलचाल में भी गालियों का इस्तेमाल करते हैं। नॉर्थ ईस्ट व अन्य राज्यों में 20 से 30 फीसदी लोग गालियां देते हैं। वहीं इस मामले में कश्मीर के लोग काफी हद तक सभ्य हैं, जहां मात्र 15 फीसदी लोग ही गालियां देते हैं।
गालियां देने में टॉपर
1. दिल्ली (80 फीसदी)
2. पंजाब (78 फसदी )
3. उत्तर प्रदेश (74 फीसदी)
4. बिहार (74 फीसदी)
5. राजस्थान (68 फीसदी )
6. हरियाणा (62 फीसदी)
7. महाराष्ट्र ( 58 फीसदी)
8. गुजरात (55 फीसदी)
9. मध्य प्रदेश (48 फीसदी)
10. उत्तराखंड (45 फीसदी)
लड़कियां भी पीछे नहीं
इस सर्वे का सबसे चौंकाने वाला पहलू यह है कि लड़कियां भी गाली देने में लडक़ों से पीछे नहीं हैं। सर्वे में शामिल 30 फीसदी लड़कियों और महिलाओं ने भी गाली देने की बात स्वीकारी है। यहां तक कि स्कूल और कालेजों में मां, बहन और बेटी के नाम पर गाली देना आम हो चुका है। इस सर्वे में बीते 11 वर्षों में अलग-अलग राज्यों के 70 हजार लोगों को शामिल किया गया है, जिसमें युवा, माता-पिता, शिक्षक, पुलिसकर्मी, डाक्टर, वकील, व्यापारी, पंचायत सदस्य, प्रोफेसर, तक शामिल थे।