हिमाचल प्रदेश

सहकारी समितियों को धारा 118 में देंगे रियायत

सीएम सुक्खू बोले, कठिन भौगोलिक परिस्थितियों में सरकार ने प्रदेश को जोड़ा

 शिमला

राष्ट्रीय सहकारी सम्मेलन के समापन समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और छोटे जोत आकार के बावजूद हिमाचल प्रदेश में सहकारी संस्थाओं ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में सहकारी आंदोलन की शुरुआत 1904 में हुई थी और 1971 में पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने के बाद सरकार ने सहकारिता को प्राथमिकता दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में 5,000 से अधिक सहकारी समितियां सक्रिय हैं, जिनमें लगभग 2,000 प्राथमिक कृषि ऋण समितियां किसानों और ग्रामीणों को वित्तीय सेवाएं उपलब्ध करवा रही हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि सहकारी समितियों को कारोबार के लिए भूमि खरीदने पर धारा 118 की अनुमति में रियायतों पर सरकार विचार करेगी। इसके साथ ही हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक छोटे किसानों, बागबानों, मजदूरों और व्यापारियों को राहत प्रदान करने के लिए वन टाइम सेटलमेंट पॉलिसी लागू करेगा।

उन्होंने कहा कि कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक में पिछली सरकार के कार्यकाल से चली आ रही धांधलियों के चलते वर्तमान राज्य सरकार ने पूरे बोर्ड को भंग करने का निर्णय लिया। सरकार का स्पष्ट संकल्प है कि प्रदेश की संपदा की लूट बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उत्तराखंड सरकार में सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि सहकारिता आज देश में एक बड़ी पहचान बन चुकी है। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में 10 लाख किसानों को सहकारिता के माध्यम से कृषि ऋण उपलब्ध कराया गया है। राज्य में 15 लाख लोगों को सहकारिता से जोडऩे का लक्ष्य रखा गया है। इस दौरान मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक में साइबर सिक्योरिटी ऑपरेशन सेंटर का शुभारंभ किया, बैंक का सहकार गान लांच किया और एक स्मारिका का विमोचन भी किया।

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