
देहरादून में भारी बारिश के कारण बादल फटने से तबाही मची है। सहस्रधारा और कार्लीगाड़ में बादल फटने से एक व्यक्ति की मौत हो गई और 12 लापता हैं। टौंस नदी में 12 लोग बह गए जिनमें से आठ के शव बरामद हुए हैं। प्रशासन राहत और बचाव कार्य में जुटा है और प्रभावितों को राहत शिविरों में पहुंचाया जा रहा है।
- देहरादून में बादल फटने से भारी तबाही |
- 17 लोगों की मौत, कई लापता |
- राहत और बचाव कार्य जारी |
देहरादून। इस बार के मानसून ने धराली से लेकर थराली तक उत्तराखंड के तमाम हिस्सों को गहरे जख्म दिए। पहाड़ पर बरपे कुदरत के कहर के बाद मानसून अब ढलान पर आता दिख ही रहा था कि राजधानी दून पर चौतरफा आफत टूट पड़ी।
सहस्रधारा और इससे सटे कार्लीगाड़ में आधी रात के करीब जब लोग नींद के आगोश में आए ही थे कि तेज वर्षा के बीच भारी आवाज के साथ दोनों जगह बादल फट गया। पानी के तीव्र वेग और मलबे ने सभी को चपेट में ले लिया। किसी को भी संभलने का मौका नहीं मिला।
इस जलप्रलय में अब तक एक व्यक्ति की मौत की पुष्टि की गई, जबकि 12 लोग अभी लापता हैं। तबाही के मंजर में जिंदगी के निशान तलाशने के लिए युद्धस्तर पर राहत एवं बचाव अभियान जारी है।
वहीं, प्रभावितों को मजाड़ा स्थित प्राथमिक विद्यालय में बनाए गए राहत शिविर के साथ ही सहस्रधारा रोड पर अधिग्रहीत किए गए होटलों में शिफ्ट किया गया है।
कुदरत का कहर यहीं शांत नहीं हुआ। प्रेमनगर क्षेत्र में उफान पर आई टौंस नदी ने एक तरफ देहरादून-पांवटा साहिब राजमार्ग पर नंदा की चौकी के पास पुल का एक हिस्सा भरभराकर ढह गया, तो वहीं मंगलवार तड़के खनन के लिए ट्रैक्टर-ट्राली से नदी की तरफ जा रहे 14 लोग उफान में फंस गए।
इससे पहले कि वह मदद के लिए किसी को बुला पाते सभी पानी की तीव्र धारा उन्हें बहा ले गई। एसडीआरएफ ने अथक प्रयास के बाद दो व्यक्तियों को बचा लिया, जबकि 12 लोग तब तक पानी के आगोश में समा चुके थे।
टौंस नदी में बहे 08 व्यक्तियों के शव बरामद कर लिए गए हैं और शेष 04 की तलाश की जा रही है। इसके अलावा विकासनगर क्षेत्र में आसन नदी से तीन अन्य शव भी बरामद किए गए हैं।
आफत की वर्षा के बीच देहरादून में हर नदी-नाले उफान पर रहे और भूस्खलन की घटनाएं भी सामने आईं। इनकी चपेट में आकर देहरादून में मोहिनी रोड, भगत सिंह कालोनी, ग्रीन वैली हास्टल, मसूरी के बार्लोगंज, ऋषिकेश में 200 बीघा और कालसी क्षेत्र में छह व्यक्तियों की मौत हो गई।
इस तरह अब तक कुदरत के कहर में देहरादून में कुल 17 व्यक्तियों की मौत की जानकारी मिली और 16 लापता हैं। हालांकि, प्रशासन की तरफ से जारी की गई जानकारी में 11 की मौत और 12 लापता होने का आंकड़ा जारी किया गया है।
मुख्यमंत्री के साथ प्रशासन और पुलिस का अमला उतरा ग्राउंड जीरो पर
देहरादून में जगह-जगहबरपे कुदरत के कहर के बाद तत्काल सरकारी मशीनरी ने मोर्चा संभाला और राहत-बचाव शुरू किया। स्वयं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी विभिन्न प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचे और हालात का जायजा लिया।
उन्होंने आपदा पीड़ितों का हाल जानने के साथ ही पुलिस-प्रशासन को पीड़ितों को हरसंभव मदद पहुंचाने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी सविन बंसल और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने भी तमाम आपदाग्रस्त क्षेत्रों को पैदल नापकर राहत एवं बचाव कार्यों को गति दी।
सड़कों और पुलों को हुई भारी क्षति
देहरादून में पहली बार चौतरफा टूटी आफत की वर्षा में देहरादून – पांवटा साहिब राजमार्ग पर नंदा की चौकी के पास का पुल ध्वस्त गया गया, जबकि हरिद्वार राजमार्ग पर लालतप्पड़ के पास पुराने पुल की एप्रोच रोड का आधा हिस्सा बह गया।
दिल्ली देहरादून राजमार्ग का एक हिस्सा भी मोहंड के पास धंस गया। इसके अलावा मसूरी राजमार्ग शिव मंदिर के पास पुल टूटने से बाधित हो गया, जबकि मालदेवता और सहस्रधारा के पास भी पुल ध्वस्त हुआ है। इसके अलावा तमाम राजमार्ग और अन्य मार्ग जगह जगह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं।