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CM धामी ने भालू के हमले में घायल छात्र से फोन पर की बात, बोले- कैसे हो आरव…आप सबने बहादुरी का काम किया

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चमोली जिले के पोखरी में भालू के हमले में घायल छात्र आरव से फोन पर बात की और उसका हौसला बढ़ाया। उन्होंने घायल छात्र को हर संभव मदद का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने बच्चों की जान बचाने वाली छात्राओं दिव्या और दीपिका की बहादुरी की भी प्रशंसा की। उन्होंने अधिकारियों को प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए।

देहरादून: ‘हेलो..कैसे हो आरव। ज्यादा चोट तो नहीं लगी थीं…अच्छा आंख पर लगी है। हम लोग इलाज कराते हैं। आप सब लोगों ने बहादुरी का काम किया है। मेरी आपको शाबासी है। हम लोग देख रहे हैं, घटना के संबंध में रिपोर्ट मंगाई गई है। घबराना नहीं, अपना ध्यान रखना। दवा लेते रहना। घर में मम्मी-पापा समेत सभी को मेरी नमस्ते कहना।’

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को चमोली जिले के अंतर्गत पोखरी में जूनियर हाईस्कूल हरिशंकर में घुसे भालू के हमले में घायल हुए छात्र आरव से फोन पर बातचीत कर उसका इस तरह से हौसला बढ़ाया। मुख्यमंत्री ने घटना के दौरान अदम्य साहस, सूझबूझ और संवेदनशीलता का परिचय देकर बच्चों की जान बचाने वाली छात्राओं दिव्या व दीपिका भी बातचीत की।जूनियर हाईस्कूल हरिशंकर में बीते रोज दो भालू आ धमके थे। एक ने छठवीं के छात्र आरव पर हमला कर दिया था, जबकि दूसरे भालू ने बच्चों पर हमला करने के उद्देश्य से स्कूल का दरवाजा तोड़ने का प्रयास किया था। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इन घटनाओं को संज्ञान लेते हुए विद्यार्थियों और आमजन की सुरक्षा के दृष्टिगत अधिकारियों को आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने भालू के हमले में घायल छात्र आरव से फोन पर बातचीत कर न केवल उसका हालचाल जाना, बल्कि ढाढस बंधाते हुए उसके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। उन्होंने कहा कि इस कठिन घड़ी में सरकार पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है। उपचार और सुरक्षा के स्तर पर किसी भी प्रकार की कमी नहीं आने दी जाएगी।

मुख्यमंत्री ने भालू से बच्चों की जान बचाने वाली छात्राओं दिव्या व दीपिका से भी बातचीत की और उनकी बहादुरी की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि छात्राओं ने इतनी कम उम्र उम्र में जिस साहस, धैर्य और जिम्मेदारी का परिचय दिया, वह पूरे प्रदेश के लिए गर्व व प्रेरणा का विषय है।

उन्होंने कहा कि संकट की घड़ी में अपनी जान की परवाह किए बिना अन्य बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना असाधारण साहस का उदाहरण है। उन्होंने छात्राओं का उत्साहवर्धन करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की और कहा कि राज्य सरकार ऐसे साहसी बच्चों को सदैव प्रोत्साहित करेगी।

सुरक्षा इंतजाम में न हो कोई हीलाहवाली

मुख्यमंत्री धामी ने जिला प्रशासन एवं वन विभाग को निर्देश दिए हैं कि भालू प्रभावित क्षेत्रों में तत्काल प्रभाव से गश्त बढ़ाने के साथ ही विद्यालयों, आंगनबाड़ी केंद्रों और आबादी वाले क्षेत्रों के आसपास सुरक्षा के अतिरिक्त पुख्ता इंतजाम सुनिश्चित किए जाएं।

उन्होंने स्पष्ट किया कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए सभी आवश्यक व प्रभावी कदम उठाए जाएं। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि घायल छात्र को उचित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के साथ ही पीड़ित परिवार को हरसंभव सहायता प्रदान की जाए।

उन्होंने अधिकारियों से नियमित निगरानी बनाए रखने और स्थानीय लोगों में सुरक्षा को लेकर विश्वास कायम करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि बच्चों की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और नागरिकों की जान-माल की रक्षा को हर परिस्थिति में पूरी प्रतिबद्धता व कठोरता के साथ कार्य करेगी।

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