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जिसका अंतिम संस्कार करके घर पहुंचे परिजन वो दरवाजे पर खड़ा मिला!, फिर राज खुला….

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जिसका अंतिम संस्कार करके घर पहुंचे परिजन वो दरवाजे पर खड़ा मिला!, फिर राज खुला….

क्या आपने कभी इस तरह का मामला सुना है कि जिस इंसान का अंतिम संस्कार कर दिया हो वह अचानक से जिंदा होकर वापस आ जाए. शायद नहीं लेकिन ऐसा ही मामला मध्य प्रदेश के श्योपुर से सामने आया है.श्योपुरः किसी इंसान के परिजनों ने उसका अंतिम संस्कार किया गया हो और जैसे ही वह घर पहुंचे तो वह इंसान उनके सामने खड़ा मिले. ऐसा मामला शायद ही कही देखने को मिला हो. लेकिन ऐसा ही अजीबोगरीब मामला मध्य प्रदेश के श्योपुर से सामने आया है. जहां एक परिवार ने अपने जिस परिजन का अंतिम संस्कार कर दिया वह अचानक से जिंदा होकर वापस लौट आया. जिसे देखकर हर कोई हैरान रह गया.

लंबे समय से लापता था शख्स
दरअसल, श्योपुर के बडौदा इलाके में रहने वाले शुक्ला परिवार का एक बेटा जिसका नाम दिलीप शुक्ला था. वह लंबे समय से लापता था. परिवार के लोगों ने दिलीप को बहुत खोजा लेकिन उसका कोई पता नहीं चला. इस बीच एक दिन अचानक से श्योपुर के बडौदा रोड पर एक व्यक्ति की लाश मिली. जिसका फोटो पुलिस ने सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया. दिलीप के भाई बंटी ने जब इस फोटो को देखा तो उन्हें मृतक का हुलिया लगभग दिलीप से मिलता जुलता लगा. जबकि दिलीप के परिजनों ने लंबे समय से उसे देखा भी नहीं था. ऐसे में उन्होंने इसे दिलीप की लाश समझा और पुलिस की इजाजत से शव को दिलीप मानते हुए उसका अंतिम संस्कार कर दिया. इधर अंतिम संस्कार उधर घर पहुंचा दिलीप
दिलीप के परिजनों ने लावारिश शव को दिलीप मानते हुए पूरे विधि-विधान से उसका अंतिम संस्कार किया. लेकिन अब इसे संयोग कहे या फिर कुछ और जैसे ही दिलीप के परिजन शमशान घाट से वापस लौटे तो उन्होंने घर पर आकर जो देखा उसे देखकर वह दंग रह गए. क्योंकि अभी-अभी वे जिस इंसान का अंतिम संस्कार करके आए थे वह उनके आंखों के सामने जिंदा खड़ा था. जिसे देखकर सब के होश उड़ गए. क्योंकि यह किसी चमत्कार से कम नहीं था. जो दिलीप लंबे समय से गायब था वह अचानक कहां से आ गया. जिस घर मे मातम और दुख था उस घर मे एक दम से खुशी का आलम हो गया.

नशे का आदी है दिलीप
दिलीप के परिजनों का कहना है कि वह मानसिक रूप से कमजोर और नशे का आदी था. कई बार वह घर से लापता हुआ और अपने आप वापस आ जाता था. लेकिन लंबे समय से गायब होने के बाद वह घर नहीं लौटा. कई बार उसे खोजने की पूरी कोशिश की गयी. लेकिन उसका पता नहीं चला. लिहाजा दिलीप की शक्ल से मिलती जुलती लाश मिली तो परिजनों को लगा कि यह दिलीप ही है. जिससे उन्होंने उस शव का अंतिम संस्कार कर दिया. पुलिस शव की असली पहचान करने में जुटी
अब इस मामले में कोतवाली पुलिस ओर शुक्ला परिवार भी हैरान है कि आखिरकार ये भूल कैसे हो गयी. दिलीप के वापस लौटने के बाद कोतवाली पुलिस दोबारा से मृतक की असली पहचान करने में जुट गयी है. I

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