Thursday, November 28, 2024

अंतरराष्ट्रीय

लाल किला प्रकरण में खालिस्तानी चैनल पर ब्रिटेन सरकार ने ठोका 50000 पाउंड का जुर्माना

      खालिस्तान समर्थक चैनल पर लगा जुर्माना
ब्रिटेन में मीडिया पर निगरानी रखने वाली संस्‍था ने खालिस्तान समर्थक चैनल -खालसा टीवी ल‍िमिटेड (KTV) पर 50 हजार पाउंड का जुर्माना लगाया है। चैनल को हिंसा का समर्थन करने वाले एक म्‍यूजिक वीडियो का प्रसारण करने और आतंकी संदर्भ दिखाने के लिए दोषी पाया गया है।

 

रिपोर्टों के अनुसार, ब्रिटिश मीडिया नियामक – ऑफ़िस ऑफ़ कम्युनिकेशंस (ऑफकॉम) ने शुक्रवार को प्रो खालिस्तानी चैनल के खिलाफ यह आदेश जारी किया, जो 2019 में शुरू हुए जाँच के परिणाम पर आधारित है।

अपने आदेश में ब्रिटिश मीडिया नियामक ने निर्देश दिया है कि केटीवी उसकी जाँच को लेकर ऑफकॉम का बयान प्रसारित करे और चेतावनी दी है कि वह म्यूजिक वीडियो या उसके नियमों के उल्लंघन में पाए जाने वाले चर्चा कार्यक्रम का प्रसारण फिर न करे।

ऑफकॉम संस्था ने अपने आदेश में कहा, “हमारे प्रसारण नियमों का पालन करने में विफल रहने के लिए Ofcom ने KTV खालसा टेलीविजन लिमिटेड पर 20000 पाउंड और 30000 पाउंड का वित्तीय दंड लगाया है। 20000 पाउंड का जुर्माना म्‍यूजिक वीडियो से संबंधित है। 30000 पाउंड का जुर्माना एक चर्चा कार्यक्रम से संबंधित है।”

ऑफकॉम ने बताया, वीडियो और शो ने भारत के खिलाफ हिंसक कार्रवाई की वकालत की और सिख अलगाववादी आंदोलनों को बढ़ावा देने वाले हिंसक कार्यों का महिमामंडन किया। उन्होंने सिख धर्म की आलोचना करने वाले के खिलाफ हिंसा करने तथा एक आतंकी समूह को वैध ठहराने को प्रोत्‍साहित किया। म्यूजिक वीडियो में पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी की तस्वीरें भी शामिल थी।

वीडियो में इंदिरा गाँधी की तस्‍वीर में उनके मुँह से खून गिर रहा है। इस तस्‍वीर में कैप्‍शन लिखा, “दुष्‍ट महिला तुमने निर्दोषों का खून प‍िया।” इस वीडियो में गाना बज रहा था, ‘योद्धा तुम्‍हारे साम्राज्‍य का नाश कर देंगे।’ इसमें लाल किले को जलता हुआ दिखाया गया था।

KTV टेलीविज़न चैनल को यूनाइटेड किंगडम में सिख समुदाय द्वारा खालसा टेलीविज़न लिमिटेड के लाइसेंस के तहत बड़े पैमाने पर प्रसारित किया जाता है।

ऑफकॉम ने KTV के खिलाफ शिकायतें मिलने के बाद एक जाँच शुरू की थी। जिसमें उनके संगीत वीडियो और चर्चा कार्यक्रम ” के जरिए अपराध और हिंसा को प्रोत्साहित या उकसाने की भावना थी।

खालसा टीवी द्वारा जुलाई 2018 में म्‍यूजिक वीडियो ‘बग्‍गा एंड शेरा’ के गाने को प्रसारित किया गया था। नियामक ने कहा कि वीडियो में संदर्भित व्यक्तियों में शामिल बग्गा और शेरा, खालिस्तानी आतंकवादी जगतार सिंह जौहल और KLF के पूर्व नेता हैं।

वीडियो में, दो करैक्टर ब्रिटेन में हत्याओं को अंजाम देने की तैयारी कर रहे हैं, जोकि उन वास्तविक लोगों की छवियों के साथ जुड़े हुए हैं जिन्हें राजनीतिक कारणों के चलते हत्या का दोषी या आरोपित ठहराया गया है।

इससे पहले एनआईए ने भारत में लक्षित हत्याओं को अंजाम देने के प्रयासों के लिए सिख कार्यकर्ताओं रमनदीप सिंह बग्गा और हरदीप सिंह शेरा सहित केएलएफ से जुड़े कई व्यक्तियों को दोषी ठहराया था।

ऑफकॉम ने अपनी जाँच के बाद पाया था कि म्‍यूजिक वीडियो में अप्रत्यक्ष तौर पर ब्रिटेन में रहने वाले सिखों को हिंसा के लिए कहा जा रहा था, यहाँ तक कि हत्या करने के लिए उकसाया गया था।

वहीं, एक चर्चा कार्यक्रम, जिसे 30 मार्च, 2019 को प्रसारित किया गया था, उसका नाम पंथक मसले था, जिसमें Ofcom ने पाया कि उसमें भी खुले तौर पर ना सही, लेकिन उकसाया गया था।

वहीं खालिस्तान समर्थक नेटवर्क ने 30 मार्च, 2019 को एक लाइव शो – ‘पंथक मसले’ नाम से एक चर्चा कार्यक्रम को प्रसारित किया था। दरअसल, इस कार्यक्रम ने कई मेहमानों को आपत्तिजनक विचारों को बढ़ावा देने के लिए एक मंच की पेशकश की थी, जिसमें खुले तौर पर ना सही, लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से लोगों को हिंसा के लिए उकसाया गया था।

शो के दौरान पैनलिस्ट में से एक बलदेव सिंह ने बब्बर खालसा का जिक्र करते हुए कहा, “हमारा किसी के साथ कोई तर्क नहीं है… बब्बर खालसा के साथ हम खाते हैं और उनके साथ पीते हैं, हम सभी के उन सबके साथ अच्छे संबंध हैं।”

उल्लेखनीय है कि बब्बर खालसा एक आतंकवादी संगठन है जो हिंसक साधनों के माध्यम से भारत में एक स्वतंत्र सिख राज्य बनाने का इरादा रखता है। जिसकी वजह से देश में कई आतंकवादी हमले हुए थे और कई नागरिकों ने अपनी जान गँवा दी थी।

साभार आरबीएल निगम