होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति जन स्वास्थ्य की आकांक्षाओं और अपेक्षाओं को पूरा करने में सक्षम: संतराज
संत कबीर नगर (नवनीत मिश्र)
होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति भारत जैसे देश की जन स्वास्थ्य की आकांक्षाओं और अपेक्षाओं को पूरा करने में पूरी तरह सक्षम है क्योंकि यह पद्धति अपेक्षाकृत कम खर्चीली और दुष्परिणाम रहित और रोग को जड़ से ठीक करने वाली है। उक्त बातें ग्रामीण विकास बैंक उत्तर प्रदेश के सभापति श्री संतराज यादव ने विश्व होम्योपैथी दिवस पर प्रभा देवी इन्स्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, गीडा के सभागार में आयोजित जनस्वास्थ्य की जरूरत और होम्योपैथी विषय पर आयोजित संगोष्ठी में कही। श्री यादव बतौर मुख्य अतिथि अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि होम्योपैथी की ये मीठी गोलियां बड़े से बड़े गम्भीर रोगों को ठीक करने में कारगर हैं। इसलिए इस पद्धति को बढ़ावा दिया जाना समय की जरूरत है। इसके पूर्व अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर होम्योपैथी के जनक डॉ. हैनीमैन के चित्र पर माल्यार्पण कर संगोष्ठी का शुभारंभ किया।
संरक्षक श्री विनय कुमार चतुर्वेदी ने कहा कि होम्योपैथी जन स्वास्थ्य के सरोकार से जुड़ी लोक कल्याणकरी पद्धति है।
संगोष्ठी में डॉ.एम.के. सिंह, डॉ.अनिल कुमार सिंह, डॉ.मनीष सिंह होम्योपैथी की भूमिका आदि पर चर्चा की।
संगोष्ठी की अध्यक्षता डॉ.प्रकाश पाण्डेय, प्रधानाचार्य, ब्लूमिंग बड्स स्कूल तथा आभर ज्ञापन डॉ. हरिशरण किया एवं सफल संचलन डॉ. आभा सिंह ने किया।
इस अवसर पर सर्वश्री राजीव सिंह, श्रीमती सीमा सिंह, हरि शंकर सिंह व पी.आई.एम.एस.के छात्र-छात्राओं सहित अनेक लोग उपस्थिति रहे।