केजरीवाल की क्लास लेते हुए मायावती ने कहा कि आपके हाथ जोड़ते ही लोग दिल्ली से पलायन करने लगे। इस तरह का नाटक आपने पहले भी किया था। मायावती ने ट्वीट किया, ‘केवल हाथ जोड़कर दिल्ली के सीएम का यह कहना कि दिल्ली से लोग पलायन न करें, यही नाटक कोरोना के दौरान् पहले भी किया गया था। यह सब अब महाराष्ट्र, हरियाणा व पंजाब आदि राज्यों में भी देखने के लिए मिल रहा है। अब पंजाब में लुधियाना से भी लोग काफी पलायन कर रहे हैं, यह अति-दुःखद।’
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा,’यदि यहाँ कि राज्य सरकारें इनमें विश्वास पैदा करके इनकी जरूरतों को समय से पूरा कर देतीं तो फिर ये लोग पलायन नहीं करते और अब यहाँ कि राज्य सरकारें इस मामले में अपनी कमियों को छिपाने हेतु किस्म-किस्म की नाटकबाजी कर रही हैं, यह किसी से छिपा नहीं है। ‘
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बीएसपी सुप्रीमो ने अगले ट्वीट में कहा, ‘साथ ही, पूरे देश में सर्वसमाज में से खासकर गरीबों, दलितों व आदिवासी समाज के लोगों को ‘‘फ्री‘‘ में वैक्सीन दी जानी चाहिये। इसके साथ-साथ, ऐसे समय में इनकी आर्थिक मदद भी जरूर की जानी चाहिये। बी.एस.पी. की केन्द्र व सभी राज्य सरकारों से भी पुनः यह माँग।’
ऑक्सीजन पर केजरीवाल सरकार से सवाल पूछने पर 7 पत्रकारों को AAP ने वॉट्सऐप ग्रुप से बाहर निकाला
जब से मीडिया को विज्ञापनों से खरीदने की बात उजागर होने पर अरविन्द केजरीवाल की तरह यू-टर्न लेने पर अब अपने चहिते पत्रकारों से नाराज होने लगे हैं। ऑक्सीजन मुद्दे पर केजरीवाल के करीबी नवनीत कालरा और मंत्री इमरान हुसैन के फार्म हाउस से जब्त ऑक्सीजन पर प्रश्न पूछे जाने से इतने नाराज हो गए हैं कि AAP के व्हाट्सअप ग्रुप से निकालना शुरू कर दिया है। दूसरे सोशल मीडिया पर इमरान द्वारा अपने फार्म हाउस में ऑक्सीजन रखने का जो साम्प्रदायिकता से भरा बयान वायरल हो रहा है, जिसकी पुष्टि नहीं हो पायी है, यदि इसी तरह हिन्दू-मुस्लिम का किसी भाजपा नेता ने दे दिया होता, निश्चित रूप से भारत में एक नया बबाल खड़ा हो गया होता। हाँ, अगर इमरान का वायरल हुआ बयान सच है, तो हिन्दुओं को इमरान ही नहीं, आम आदमी पार्टी से भी दूरी बना लेनी चाहिए। फिर चाहे केजरीवाल सड़क पर बैठ हनुमान चालीसा पढ़े, राहुल गाँधी की तरह एक मंदिर से दूसरे मंदिर जाकर माथा टेके।
लंबे समय तक मीडिया के चहेते रहे अरविंद केजरीवाल इन दिनों पत्रकारों से नाराज हैं। न्यूजलॉन्ड्री की एक रिपोर्ट बताती है कि उन्होंने अपने ऑफिशियल वॉट्सएप ग्रुप से हिंदुस्तान टाइम्स के 7 पत्रकारों को बाहर का रास्ता सिर्फ इसलिए दिखा दिया क्योंकि उनके पेपर में AAP की आलोचना करने वाला एक लेख प्रकाशित हुआ था। क्या केजरीवाल अपने झूठ के पुरंदों से जनता को भ्रमित करने वाली खबरे एवं लेख प्रकाशित करवाना चाहते हैं? कभी नागरिकता संशोधक कानून विरोध में पाकिस्तानी, बांग्लादेशी और रोहिंग्यों को बचाने शाहीन बाग बनवाना, और कृषि कानून दिल्ली में लागू करने के बावजूद यू-टर्न लेकर वापस लेकर किसान आंदोलन के समर्थन में कूद कर जनता को गुमराह करने का ही काम करते रहे हैं। बस चुनावों में जनता को ये फ्री तो कभी वो फ्री का लालच देकर सत्ता हथियाते रहो।
ये लेख 6 मई को अखबार में छपा। इसकी हेडलाइन Anatomy of Capital oxygen crisis: 5 things Delhi govt didn’t get right है। इसमें मुख्यत: बताया गया कि कैसे AAP सरकार ऑक्सीजन सप्लाई करने में विफल हुई, कैसे वह दिल्ली में ऑक्सीजन का वितरण नहीं कर पाई, कैसे उन्होंने ऑक्सीजन रिफिलिंग सिलेंडर के बारे में जागरूकता नहीं फैलाई, कैसे मरीजों की मदद के लिए कोई सेंट्रालाइज्ड नंबर नहीं तैयार किया, कैसे दिल्ली में पीएसए प्लांट लगाने को मना किए गए और कैसे दूसरी लहर में सरकार ने रिस्पॉन्स किया।
हिंदुस्तान टाइम्स में प्रकाशित इस रिपोर्ट को स्वेता गोस्वामी ने लिखा था। इसे पढ़ने के बाद अरविंद केजरीवाल के मीडिया कॉर्डिनेटर विकास योगी ने 7 रिपोर्टरों को ग्रुप से बाहर का रास्ता दिखा दिया। IANS पत्रकार नवनीत मिश्रा ने AAP की इस हरकत का स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर शेयर किया।
नवनीत ने लिखा, “जिस रिपोर्टर ने कोरोना प्रबंधन में दिल्ली सरकार की 5 बड़ी लापरवाही उजागर की,उसे प्रवक्ता ने आधिकारिक मीडिया वॉट्सएप ग्रुप से बाहर कर दिया। क्या दिल्ली सरकार की यही है अभिव्यक्ति की आजादी? कुछ साल पहले 1 टीवी पत्रकार को भी ऐसे बाहर किया गया था। दिल्ली सरकार को सच्चाई बतानी चाहिए।”
स्क्रीनशॉट में नजर आने वाला ग्रुप AAP का ऑफिशियल मीडिया ग्रुप है, जिसमें 150 से ज्यादा पत्रकार जुड़े हुए हैं। सरकार इस पर प्रेस रिलीज और हेल्थ बुलेटिन आदि भेजती है। लेकिन ध्यान देने वाली बात है कि AAP की इस बचकाना हरकत पर केवल कुछ लोगों ने आवाज उठाई। बाकी सबने इस पर चुप्पी साधी हुई है।
न्यूजलॉन्ड्री से बातचीत में पत्रकारों ने दिल्ली सरकार के गैर जिम्मेदाराना रवैये को उजागर किया और बताया कि कैसे पत्रकारों को इस तरह ग्रुप से निकालने संबंधी सवाल करने पर वह उन मीडियाकर्मियों को भी जवाब नहीं दे रहे, जिन्हें वो पर्सनली जानते हैं। पत्रकारों ने यह भी बताया कि भले ही केजरीवाल प्रेस कॉन्फ्रेंस रोज करते हों, लेकिन किसी पत्रकार को कॉन्फ्रेंस में उनसे सवाल पूछने की आजादी नहीं है।
सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि जहाँ चुनिंदा लोगों ने पत्रकारों को बाहर करने पर अपनी आवाज उठाई, वहीं कई वरिष्ठ पत्रकार ग्रुप में ऐसे भी रहे, जिन्होंने केजरीवाल सरकार की नजरों में उतरने से बचने के लिए मौन धारण किए रखा।
न्यूजलॉन्ड्री की रिपोर्ट में पत्रकार का हवाला देते हुए लिखा गया, “ग्रुप में 150 से अधिक पत्रकार हैं और उनमें से बहुत वरिष्ठ संवाददाता हैं। लेकिन कुल 6 लोगों ने निष्कासन पर सवाल उठाया, बाकी सभी चुप रहे।” आगे पत्रकार के हवाले से कहा गया, “यह बहुत स्पष्ट है कि कोई भी सरकार को दुखी नहीं करना चाहता है। शायद वे डरते हैं कि उन्हें जानकारी नहीं मिलेगी या फिर उनका संगठन उनके बोलने पर उनका समर्थन नहीं करेगा।”
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कोरोना संकट के बीच दिल्ली ऑक्सीजन की कमी के कारण बेहाल है। लेकिन AAP पार्टी इस समय भी उन मीडियाकर्मियों पर अपना गुस्सा निकाल रहे हैं जिन्होंने इन हालातों के लिए उन्हें जिम्मेदार कहा। अभी कुछ समय पहले ही एक आरटीआई में खुलासा हुआ था कि अरविंद केजरीवाल ने साल 2021 के शुरुआती तीन महीनों में कैसे 150 करोड़ रुपए आरटीआई में उड़ा दिए। वहीं 2 साल में एड पर 800 करोड़ का खर्च किया गया।
‘केजरीवाल सहित AAP के सभी मंत्रियों के घरों की तलाशी हो, मिल सकते हैं कई ऑक्सीजन सिलिंडर’
कहते हैं कि विपत्ति के ही समय आदमी की पहचान होती है, कोरोना काल किसी के शुभ तो किसी के पतन का कारण बनने जा रहा है। दिल्ली वालों को फ्री बिजली-पानी का लालच देकर कोई जनहित विरोधी पार्टी सत्ता में आएगी, किसी ने नहीं सोंचा होगा।
दिल्ली वालों ने फ्री के चक्कर में आम आदमी पार्टी को उस समय भी पहचाना, जब तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के विरुद्ध 370 आरोप दिखाकर जेल भेजने वाला सत्ता मिलते ही उन भ्रष्टाचारों पर खामोश होकर बैठ गयी। ऐसा विश्वास है कि जिस दिन दिल्ली में सत्ता परिवर्तन होगा, यही आम आदमी पार्टी सबसे भ्रष्ट पार्टी सिद्ध होगी। प्रदुषण हो या अब कोरोना, जिस मद के लिए केजरीवाल सरकार को रूपए मिले, उस पर खर्च करने की बजाए उसका अधिकांश भाग विज्ञापन पर खर्च कर जनता को धोखा दिया जाता रहा। जैसाकि एक चैनल पर एक डाक्टर द्वारा केंद्र से ऑक्सीजन की ऑडिट मुद्दा उठाने से एक काला बाज़ारी का पर्दाफाश करने का प्रयत्न रंग लाने लगा है कि अपने आपको ईमानदार मुख्यमंत्री बताने वाले अरविन्द केजरीवाल ऑक्सीजन ऑडिट से पीछे भाग रहे हैं, क्यों?
दिल्ली में नवनीत कालरा के ‘खान चाचा रेस्टॉरेंट’ में 96 ऑक्सीजन कन्सेंट्रेटर्स बरामद होने और दिल्ली के खाद्य मंत्री इमरान हुसैन को ऑक्सीजन सिलिंडर्स की जमाखोरी पर दिल्ली हाईकोर्ट का नोटिस मिलने के बाद अरविंद केजरीवाल की सरकार चहुँओर से घिर गई है। नवनीत कालरा के बारे में पता चला है कि वो 2020 में केजरीवाल के शपथग्रहण समारोह में बतौर अतिथि मौजूद था। अब भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने AAP पर सवाल उठाया है।
दिल्ली के पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा ने कहा कि ये ऐसा विकट समय है, जब ऑक्सीजन के अभाव में सड़कों पर लोगों की मौत हो रही है और लोग अस्पतालों के दरवाजे पर लाइन लगा कर खड़े हैं, वो ढूँढ रहे हैं कि कहीं से ऑक्सीजन मिल जाए। उन्होंने कहा कि दिल्ली में इस समस्या के कारण हजारों मौतें हुई हैं और कब्रिस्तान या श्मशान घाटों में जगह नहीं मिल रही है। उन्होंने कहा कि वहीं दूसरी तरफ दिल्ली के मंत्री के घर में 630 ऑक्सीजन सिलिंडर छिपा कर रखे गए हैं।
कपिल मिश्रा ने कहा, “दिल्ली का एक मंत्री ऑक्सीजन सिलिंडर्स की जमाखोरी कर रहा है। ऐसे में क्या 630 लोगों की मौत की जिम्मेदारी इस एक आदमी पर नहीं आएगी? क्या ये हत्या नहीं है? क्या इसे एक साजिश के तहत सैकड़ों लोगों का मर्डर नहीं कहा जाएगा? कितनी जानें बच जातीं उन सिलिंडर्स से, जो केजरीवाल के मंत्री इमरान हुसैन के घर पर रखे हुए हैं या जो नवनीत कालरा के रेस्टॉरेंट से 550 कन्सेंट्रेटर मिले हैं।”
कपिल मिश्रा ने दावा किया कि अरविंद केजरीवाल की सरकार ने जिस नवनीत कालरा को ‘दिल्ली के निर्माता’ का सम्मान दिया था, आज वो ऑक्सीजन कन्सेंट्रेटर्स की कालाबाजारी में लिप्त है और फरार चल रहा है। कपिल मिश्रा ने आरोप लगाया कि सरकार चलाने वालों और उनके खास लोगों के घर से ऑक्सीजन सिलिंडर और कन्सेंट्रेटर बड़ी मात्रा में मिल रहे हैं, जबकि इनके अभाव में लोगों की जानें जा रही हैं।
उन्होंने दिल्ली के पुलिस कमिश्नर से निवेदन किया कि इमरान हुसैन को तुरंत जेल में डाला जाए। उन्होंने कहा, “इस बात की जाँच की जानी चाहिए कि दिल्ली में हुई इतनी मौतों के पीछे कोई गहरी साजिश तो नहीं? ये दिल्ली को, देश को हिलाने की, बर्बाद करने की, लोगों के मरने के बाद गंदी राजनीति करने की साजिश हो सकती है। दिल्ली पुलिस को अरविंद केजरीवाल समेत दिल्ली के सभी मंत्रियों के घरों की तलाशी लेनी चाहिए।”
भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने आशंका जताई कि AAP नेताओं के घरों में न जाने कितने ऑक्सीजन सिलिंडर्स छिपाए हुए मिल सकते हैं। उन्होंने कहा कि मंत्री हो या मुख्यमंत्री हो, उन पर कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने अब तक इमरान हुसैन की गिरफ़्तारी न होने को चिंता का विषय बताया। दिल्ली के एक अस्पताल में ऑक्सीजन टैंकर से ऑक्सीजन बर्बाद करने के आरोप भी भाजपा नेता तजिंदर बग्गा ने लगाए थे।
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दिल्ली में ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर की कालाबाजारी पर दिल्ली पुलिस ने मैट्रिक्स सेलुलर सर्विस लिमिटेड के सीईओ गौरव खन्ना को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने गौरव के खिलाफ़ ये कार्रवाई उसके संबंध नवनीत कालरा से जुड़े होने के चलते की। ये मैट्रिक्स कंपनी गगन दुग्गल नाम के शख्स की है। वह लंदन में रहता है और उसकी कंपनी सिम बनाने का काम करती है। सी मैट्रिक्स कंपनी के नाम से 20 हजार रुपए प्रति पीस ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर भारत में इम्पोर्ट हुए और फिर इन्हें कीमतें बढ़ाकर जरूरमंदों को बेचा गया।
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