राजधानी दिल्ली में उमस भरी गर्मी से लोगों का हाल बे हाल है। कोरोना काल चल रहा है। ऐसे में लोगों को मुंह में मास्क लगाने से ही लोगो को तकलीफ हो रही है। दिव्य प्रभात संवाददाता को लोगों ने बताया कि सरकार आदेश जारी करके फुर्सत तो हो जाती है और अपनी जिम्मेदारी से बच जाती है। लेकिन उसके लाभ और हानि के साथ –साथ लोगों को हो रही परेशानी को नजरअंदाज कर जाती है।
दिल्ली के सदर बाजार के व्यापारी रतन लाल अग्रवाल ने बताया कि कोरोना काल चल रहा है। लोग सोशल डिस्टेसिंग के साथ कोरोना गाइड लाईन का पालन करते है। साथ ही मुंह में मास्क भी लगाते है। अगर सांस लेने में दिक्कत होती है तो मुंह से मास्क पल दो पल को हटा भी लेते है। ऐसे में दिल्ली सरकार की पुलिस तुरन्त 2 हजार को चालान काटने से नहीं चूकती है। कार के अंदर बैठे लोगों को तो ऐसे तकती है जैसे वे अपराधी हो। तुरन्त लपक कर मोबाइल से फोटो निकाल लेतें है और 2 हजार का चालान काट देते है।
इस झगड़े में कई बार जाम तक लग जाता है। इस मामले में लोगों ने दिल्ली व्यापारी घनश्याम गोयल , सुरेश पंचाल और अमन गुप्ता ने दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल को लिखित में शिकायत की है। कि उमस भरी गर्मी में अगर कोई सांस लेने में दिक्कत होने पर मास्क हटाता है। तो उसका चालान ना काटे। क्योंकि चालान काटे जाने से धांधली और भ्रष्ट्राचार को बढ़ावा मिल रहा है।क्योंकि लोग दो हजार के चालान से बचने के लिये सेटिंग और सिफारिश करने लगते है। जिससे सरकार की योजना और जागरूकता को पलीता लगता है।धांधली को बल मिलता है।