Sunday, November 24, 2024

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जस्टिस करेंगे करनाल कांड की जांच, जाट आरक्षण पर रिपोर्ट पर लगाई थी रोक, जरूर पढ़े न्यूज

Haryana Cabinet Meeting हरियाणा सरकार ने आज करनाल में किसान आंदोलनकारियों पर लाठीचार्ज के मामले में जांच कमेटी गठित कर दी। कैबिनेट ने इसकी जांच जस्टिस एसएन अग्रवाल को सौंपी है। जस्टिस अग्रवाल ने जाट आरक्षण की रिपोर्ट पर रोक लगाई थी।राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़! Haryana Cabinet meeting: करनाल में बसताड़ा टोल प्लाजा पर 28 अगस्त को किसान आंदोलनकारियों पर हुए लाठीचार्ज की जांच रिटायर्ड जस्टिस सोमनाथ अग्रवाल करेंगे। जस्टिस सोमनाथ अग्रवाल हरियाणा पिछड़ा वर्ग आयोग के भी चेयरमैन रह चुके हैं। वह उस समय चर्चा में आए थे, जब हरियाणा में जाटों सहित छह जातियों को आरक्षण के मामले में पिछड़ा वर्ग आयोग ने जातीय आंकड़ों के आधार पर आरक्षण संबंधी अपनी रिपोर्ट पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट व मुख्यमंत्री मनोहर लाल को नहीं सौंपने का फैसला लिया था। जस्टिस अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट के जाट आरक्षण पर यथास्थिति बनाए रखने के २०१८ के आदेश के बाद मुख्यमंत्री व हाईकोर्ट को पत्र लिखकर रिपोर्ट नहीं सौंपने की जानकारी दी थी। हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक में हुआ फैसला, एक महीने में देनी होगी अग्रवाल को रिपोर्टजस्टिस एसएन अग्रवाल करनाल के बसताड़ा टोल पर हुए लाठीचार्ज मामले के साथ ही तत्कालीन एसडीएम आइएएस आयुष सिन्हा की भूमिका की भी जांच की करेंगे। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस की अगुवाई में बने जांच आयोग को एक महीने के भीतर रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है।कैबिनेट ने लगाई बसताड़ा टोल प्लाजा मामले की जांच के लिए आयोग बनाने पर मुहर

 

मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में बुधवार को हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया। आयोग घटना वाले दिन करनाल में उत्पन्न परिस्थितियों के साथ-साथ पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई और प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बल प्रयोग तक के घटनाक्रम की जांच करेगा। आयोग उक्त परिस्थिति के लिए जिम्मेदार लोगों का भी पता लगाएगा।तत्कालीन एसडीएम आइएएस आयुष सिन्हा की भूमिका की भी जांच करेगा न्यायिक आयोग

 

राजपत्र में अधिसूचना के प्रकाशन की तिथि से एक माह के भीतर आयोग को अपनी रिपोर्ट सरकार को देनी होगी। गौरतलब है कि घटना वाले दिन की एक वीडियो इंटरनेट मीडिया पर खूब वायरल हुई थी जिसमें एसडीएम आयुष सिन्हा पुलिस कर्मचारियों को प्रदर्शनकारियाें का सिर फोड़ने की बात कर रहे थे।

 

हरियाणा सरकार का दावा था कि यह वीडियो किसी और नाके का है तथा इसका बसताड़ा टोल प्लाजा पर हुए कथित लाठीचार्ज से कोई लेना देना नहीं है। हाईकोर्ट में एक हलफिया बयान देकर करनाल रेंज की आइजी ममता सिंह ने यह कहा कि इस तरह की भाषा बोलना गलत है, लेकिन बसताडा के घटनाक्रम से इस वीडियो का कोई ताल्लुक नहीं है।मामले ने तूल पकड़ा तो किसान संगठनों ने करनाल में लघु सचिवालय के सामने लगातार पांच दिन तक डेरा डाल दिया था। बाद में सरकार के निर्देश पर सीएम सिटी पहुंचे सिंचाई विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेंद्र सिंह ने लाठीचार्ज व वीडियो प्रकरण की न्यायिक जांच रिटायर्ड जज से कराने और मृतक किसान के परिवार के दो लोगों को नौकरी देने की घोषणा की थी, जिससे गतिरोध टूटा। मृतक किसान के दो आश्रितों को पहले ही अनुबंध आधार पर नौकरी दी जा चुकी है। अब रिटायर्ड जस्टिस सोमनाथ अग्रवाल पूरे प्रकरण की जांच करेंगे। इस तरह से चर्चा में आए थे जस्टिस एसएन अग्रवाल

 

जस्टिस एसएन अग्रवाल अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट के जाट आरक्षण पर यथास्थिति बनाए रखने के आदेशों के बाद जाट आरक्षण पर अपनी रिपोर्ट रोक दी थी। हरियाणा पिछड़ा वर्ग आयोग की ओर से जातीय आधार पर जुटाए गए आंकड़ों से ही तब साफ होना था कि प्रदेश में छह जातियां आरक्षण की हकदार हैं या नहीं। सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक और नौकरी-पेशा की दृष्टि से हरियाणा में जाट पिछड़े हैं या नहीं, आयोग ने इसका भी सर्वे कराया था। इसके अलावा सरकारी नौकरियों में प्रदेश में किस जाति को कितना प्रतिनिधित्व वर्तमान में है, यह आंकड़े भी विभाग अनुसार जुटाए गए थे।