Sunday, November 24, 2024

राज्यवायरल न्यूज़वीडियो

‘उसे राक्षसों ने मार डाला… वह वीडियो कभी नहीं भूलूँगी’: दो माँ जिनके बेटों को लखीमपुर खीरी में ‘किसानों’ ने मार डाला,देखिए वीडियो भी

लखीमपुर खीरी में 3 अक्टूबर 2021 को तथाकथित ‘किसानों’ द्वारा मारे गए दो लोगों के परिवार के सदस्यों ने उनके साथ की गई क्रूरता के बारे में बताया है। द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, हरिओम मिश्रा (जिन्हें ‘किसानों’ द्वारा बेरहमी से पीट-पीट कर मार डाला गया था) की बहन ने घटना को याद करते हुए बताया कि कैसे हरिओम का शव देख कर परिजन टूट गए थे। हरिओम का शव सोमवार (4 अक्टूबर 2021) को घर लाया गया था।

हरिओम मिश्रा, बीजेपी सांसद अजय मिश्रा के बेटे आशीष के ड्राइवर थे। वह आशीष के साथ करीब पाँच साल से काम कर रहे थे। हरिओम परसेहरा गाँव के रहने वाले थे। उनके दो छोटे भाई-बहन हैं, उनकी माँ का नाम निशा और उनके पिता का नाम राधे श्याम है, वह मानसिक और शारीरिक रूप से सक्षम नहीं हैं। राधेश्याम के काम न कर पाने के कारण परिवार हरिओम की कमाई पर निर्भर था।

 

हरिओम की बहन माहेश्वरी ने बताया कि उनका भाई दो-तीन दिन पहले काम पर गया था। माहेश्वरी रोते हुए कहती हैं, “मुझे कुछ नहीं पता कि उनके साथ क्या हुआ। उन्हें किसानों ने मार डाला।” हरिओम की माँ ने दुख जताते हुए कहा, “उसके साथ जो हुआ वह क्रूर और अमानवीय था। उसे राक्षसों ने मार डाला।” निशा विलाप करते हुए कहती हैं कि वह अपने मृत बेटे के शव को कैसे देख सकती हैं, जो 3 अक्टूबर को तथाकथित किसानों के क्रोध का शिकार हो गया।

 

वह वीडियो कभी नहीं भूलूँगी: श्याम सुंदर निषाद की माँ

वहीं एक अन्य पीड़ित श्याम सुंदर निषाद (30) की माँ ने कहा कि उनके बेटे की मौत की खबर मिलने से पहले ही घटना का वीडियो उनके पास पहुँच गया। श्याम सुंदर निषाद के परिवार को उसकी मौत का पता तब चला जब उन्हें व्हाट्सएप पर ‘किसानों’ की भीड़ द्वारा उसकी पिटाई का वीडियो मिला। श्याम सुंदर निषाद जिले के सिंघी क्षेत्र में भाजपा के ‘मंडल मंत्री’ थे।

निषाद की माँ फूलमती कहती हैं कि वह कभी भी उस वीडियो को नहीं भूल पाएँगी। उन्होंने कहा, “मेरे बेटे के आसपास लोग जमा हैं। उसके शरीर से खून बह रहा है, वह दया की भीख माँग रहा है, लेकिन लोग उससे सवाल कर रहे हैं।” फूलमती ने कहा कि नाराज ‘किसानों’ ने निषाद से सवाल किया कि क्या उन्हें मिश्रा ने भेजा था। उसके मना करने के बावजूद लोग उससे पूछते रहे कि क्या उसे जानबूझकर ‘एक्सीडेंट’ करने के लिए भेजा था। वह दया की गुहार लगाता रहा, लेकिन किसानों ने उसकी एक न सुनी।

फूलमती ने पुष्टि की कि उनका बेटा निषाद एक सक्रिय भाजपा कार्यकर्ता था और सांसद (मिश्रा) के गाँव में एक दंगल कार्यक्रम के लिए गया था। परिवार के एकमात्र कमाने वाले सदस्य को खोने के बाद निषाद के 52 वर्षीय पिता बालक राम को उनकी दो बेटियों की चिंता हो रही है। इनमें से एक की उम्र 3 साल और एक की 7 महीने है। उन्होंने कहा, “सरकार ने 45 लाख रुपए का चेक दिया है, लेकिन हम न्याय चाहते हैं। जिसने भी उसे मारा है, उस पर कार्रवाई होनी चाहिए।”

‘दादा…दादा छोड़ दो’, निषाद का जान की भीख माँगता वीडियो वायरल

हिंसक दुर्घटना के बाद निषाद का वीडियो सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो गया था। उनका चेहरा खून से लथपथ था और उनकी आँखों में मौत का खौफ साफ तौर पर देखा जा सकता था। वे स्तब्ध और हिंसक भीड़ के अत्यधिक दबाव में थे। वीडियो में स्थिति साफ दिख रही थी।

उनकी अंतिम चीखें दिल दहला देने वाली थी। इससे हमारे-आपके रोंगटे भले खड़े हो जाएँ, लेकिन ‘किसान आंदोलनकारियों’ को जान की भीख माँग रहे एक निर्दोष पर जरा भी तरस नहीं आई। उसकी मॉब लिंचिंग कर दी गई। उनसे ‘किसान आंदोलनकारियों’ की भीड़ जबरन ये कबूल करने का दबाव बना रही थी कि वो ये बोलें कि मंत्री ने उन्हें किसानों को मारने के लिए भेजा है। भाजपा कार्यकर्ता श्याम सुंदर निषाद बार-बार ‘दादा… दादा, छोड़ दो’ की गुहार लगा रहे थे, लेकिन गुंडों का दिल नहीं पसीजा। उनसे जबरन कबूलवाया जा रहा था कि वो किसानों पर गाड़ी चढ़ाने आए हैं। वे हाथ जोड़ गिड़गिड़ाते रहे, लेकिन उनकी एक न सुनी गई। श्याम सुंदर निषाद के भाई संजय निषाद ने भी ऑपइंडिया से बात की और बताया कि 3 अक्टूबर को क्या हुआ था।

 

https://twitter.com/i/status/1444724957687123969 https://twitter.com/i/status/1445300457346244616

अक्टूबर को, ऑपइंडिया ने बताया कि हरिओम के परिवार के सदस्यों ने हिंसा के लिए विपक्षी नेताओं को जिम्मेदार ठहराया। इसके अलावा उनके परिवार के सदस्यों ने राकेश टिकैत को ‘आतंकवादियों का नेता’ कहा। हरिओम के परिजनों ने बीकेयू नेता को तथाकथित किसानों द्वारा पीट-पीट कर मार डालने वाले चारों की मौत के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए टिकैत के खिलाफ कार्रवाई की माँग की।

इस बीच, एक अन्य मृतक शुभम मिश्रा के चाचा ने भी कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा प्रदर्शनकारियों पर हमला किए जाने के दावे झूठे हैं। उन्होंने कहा, ‘भाजपा कार्यकर्ताओं ने किसी पर हमला नहीं किया। आतंकवादियों (प्रदर्शनकारियों) ने पथराव करना शुरू किया था।”