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मौत, रेप या फिर सेक्स स्लेव बनकर बच्चे पैदा करो; अफगानिस्तान में यौन दासता

पूरी दुनिया की नजर अफगानिस्तान में चल रहे संघर्ष की तरफ है। तालिबानियों ने 20 साल बाद फिर से अफगानिस्तान के बड़े हिस्से पर अपना कब्जा जमा लिया। काबुल में पूरी तरह से तालिबानी आतंकियों की पैठ मजबूत हो गई है। राष्ट्रपति भवन से लेकर हर सरकारी दफ्तर में बस तालिबानियों का कब्जा है। तालिबान के आतंकियों के खौफ खाए लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भाग रहे है। वहीं इस बीच वहां कुछ ऐसा हो रहा है, जो बेहद डरा देने वाला है। 

ऐसे में प्रश्न होता है कि जब भारत में मोदी सरकार द्वारा मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से मुक्ति दिलाने के कानून बनाए जाने पर टीवी चर्चाओं में इस्लाम में महिलाओं के सम्मान की बात कहकर लोगों को भ्रमित करने वाले इस्लाम के जानकर क्यों खामोश हैं? क्या भारत और भारत से बाहर इस्लाम में फर्क है?
 

अफगानिस्तान में यौन दासता

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो तालिबान लड़ाकों ने कथित तौर पर फिर से कब्जा किए गए शहरों से 12 साल की लड़कियों को ‘सेक्स गुलाम’ (Sex Slaves) बनाने के लिए घरों से उठाया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक कमांडरों ने इमामों को आदेश दिया है कि वे अपने सैनिकों की शादी के लिए 12 साल से ज्यादा उम्र की लड़कियां और 45 वर्ष तक विधवा महिलाओं को लाएं, क्योंकि उन्हें ‘कहानीमत’ या ‘युद्ध की लूट’ के तौर पर देखा जा रहा है। वहां के धार्मिक नेता तालिबान आतंकियों की शादी के लिए 15 से ज्यादा उम्र की लड़कियों और 45 वर्ष से कम उम्र की विधवा महिलाओं की लिस्ट बनाने के काम में जुटने का आदेश जारी कर दिया है। हालांकि इस काम को शुरू किया गया है या नहीं इस बारे में किसी तरह की कोई खबर सामने नहीं आई है।

खौफजदा महिलाएं 

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी की शबिया मंटू ने बताया कि मई से अब तक 250,000 से अधिक लोग अपने घरों से भागने के लिए मजबूर हो गए हैं और उनमें से 80 प्रतिशत महिलाएं और बच्चे है। वहीं बताया जा रहा है कि ऐसे जबरन विवाह या सेक्स स्लेव के रूप में महिलाओं और लड़कियों को वजीरिस्तान (पाकिस्तान) ले जाया जाएगा और फिर से तामील देकर इस्लाम में कन्वर्ट किया जाएगा। दूसरी तरफ इस आदेश के बाद लड़कियों-महिलाओं सहित परिवारों में भयानक खौफ है। लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर उधर भाग रहे है।

 

अफगानी महिला के आंसुओं ने खोल दी ऑंखें 

एक्टिविस्ट मासिह अलीनेजाद (Masih Alinejad) के ट्विटर अकाउंट से शेयर किए गए वीडियो में एक अफगानी लड़की (Afghani Girl Crying) जिस तरह बेबसी के आंसू रोती हुई दिख रही है, उसे देखकर आपका कलेजा भी कांप उठेगा। 45 सेकेंड की क्लिप में लड़की के चेहरे पर हज़ार भाव आते-जाते दिख रहे है। मानो उसे अपना भी भविष्य उन्हीं नकाबपोश लड़कियों में दिख रहा है, जिन्हें तालिबानी जानवरों (Taliban Treat Girls like Animals) की तरह समझते हैं। लड़की रोते हुए बताती है कि उसका जुर्म सिर्फ इतना है कि वो अफगानिस्तान (Afghanistan Taliban) में पैदा हुई है। वो कहती है- ‘हमारी गिनती ही नहीं होती, क्योंकि हम अफगानी लड़किया है। मैं सिर्फ रो सकती हूं क्योंकि हम इतिहास में धीरे-धीरे मर रहे है।  किसी को भी हमारी परवाह नहीं।’

 

तालिबानियों की नज़र में महिला मात्र सम्भोग की चीज़ 

इस लड़की ने तो नहीं, लेकिन इसकी मां या घर की बड़ी महिलाओं ने साल 1996-2001 तक का तालिबानी शासन ज़रूर देखा होगा। इसने भी वो दास्तान सुनी होगी, तभी डर के मारे उसकी रूह कांप रही है। स्कूल-कॉलेज, दोस्त तो छोड़िए, महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलने दिया जाता। तालिबानी राज में 12 साल के ऊपर की बच्चियां भी सेक्स स्लेव बना दी जाती हैं। अगर वो दहलीज़ से बाहर कुछ बेहतर करने का सोचती हैं तो तालिबानी उन्हें नेस्तनाबूत कर देते है।

मौत, बलात्कार या सेक्स स्लेव बनकर बच्चे पैदा करो 

महिलाओं, लड़कियों और बच्चियों तक के नसीब में तालिबान सिर्फ तीन चीज़ें लिख देते हैं – मौत, रेप या फिर सेक्स स्लेव बनकर बच्चे पैदा करना। तालिबानी कब्ज़ा होने के बाद ही उन्होंने घर-घर जाकर 12 साल से ऊपर की बच्चियों को उठाना शुरू कर दिया है। उनका भविष्य निर्धारित किया जा चुका है- या तो उनकी शादी उम्र में दुगने या तिगुने शख्स के साथ कर दी जाएगी या फिर उन्हें सेक्स स्लेव के तौर पर बेच दिया जाएगा। इस खौफनाक सच्चाई को जानने के बाद अफगानी लड़कियों की आंखों में आंसू आना लाज़मी है। यूनाइटेड नेशंस तक ये हालात पहुंच रहे हैं, वे भी इसकी असलियत जानते हैं, लेकिन मानो इसका कोई हल किसी के पास बचा ही नहीं है। इन लड़कियों के आंसू बेमोल हैं और इनका भविष्य घने अंधकार है।

Sabhar RBL Nigam