Friday, November 22, 2024

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61 वर्षीय दादी की डेलीवरी हुई, उसने बच्चे को अपने बड़े बेटे को पकड़ाया और बोली, “यह तुम्हारा बच्चा है।

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जब 61 साल की सेसील एलेज़ गर्भवती हुई तो उसे पता था कि यह बहुत बड़ी चीज थी। उसकी उम्र की हर महिला में में इतनी शक्ति, इतना दम और इतनी ऊर्जा नहीं होती कि इस उम्र में बच्चा पैदा कर सके। लेकिन सेसील अलग थी। उसने अपनी पूरी ज़िंदगी अपनी सेहत पर बहुत ध्यान दिया था और स्वस्थ खाना ही खाया था। उसे यही उम्मीद थी कि इस उम्र में गर्भावस्था आने से भी कुछ परेशानी नहीं होगी।

लेकिन डेलीवरी के दिन जो हुआ वह शायद ही किसी ने सोचा होगा।

सेसील मूलतः नेब्रास्का से थी जो मध्य पश्चिमी संयुक्त का एक राज्य है। 61 वर्षीय सेसील की यह पहली डेलीवरी नहीं थी। उसके तीन बेटे थे और बड़े वाले का नाम मैथ्यू एलेज था। सेसील अपने तीनों बच्चों और खासकर मैथ्यू को बहुत चाहती थी। हर माँ की तरह वह भी चाहती थी कि उसका बेटा खुश रहे और और मैथ्यू बहुत खुश था भी। मैथ्यू समलैंगिक था और उसने एक आदमी से ही शादी की थी जिसका नाम था इलियट डोहर्टी। सेसील को दोनों पर बहुत गर्व था।

ऊपर से सब अच्छा दिखता था पर ऐसा था नहीं।

सेसील अच्छा सेहतमंद खाना खा रही थी पर उसे गर्भ धारण करने से पहले कई टेस्ट कराने पड़े थे। हर गर्भवती माँ की तरह चाहती भी चाहती थी कि सभी जरूरी जाँचे करवाकर देख ले कि होने वाला बच्चा स्वस्थ है या नहीं।

लेकिन सेसील का मामला विशेष था।

जब कोई महिला 61 साल की उम्र में गर्भवती होती है तो डॉक्टर उस पर विशेष ध्यान देते हैं; उस उम्र की महिला का शरीर एक युवा महिला से अलग होता है और कई बार गर्भावस्था में गड़बड़ियाँ देखने में आती हैं। लेकिन सेसील को पूरा यकीन था कि उसके साथ सब ठीक होगा। उसके बेटे और पति को भी घर के नए सदस्य के आने का बेसब्री से इंतजार था।

इस बेसब्री के पीछे एक बहुत बड़ा कारण

अखिर डेलीवरी का दिन आ गया था। बच्चा होने वाला था। सेसील पिछले कई महीनों से अपना और अपने बच्चे का बहुत सावधानी से ध्यान रख रही थी। उसने शुरुआत में ही सभी आवश्यक टेस्ट करवा लिए थे और सब कुछ ठीक आया था। बच्चे की डेलीवरी में कुछ भी गड़बड़ नहीं हुई और सब ठीक से हो गया। होश में आने के बाद सेसील ने नन्हें बच्चे को अपनी बाहों में लिया।

फिर उसने बच्चे को अपने बेटे मैथ्यू को पकड़ा दिया और बोली कि अपनी बेटी से हैलो कहे।

आपको लग रहा होगा कि ये सेसील क्या कह रही थी, पर यह पहेली इतनी जटिल नहीं है। सेसील अपने समलैंगिक बेटे और उसके पति के लिए एक सरोगेट माँ बनी थी क्योंकि वे अपना परिवार बढ़ाना चाहते थे। इसलिए सेसील ने तो अपनी पोती को जन्म दिया था।

“अपने बेटे के लिए यह करके सेसील बहुत खुश थी,” मिस्टर डोहर्टी बताते हैं। “उनके जैसी निस्वार्थ महिला ढूँढने से भी नहीं मिलेगी।”

शुरुआत में किसी ने दादी के विचार को गंभीरता से नहीं लिया था।

उपयोग की सहमति देते हैं।

 

जब दोनों एक सरोगेट माँ की तलाश कर रहे थे और कई विकल्प देख रहे थे तो मैथ्यू की माँ सेसील ने सुझाव दिया था कि वह खुद ही उसके बेटे और उसके पति के बच्चे की सरोगेट मदर क्यों नहीं बन जाती।

“यह सुनकर हर सब मुस्कुरा दिए थे,” श्रीमति एलेज ने बीबीसी को बताया। तब 59 की रही सेसील की बात को सभी ने मज़ाक में उड़ा दिया था।

लेकिन जब सेसील एक डॉक्टर से मिली तो कहानी में बड़ा मोड़ आ गया।

डॉक्टर बोला था कि सेसील के लिए अपने बेटे मैथ्यू और उसके पति इलियट के बच्चे को जन्म देना बिल्कुल संभव था। इसके बाद दंपति मान इसकेकि सेसील ही उनके बच्चे को जन्म देगी।

“हमें पता था कि हमारे साथ सब अलग ही होता है और हमें नई चीज आजमाकर अजीब नहीं लगा,” मैथ्यू ने कहा।

लेकिन सेसील के लिए गर्भवती होना संभव तो था पर आसान नहीं था।

मैथ्यू सेसील का अकेला बच्चा नहीं था। उसके तीन बच्चे थे और उसे पूरा अनुभव था कि गर्भावस्था के दौरान क्या सावधानियाँ रखनी होती हैं ताकि डेलीवरी ठीक से हो और बच्चा स्वस्थ पैदा हो । चूंकि सेसील 60 साल से अधिक उम्र की हो चुकी थी इसलिए उसके गर्भाशय में भ्रूण का स्थानांतरण आसानी से सफल नहीं हो रहा था। मैथ्यू और उसके पति के लिए धीरज बनाए रखना बहुत कठिन हो रहा था।

आखिरकार सेसील के शरीर के अंदर भ्रूण स्थानांतरित हो गया! होने वाली दादी सेसील के पेट में आखिरकार उसी की पोती उमा आ गई थी! गर्भावस्था के परीक्षण में स्पष्ट हो गया था कि उसने गर्भधारण कर लिया था।

“यह वास्तव में बहुत खुशी का क्षण था,” दादी बताती है। जल्दी ही उसके दूसरे बच्चों को भी पता चल गया कि सेसील के पेट में उनके भाई का ही बच्चा था। यह ख़बर सुनकर पहले तो उन्हें सब समझने में थोड़ा समय लग गया पर अंत में उन्होंने इस फैसले के लिए अपनी माँ का पूरा समर्थन किया। यहाँ तक कि निषेचन के लिए अंडे भी इलियट की बहन ने ही दिए! यही नहीं, सेसील के इस साहसी निर्णय से LGBTQ + समुदाय के खिलाफ भेदभाव से लड़ने में भी बहुत मदद मिली।

आज मैथ्यू और इलियट अपनी बेटी उमा को पाकर बहुत खुश हैं।