गत दिनों मेरठ में हिंदी के प्रख्यात पत्रकार संपादकाचार्य बाबू राव विष्णु पराड़कर की जयंती पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी का विषय था ‘वर्तमान हिंदी पत्रकारिता में मौलिकता।’ कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्या इंस्टीट्यूट आफ फैशन टेक्नोलॉजी की निदेशक डॉ. रीमा वार्ष्णेय ने की। मुख्य अतिथि श्री सुमंत डोगरा ने विश्व संवाद केंद्र के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
मुख्य वक्ता डॉ. मनोज कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि आज पत्रकारिता की भाषा में आक्रमकता बढ़ रही है और मौलिकता का लोप हो रहा है। वर्तमान पत्रकारिता में तकनीकी का विकास तो हुआ, लेकिन संपूर्ण रूप में मौलिकता में कमी आई है।
आज स्वाध्याय समाप्त हो गया है। यदि हम अपनी संस्कृति और पत्रकारिता का विकास करना चाहते हैं तो स्वाध्याय के माध्यम से मौलिकता लानी होगी। डॉ. प्रशांत कुमार ने कहा कि जिसमें दर्द सहने की क्षमता होगी, सही मायने में वही मील का पत्थर बन सकता है। इसके लिए व्यक्ति में समर्पण की भावना होनी चाहिए। गोष्ठी का आयोजन विद्या नॉलेज पार्क एवं विश्व संवाद केंद्र, मेरठ ने किया था।