Parle-G ने भी दिया महंगाई का झटका, सबका पसंदीदा बिस्कुट अब हुआ इतना महंगा
नई दिल्ली, 24 नवंबर। लगातार बढ़ती महंगाई से आम आदमी की कमर टूट रही है, इस बीच भारत का लोकप्रिय बिस्कुट ‘पारले जी’ की कीमतों में भी इजाफा किया गया है। पारले प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड ने आम आदमी का बिस्कुट कहे जाने वाले ‘पारले-जी’ की कीमतों में 10 फीसदी तक की बढ़ोतरी की है। बीते मंगलवार कंपनी के एक अधिकारी ने कहा कि बिस्कुट बनाने के लिए जरूरी सामान के बढ़े दाम की वजह से ‘पारले-जी’ प्रोडक्ट्स की कीमतें बढ़ाने का फैसला किया गया है।महंगा हो गया पारले जी पारले प्रोडक्ट्स के सीनियर कैटेगरी हेड मयंक शाह के मुताबिक अभी भी कीमतों के आकर्षक स्तर पर बनाए रखने की पूरी कोशिश की गई हैं, हालांकि इसके लिए पैकेट के ‘ग्राम’ में थोड़ी कटौती की जाएगी। उन्होंने कहा कि चीनी, गेहूं और खाद्य तेल जैसे कच्चे माल की कीमतों में तेजी के चलते कंपनी को अपने उत्पादों के दाम बढ़ाने पड़े हैं। लोकप्रिय पारले जी ग्लूकोज बिस्कुट की कीमतों में 6 से 7 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है।महंगाई के चलते कंपनियों पर भी दबाववहीं कंपनी ने रस्क और केक खंड की कीमतों में 5 से 10 फसीदी तक बढ़ोतरी की है। बता दें कि हाइड एंड सीक और क्रैकजैक भी पारले का ही लोकप्रिय ब्रांड हैं, उनके उत्पादों की कीमतों में भी बढ़ोतरी की गई है। मयंक शाह ने बताया कि कंपनी ने 20 रुपए या उससे अधिक मूल्य वाले बिस्कुट और दूसरे उत्पादों के दाम बढ़ाए हैं। उन्होंने ने कहा, कंपनी ने यह फैसला उत्पादन लागत पर लगातार बढ़ते मुद्रास्फीति के दबाव विचार के बाद लिया है।इस तिमाही पहली बार बढ़े दाममयंक शाह ने आगे कहा, ज्यादातर कंपनियां मुद्रास्फीति के दबाव का सामना कर रही हैं, इसकी वजह कच्चे माल जैसे खाद्य तेल की कीमतों में पिछले साल के मुकाबले 50-60 फीसदी की बढ़ोतरी है। बता दें कि इस वित्त वर्ष ये पहली बार है जब कंपनी ने उत्पादों के दाम बढ़ाए हैं, इससे पहले इससे पहले जनवरी-मार्च 2021 तिमाही में कंपनी ने कीमतों में बढ़ोतरी की थी लेकिन वह वित्त वर्ष 2020-2021 में की थी।कोरोना काल में हुई थी रिकॉर्ड बिक्री मयंक शाह ने आगे कहा, ज्यादातर कंपनियां मुद्रास्फीति के दबाव का सामना कर रही हैं, इसकी वजह कच्चे माल जैसे खाद्य तेल की कीमतों में पिछले साल के मुकाबले 50-60 फीसदी की बढ़ोतरी है। बता दें कि इस वित्त वर्ष ये पहली बार है जब कंपनी ने उत्पादों के दाम बढ़ाए हैं, इससे पहले इससे पहले जनवरी-मार्च 2021 तिमाही में कंपनी ने कीमतों में बढ़ोतरी की थी लेकिन वह वित्त वर्ष 2020-2021 में की थी।कोरोना काल में हुई थी रिकॉर्ड बिक्रीकोरोना वायरस महामारी के चलते लगाए गए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन में कई कंपनियों की हालत पतली हो गई लेकिन, 82 साल से देश में सामान्य लोगों के लिए सबसे पसंदीदा बिस्किट पारले-जी ने इस दौरान बिक्री का अपना सारा रिकॉर्ड तोड़ दिया। लॉकडाउन के दौरान पारले-जी ब्रांड की बिस्किट की सबसे ज्यादा बिक्री हुई है। लोगों ने घरों में बंद रहकर भी इसे दबाकर खाया है और कई लोगों ने इसी के सहारे पूरा लॉकडाउन गुजार दिया।Parle-G में क्या है ‘जी’ का मतलब?मुंबई। कोरोना संकट से जूझ रहे भारत में लॉकडाउन की वजह से काफी लोगों का रोजगार ठप पड़ गया है लेकिन पारले-जी बिस्कुट ने एक नया ही कीर्तिमान स्थापित किया है, आपको जानकर हैरत होगी कि लॉकडाउन पीरियड में पारले-जी बिस्कुट की इतनी अधिक बिक्री हुई है, जिसने 82 सालों का रिकार्ड तोड़ दिया है, मात्र 5 रूपए में बिकने वाला बिस्कुट आज हर आम से लेकर खास तक का चहेता है और इसकी ब्रिक्री ने ये बखूबी साबित कर दिया है कि दाम नहीं बल्कि स्वाद बड़ी चीज होती है।लॉकडाउन में पारले-जी बिस्कुट ने रचा इतिहासलॉकडाउन में पारले-जी बिस्कुट ने रचा इतिहास’बचपन से बड़ा कोई स्कूल नहीं, क्यूरोसिटी से बड़ी कोई टीचर नहीं’अभी तो चलिए देश में कोरोना संकट है लेकिन इसमें किसी को कोई शक नहीं है कि भारत का शायद ही ऐसा कोई घर होगा जहां ‘पारले जी’ का बिस्कुट आता नहीं होगा, ‘बचपन से बड़ा कोई स्कूल नहीं, क्यूरोसिटी से बड़ी कोई टीचर नहीं’ का संदेश देते हुए झोपड़ी से लेकर रईसजादों तक की पहली पसंद रहे इस बिस्कुट से साथ बहुत लोग बचपन से जवान और फिर बूढे हुए हैं लेकिन शायद उनमें से काफी लोगों को पता नहीं होगा की पारले-जी में ‘जी’ का क्या मतलब होता है।पारले-जी में ‘जी’ का मतलब जीनियसदरअसल पारले-जी में ‘जी’ का मतलब जीनियस (प्रतिभाशाली) है और यही कंपनी का नारा भी है, ‘पारले जी’ नाम को रेलवे स्टेशन विले पार्ले से लिया गया है जो स्वयं पार्ले नामक पुराने गांव पर आधारित है, वैसे ‘जी’ का अर्थ यहां पर ग्लूकोज से भी है, कुल मिलाकर कंपनी का संदेश यही है कि जो कि पारले कंपनी के ग्लूकोज बिस्कुट को खाता है वो जीनयस बन जाता है।ये है इतिहासमालूम हो कि साल 1929 में भारत जब ब्रिटिश शासन के अधीन था तब ‘पारले जी’ नामक एक छोटे सी कंपनी खुली थी जो मिठाइयों और टॉफियों (जैसे कि मेलोडी, कच्चा मैंगो बाईट आदि) बनाती थी, एक दशक बाद वहां बिस्कुट का उत्पादन भी शुरू कर दिया गया जो कि बाद में भारत की सबसे बड़ी खाद्य उत्पाद कंपनियों से एक हो गई, खास बात ये है कि यह कंपनी और भी बहुत सारी चीजें बनाती हैं जैसे कि सॉस, टॉफी, केक लेकिन इन सब का मार्केट बिस्कुट के आगे फेल है।बिस्कुट के पैकेट पर छपी बच्चे की फोटो किसकी है?अक्सर ‘पारले जी’ बिस्कुट के पैकेट पर छपी बच्चे की फोटो के बारे में चर्चा होती रहती है कि आखिर यह बच्चा कौन है? कुछ दिनों पहले इसे नीरू देशपांडे के बचपन की फोटो बताई गई लेकिन नहीं दोस्तों यह फोटो किसी मॉडल या सेलिब्रेटी की नहीं बल्कि एक ऐनिमेटड पिक्चर है जिसका निर्माण 1979 में किया गया था।