यूक्रेन में बड़ी संख्या में भारतीय छात्र फंसे हुए हैं। इनमें हरियाणा के करीब 2,000 छात्र-छात्राएं भी हैं। अभिभावकों ने राज्य के शिक्षा मंत्री से मुलाकात कर बच्चों को सुरक्षित वापस लाने की अपील की।
यूक्रेन में हरियाणा के करीब दो हजार छात्र फंसे हुए हैं। माता-पिता और भिभावक अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। इस संबंध में उन्होंने राज्य के शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर से मिले और अपने बच्चों को सुरक्षित वापस लाने की अपील की है। परिजनों ने भारतीय दूतावास ओर भारत सरकार से भी यूक्रेन में फंसे छात्रों को निकालने के लिए तत्काल कोई कदम उठाने की गुहार लगाई है।
यमुनानगर निवासी विशाल शर्मा ने बताया कि यूक्रेन में युद्ध शुरू हो गया है और उनकी मानसी शर्मा वहां फंस गई है। मानसी का कहना है कि शहर पर मिसाइल हमले हो रहे हैं और हर जगह धमाके सुनाई दे रहे हैं। यूक्रेन की स्थिति बहुत खराब है। हवाईअड्डे बंद हैं और उन्हें एक स्कूल में रखा गया है, जो कीव में भारतीय दूतावास के पास है। बच्चे बहुत परेशान हैं। उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि क्या करें, कहां रहेंगे और क्या खाएंगे। एक अन्य अभिभावक ने बताया कि जब वे अपनी बेटी से बात कर रहे थे तो पीछे से रोने-चिल्लाने की आवाजें आ रही थीं। बच्चे बहुत डरे हुए हैं। अभिभावक शिवकुमार ने बताया कि उनके बच्चे रात भर डर के साये में रहते हैं। उनके पास खाने-पीने का सामान भी नहीं है। बिजली भी नहीं है और उनसे संपर्क का एकमात्र माध्यम मोबाइल ही है, लेकिन वे मोबाइल भी चार्ज नहीं कर पा रहे हैं। इस वजह से भारी दिक्कत आ रही है। शिक्षा मंत्री ने आश्वासन दिया है कि वे सांसद रतन लाल कटारिया और विदेश मंत्री से बात कर इसका समाधान निकालने में लगे हुए हैं। केंद्र सरकार पहले से ही इस दिशा में प्रयासरत है। युद्ध शुरू होने से पहले कई बच्चों को वापस भी लाया गया।