पीवीआर में अभी तक यह फिल्म तीन शो में दिखाई जा रही थी। वहीं अब इसके रोजाना 11 शो होंगे।
नब्बे के दशक में कश्मीरी पंडितों के साथ हुए अत्याचार की हकीकत को बयां करती फिल्म द कश्मीर फाइल्स को लेकर प्रयागराज से बड़ी खबर आई है। यहां के पीवीआर में अभी तक यह फिल्म तीन शो में दिखाई जा रही थी। वहीं अब इसके रोजाना 11 शो होंगे। शहर दक्षिणी विधानसभा क्षेत्र के विधायक नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी ने इसके लिए पहल की है।
नन्दी ने पीवीआर प्रबंधन से सभी शो में कश्मीर फाइल्स चलाने का अनुरोध किया। उनके पहल पर पीवीआर प्रबंधन ने अपने चारों ऑडी में सुबह से लेकर देर रात तक कश्मीर फाइल्स के 11 शो चलाने का निर्णय लिया है। जिसकी शुरूआत मंगलवार से ही कर दी गई।
नन्दी ने कहा कि जिस कश्मीर में कश्मीरी पंडित हजारों साल से रहते आ रहे थे। जो कभी कश्यप ऋषि की भूमि थी, जहां दरिया हैं, पहाड़ हैं, कुदरत की नक्काशी है, उसी कश्मीर में सामूहिक चिताएं जली थीं। 90 का दशक कश्मीर में बर्बरता का वो दौर लेकर आया, जिसे आज से पहले ना देखा गया, ना सुना गया। कश्मीरी पंडितों को मारा गया, बेटियों के साथ बलात्कार हुए।
नन्दी ने कहा कि कश्मीर में हुए अत्याचार की वजह से ही कश्मीरी पंडितों को अपने घर छोड़कर दर-दर भटकना पड़ा। तीन दशक बाद एक फिल्म सामने आई है ‘कश्मीर फाइल्स’ जिसने इस दर्द को फिर से न सिर्फ कुरेदा है, बल्कि कश्मीरी पंडितों के साथ हुए अत्याचार की हकीकत को दुनिया के सामने लाकर रख दिया है। जिसे देखने के बाद लोगों को पता चल रहा है कि उस भयानक दौर में किस तरह आतंकवादियों और कट्टरपंथियों ने मिलकर 20 हजार कश्मीरी पंडितों के घरों को फूंक दिया था। कश्मीर में 105 स्कूल कॉलेज और 103 मंदिरों को तोड़ दिया गया था।
मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया
“द कश्मीर फाइल्स“ को उत्तर प्रदेश में टैक्स फ्री करने पर नन्दी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का हार्दिक आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा है कि इस फिल्म के माध्यम से कश्मीरी पंडितों की अनकही त्रासदी और वेदना देश-दुनिया के सामने आई है। धारा 370 की समाप्ति वास्तव में उन गहरे घावों पर मरहम लगाने का निर्णय था और यह निर्णय किसलिये अनिवार्य था? यह फिल्म देखकर लोग महसूस करेंगे।