कानपुर। बर्रा की यादव मार्केट पुलिस चौकी के चौकी प्रभारी आशीष कुमार मिश्रा समेत यहां तैनात सभी 14 पुलिस कर्मियों को पुलिस आयुक्त विजय ङ्क्षसह मीना के आदेश पर डीसीपी दक्षिण ने लाइन हाजिर कर दिया है। पुलिस आयुक्त ने यह कार्रवाई एडिशनल डीसीपी दक्षिण मनीष सोनकर की उस रिपोर्ट पर की है, जिसमें पाया गया था कि पुलिस कर्मियों ने एक पक्ष को लाभ पहुंचाने के लिए न केवल दूसरे पक्ष को जबरन कब्जा करवाया, बल्कि पीडि़त पक्ष के खिलाफ चोरी की धाराओं में मुकदमा भी दर्ज करा दिया। एडीसीपी ने सभी पुलिसकर्मियों को चौकी से हटाने की संस्तुति की थी।
बर्रा निवासी महादेव ने अपना मकान बेचने के लिए वर्ष 2014 में उमराव से 35 लाख रुपये में सौदा किया था। इसके एवज में उमराव ने दस लाख रुपये और आठ लाख रुपये मूल्य के दो प्लाटों की रजिस्ट्री महादेव के नाम कर दी थी। वहीं महादेव ने अपने मकान की रजिस्ट्री उमराव के नाम कर दी थी। मगर, पूरा पैसा न मिलने पर महादेव ने अपने मकान पर कब्जा नहीं छोड़ा। वहीं दूसरी ओर उमराव ने अपने प्लाटों की रजिस्ट्री फर्जी बताते हुए महादेव पर सिविल सूट भी कर दिया।
यही नहीं उमराव ने कोर्ट को भी गलत जानकारी दी कि महादेव वाले मकान पर भी उसका ही कब्जा है। इस पर कोर्ट ने उमराव के हक में फैसला दिया। हालांकि पुलिस को पूरी वास्तविकता का ज्ञान था, बावजूद कोर्ट के आदेश का हवाला देकर यादव मार्केट पुलिस चौकी के प्रभारी व अन्य ने महादेव को न केवल जबरन घर से बेघर कर दिया, बल्कि उसके खिलाफ चोरी का मुकदमा भी दर्ज करा दिया। इस मामले में महादेव की शिकायत पर डीसीपी दक्षिण रवीना त्यागी ने एडिशनल डीसीपी मनीष सोनकर को जांच करने का आदेश दिया था। एडीसीपी ने जांच में पाया कि पुलिस ने गलत किया।
एसीपी व इंस्पेक्टर बर्रा अभी बचे : एडीसीपी की रिपोर्ट में एसीपी गोविंदनगर विकास कुमार पांडेय और इंस्पेक्टर बर्रा दीनानाथ मिश्रा के खिलाफ भी रिपोर्ट दी गई है। मकान कब्जाने से 15 दिन पहले उमराव पक्ष ने महादेव के स्वजन पर हमला कर लूटपाट की थी। बेटी का सिर फूट गया था। वीडियो में स्पष्ट तौर पर लूटपाट दिखाई दी थी, लेकिन एसीपी ने लूट की धारा हटा दी थी। इसी तरह थाना प्रभारी भी इस मामले में लिप्त पाए गए। इंस्पेक्टर को भी हटाने के लिए एडीसीपी ने लिखा था। लेकिन दोनों ही मामलों में अभी कार्रवाई नहीं हुई है।
यह पुलिसकर्मी हुए लाइन हाजिर : चौकी प्रभारी आशीष कुमार मिश्रा, दारोगा राहुल कुमार गौतम, दारोगा जयवीर सिंह, हेड कांस्टेबिल गणेश कुमार, कमलापति, प्रदीप कुमार, शिवप्रताप सिंह और सिपाही लोकेश कुमार, नवनीत राजपूत, अश्वनी कुमार, भूपेंद्र दीक्षित, नागेंद्र सिंह चौहान, अतुल कुमार और जितेंद्र सिंह।