पटना। बिहार दिवस समारोह में भाग लेने के लिए विभिन्न जिलों से लाये गए 100 से अधिक स्कूली बच्चे बृहस्पतिवार को बीमार पड़ गए। मंगलवार से शुरू बिहार के 110वें स्थापना दिवस समारोह में प्रदेश के विभिन्न जिलों से स्कूली लड़के और लड़कियों को भाग लेने के लिए प्रदेश की राजधानी पटना लाया गया था। उनमें से कई ने अपने प्रवास के अंतिम दिन की सुबह पेट संबंधी समस्याओं की शिकायत की। दोपहर तक 156 बच्चों ने दस्त और उल्टी की शिकायत की थी। हालांकि अधिकांश बच्चे गांधी मैदान में इलाज के बाद ठीक हो गए, जहां यह समारोह चल रहा था।
पटना की सिविल सर्जन विभा सिंह ने बताया कि इन बच्चों के बीमार पड़ने का सही कारण जांच के बाद ही पता चलेगा। हालांकि करीब 12 छात्रों की हालत बिगड़ने पर उन्हें बिहार के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीएमसीएच) में भर्ती कराया गया जहां उनकी हालत खतरे से बाहर बतायी गई है। पीएमसीएच के अधीक्षक आई एस ठाकुर ने कहा कि यह संक्रमण का मामला प्रतीत होता है। उन्होंने कहा कि यह जरूरी नहीं कि भोजन के विषाक्ता का मामला हो। उन्होंने कहा कि गंदे हाथों से भोजन करने से भी ऐसे लक्षण हो सकते हैं। हालांकि कई छात्रों ने अपनी स्वास्थ्य समस्याओं के लिए खराब आवास सुविधाओं को जिम्मेदार ठहराया है। मधेपुरा की छात्रा शिवानी कुमारी ने कहा, ‘‘हमें जो खाना दिया जा रहा था वह ठीक नहीं था।
पानी का कंटेनर गंदा दिखता है और रखरखाव कर्मचारी देर रात में कीटाणुनाशक स्प्रे करते हैं जिससे हमारे लिए सोना मुश्किल हो जाता है। इन सभी कारकों से हम बीमार पड़ गए हैं।’’ कई छात्रों ने यह भी शिकायत की कि शहर के स्कूल भवनों में जहां उन्हें रात में रखा गया था, वहां साफ शौचालय नहीं थे। इस बीच इस मुद्दे को भाजपा के संजय मयूख ने बिहार विधान परिषद के पटल पर भी उठाया। बिहार विधान परिषद के बाहर पत्रकारों से बातचीत के दौरान मयूख ने कहा, ‘‘बिहार दिवस समारोह के लिए यहां लाए जाने के बाद इतने सारे बच्चों के बीमार पड़ने के बारे में जानकर मैं चिंतित था। मैंने खराब रख-रखाव के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ जांच और कार्रवाई की मांग की है।’’ तीन दिवसीय समारोह में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अलावा एक पुस्तक मेला और राष्ट्रीय राजधानी के ‘‘दिल्ली हाट’’ की तर्ज पर शिल्प बाजार का भी आयोजन किया गया।