हरियाणा कांग्रेस में एकता की कोशिशों के बीच कुलदीप बिश्नोई का बड़ा कदम, पिता के सियासी गढ़ से नया दांव
चंडीगढ़। हरियाणा कांग्रेस मेंं एकजुटता की कोशिशों के बीच पार्टी के वरिष्ठ नेता कुलदीप बिश्नोई ने नया कदम उठाने की तैयारी कर ली है। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के सामने खुद को पिता पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल की तरह के गैरजाट नेता के रूप स्थापित करना चाहते हैं। इसके लिए कुलदीप बिश्नोई ने अपने पिता पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के कभी सियासी गढ़ रहे करनाल को चुना है। इसके साथ ही पिता की राजनीतिक शक्ति रहे जीटी रोड बेल्ट पर खास नजर है। बता दें कि जीटी रोड बेल्ट अब भाजपा का मजबूत गढ़ है। यही कारण है कि कुलदीप 27 मार्च को सीएम सिटी करनाल में रैली करेंगे। करनाल से मुख्यमंत्री मनोहर लाल विधायक हैं।
पांच राज्यों में कांग्रेस की बुरी गत के बाद कुलदीप करेंगे राज्य में करनाल में पहली रैली
दरअसल उत्तर प्रदेश और पंजाब समेत पांच राज्यों में कांग्रेस की बुरी हार के बावजूद आदमपुर के विधायक एवं पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई जीटी रोड बेल्ट पर रैली करने जा रहे हैं। 27 मार्च को होने वाली इस रैली के लिए कुलदीप बिश्नोई ने कई कारणोंं से सीएम सिटी करनाल का चयन किया है। कुलदीप के पिता पूर्व मुख्यमंत्री स्व. भजनलाल करनाल से सांसद रह चुके हैं। जीटी रोड बेल्ट के प्रमुख जिले करनाल से अपने अभियान की शुरुआत कर कुलदीप राज्य के हर जिले में जन जागरण रैलियां करेंगे।
27 मार्च को करनाल रैली से होगी राज्य स्तरीय जन जागरण अभियान की शुरुआत
पूरे हरियाणा के दौरे पर निकलने से पहले कुलदीप बिश्नोई ने अपने प्रमुख साथियों की एक समन्वय समिति बनाई है, जो उनके राजनीतिक कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार करेगी। योगेंद्र नाथ मल्होत्रा इस समन्वय समिति के चेयरमैन हैं। पूर्व मुख्यमंत्री स्व. भजनलाल और कुलदीप बिश्नोई के पूरे राज्य में समर्थक हैं।
भजनलाल के पुराने साथियों को एकजुट कर गैर जाट की राजनीति को देंगे हवा
कुलदीप ने अपने इन समर्थकों व पुराने साथियों को एकजुट कर खुद को बड़ी राजनीतिक ताकत के रूप में पेश करने की रणनीति तैयार की है। कांग्रेस में चल रहे आंतरिक कलह के बीच कुलदीप बिश्नोई पूरे हरियाणा के दौरे पर निकलकर अपनी सक्रियता का संदेश देना चाहते हैं।
हिसार व भिवानी के सांसद रह चुके कुलदीप बिश्नोई को हालांकि हर बिरादरी का समर्थन माना जाता है, लेकिन वह गैर जाटों की राजनीति पर ज्यादा फोकस करते हैं। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को दिल्ली में जब हरियाणा के तमाम दिग्गज नेताओं से अलग-अलग राय ली तो कुलदीप ने खुद को गैर जाट नेता के रूप में पेश करते हुए कहा कि जिस तरह स्व. भजनलाल के नेतृत्व में कांग्रेस ने एकजुट रहते हुए हरियाणा में सरकार बनाई, उसी तरह कांग्रेस को गैर जाट नेतृत्व के बारे में सोचना चाहिए।
कुलदीप बिश्नोई के करीबियों का कहना है कि उन्होंने (कुलदीप बिश्नेाई ने) प्रदेश में पिता स्व. भजनलाल के सभी साथियों को न केवल मान-सम्मान दिया, बल्कि उन्हें अपने राजनीतिक गुरु के रूप में पेश करते हुए राजनीतिक आशीर्वाद भी मांगा है। पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान जब राहुल गांधी हरियाणा के दौरे पर आए थे, तब उन्होंने भूपेंद्र हुड्डा के नेतृत्व में निकलने वाली रथयात्रा का यह कहते हुए बायकाट कर दिया था कि उन्हें जाट लीडरशिप स्वीकार्य नहीं है, क्योंकि वह खुद गैर जाटों की राजनीति करते हैं। उसके बाद से कुलदीप कई बार हुड्डा के कार्यक्रमों में तो शामिल हुए, लेकिन सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के अतिरिक्त किसी को अपना नेता स्वीकार नहीं किया।