Monday, November 25, 2024

राष्ट्रीय

छावला सामूहिक दुष्कर्म में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, 10 साल पुराने मामले में दोषियों को मिली है फांसी की सजा

Hearing in the Chhawla gang rape today in the Supreme Court, the convicts in the 10-year-old case got the death penalty

नई दिल्ली। दिल्ली के छावला सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। दुष्कर्म के तीनों दोषियों को निचली अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है, जिस पर हाईकोर्ट भी अपनी मुहर लगा चुका है। निचली अदालत के फैसले के खिलाफ दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। तीनों दोषियों राहुल, रवि और विनोद को निचली अदालत ने 2014 में मौत की सजा सुनाई थी।
10 साल पुराना है मामला
बता दें कि सामूहिक दुष्कर्म का ये मामला करीब 10 साल पुराना है। 9 फरवरी 2012 को 17 साल की नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आया था। दरअसल, नाबालिग लड़की दो सहेलियों के साथ रात करीब पौने नौ बजे छावला स्थित हनुमान चौक से घर की तरफ जा रही थी। तभी रास्ते में एक लाल रंग की इंडिका कार आई जिससे दो युवक बाहर निकले और उन्होंने लड़की को जबरन कार में खींच लिया। पहचान छिपाने के उद्देश्य से युवकों ने अपने मुंह को कपड़े से ढक रखा था।
चौथे दिन मिली थी लड़की की लाश
कार नजफगढ़ क्षेत्र स्थित ताजपुर गांव की तरफ तेज गति से चली गई। चौथे दिन 13 फरवरी को पीड़िता की लाश हरियाणा के झज्जर क्षेत्र स्थित रोढ़ाई गांव के पास रेल की पटरियों के पास से बरामद हुई थी। पुलिस ने जांच के बाद रवि, उसके भाई राहुल और अन्य युवक विनोद को गिरफ्तार किया था। पुलिस के अनुसार रवि मृतका को पसंद करता था। रवि के प्रेम प्रस्ताव को जब पीड़िता ने ठुकरा दिया तो इस पूरी वारदात की साजिश रवि ने भाई व दोस्त के साथ मिलकर रची।
बेरहमी से किया था कत्ल
युवती को अगवा कर तीनों ने कार में उससे सामूहिक दुष्कर्म किया। फिर कार को हरियाणा के झज्जर की तरफ ले गए जहां उन्होंने पीड़िता से दोबारा दुष्कर्म व कुकर्म किया। इस बीच उन्होंने पीड़िता की बेरहमी से लातों से पिटाई भी की। पानी मांगने पर अभियुक्तों ने पहले उसके सिर पर पानी का मटका फोड़ दिया और बाद में उसी के दुपट्टे से उसका गला घोंट दिया। वह बेहोश हो गई तो उन्होंने जैक से पीड़िता के सिर पर कई वार किए। मौत की पुष्टि के लिए अभियुक्तों ने शव को गर्म लोहे की सलाखों से कई बार दागा।
लाल रंग की इंडिका से सुलझी गुत्थी
पुलिस के पास सिर्फ वारदात में लाल रंग की इंडिका के इस्तेमाल की जानकारी थी। पुलिस ने लाल इंडिका कारों की छानबीन शुरू कर दी। 13 फरवरी, 2012 को पुलिस को एक युवक द्वारका इलाके में लाल रंग की इंडिका कार चलाता नजर आया। पुलिस ने शक के आधार पर चालक राहुल से पूछताछ की तो उसने वारदात में अपना हाथ कबूल किया। उसके बयान के आधार पर पुलिस ने रवि व विनोद को पालम इलाके से गिरफ्तार किया था।