नई दिल्ली। भारत में कोरोना वायरस के XE वैरिएंट का पहला मामला मुंबई में मिलने की बात कही जा रही है। हालांकि, INSACOG ने “XE वैरिएंट की पुष्टि के लिए” एक राष्ट्रीय प्रयोगशाला में जीनोमिक सीक्वेंसिंग कराने की बात कही है। इस वैरिएंट को लेकर विशेषज्ञ चिंतित क्यों हैं, आइये जानते हैं।
कोरोना वायरस का XE वेरिएंट 19 जनवरी को यूके में पहली बार मिला, XE वैरिएंट Omicron BA.1 और BA.2 वेरिएंट का एक मिश्रण है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इस तरह का वैरिएंट तब बना होगा जब कोई व्यक्ति इन दोनों तरह के वैरिएंट से संक्रमित हुआ होगा। यूके स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी (यूकेएचएसए) के शोध के अनुसार, कोरोना वायरस के तहर के वैरिएंट इस समय दुनिया भर में लोगों को संक्रमति कर रहे हैं। इन्हें , XD, Covid 19 वेरिएंट XE, और XF नाम से जाना जा रहा है। आइये जानते हैं इन नामों के क्या हैं मायने।
कोरोना वायरस का XD वेरिएंट Omicron और डेल्टा x BA.1 वैरिएंट का हाइब्रिड वर्जन है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह मुख्य रूप से फ्रांस, डेनमार्क और बेल्जियम में पाया गया है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, ये वायरस काफी तेजी से फैलता है और ऐसे मरीज जिनकी प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हैं उनके लिए घातक भी है।
ओमाइक्रोन का कोविड 19 XE वैरिएंट सब-वैरिएंट मिक्स बीए.1 और बीए.2 सब-वैरिएंट से मिल कर बना है। ये हाइब्रिड वायरस यूनाइटेड किंगडम में पहली बार पाया गया। इस वैरिएंट में किसी समुदाय में बहुत तेजी से फैलने की प्रवृति पाई गई। इसका संक्रमण बहुत तेजी से फैलता है।
कोरोना का XF वैरिएंट डेल्टा x BA.1 वेरिएंट और ओमाइक्रोन वैरिएंट का बाइब्रिड वर्जन है। यह यूनाइटेड किंगडम में खोजा गया था। हालांकि, 15 फरवरी के बाद से इसके मामले सामने नहीं आए।
Omicron BA.2 सब वैरिएंट को सबसे संक्रामक कोविड -19 वैरिएंट मना जाता था। कोविद 19 का XE वैरिएंट, Omicron के BA.2 सब वैरिएंट की तुलना में लगभग 10% अधिक संक्रामक है। इसलिए वर्तमान में इस वैरिएंट को सबसे अधिक संक्रामक माना जा रहा है। हालांकि अच्छी बात ये है कि कोविड के XE वेरिएंट को सबसे ज्यादा ट्रांसमिसिबल कोविड -19 म्यूटेंट माने जाने के बावजूद इसे घातक नहीं माना जा रहा है। इस वेरिएंट से संक्रमण तेजी से तो फैलता है पर लोगों में हल्के लक्षण नजर आते हैं और अस्पताल जाने की जरूरत कम ही पड़ती है। हां यदि किसी मरीज की प्रतिरोधक क्षमता बेहद कमजोर है तो उसके लिए मुश्किल बढ़ सकती है।
आईएमए के पूर्व सेकेट्री जनरल और दिल्ली मेडिकल काउंसिल के साइंटिफिक कमेटी के चेयरमैन डॉक्टर नरेंद्र सैनी के मुताबिक हम सभी को इस बात को अच्छे से ध्यान रखना होगा कि कोरोना अभी कहीं गया नहीं है। इसके मामले बेहद कम जरूर हैं लेकिन अगर हम सतर्क नहीं हैं तो यह फिर से लहर के रूप में आ सकता है। ऐसे में यदि आपको बुखार है, सर्दी है, या सांस लेने में कठिनाई हो रही है, तो आपको तुरंत अपनी जांच करवानी चाहिए और चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए। सरकार की ओर से जारी दिशानिर्देशों के तहत जल्द से जल्द कोरोना की वैक्सीन और बूस्टर डोज लगवाएं, भीड़-भाड़ वाली जगहों पर अनावश्यक रूप से जाने से बचें। कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने के साथ ही मास्क जरूर पहनें।