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पढ़िए पूरी खबर
यह संयोग है या कुदरत का करिश्मा। एक प्रधानाध्यापक के तीन बेटे। तीनों की पैदाइश जुलाई माह में ही। तीनों साथ पले-बढ़े। तीनों ने एक ही साल पुलिस में भर्ती के लिए आवेदन किया। एक ही दिन परीक्षा हुई। एक साथ तीनों पास भी हो गए। ट्रेनिंग के लिए एक ही दिन रवाना हुए। पॉसिंग आउट परेड में भी तीनों की एक साथ। यही नहीं संयोग ऐसा कि तीनों की तैनाती भी हुई तो एक साथ, एक ही थाने पर। एक साथ तीनों बेटों को खाकी में देखकर पिता सत्यप्रकाश यादव गदगद हैं। इन बेटों पर पूरे गांव को नाज है।
गीडा क्षेत्र के वसुधा गांव के सत्यप्रताप यादव प्राथमिक विद्यालय कुरमौल में प्रधानाध्यापक हैं। पत्नी विमला देवी गृहणी हैं। उनके तीन बेटे दिग्विजय यादव, गौरव यादव और सौरभ यादव हैं। तीनों के जन्म का वर्ष अलग है, मगर महीना जुलाई ही है। तीनों बेटों की प्रारंभिक शिक्षा पिपरौली और 10वीं व 12वीं की मुरारी इंटर कॉलेज सहजनवा में हुई। इंटर के बाद दिग्विजय ने इलाहाबाद से बीटेक किया तो गौरव ने गोरखपुर विश्वविद्यालय से बीकॉम। सबसे छोटे सौरभ ने लिटिल फ्लावर पालीटेक्निक गोरखपुर से डिप्लोमा किया।
पढ़ाई पूरी करने के बाद तीनों भाइयों ने नौकरी की तलाश शुरू की। 2018 में पुलिस भर्ती के लिए विज्ञापन निकला तो तीनों ने एक साथ आवेदन कर दिया। संयोग से तीनों को शारीरिक परीक्षा के लिए गोरखपुर जिला मिला। लिखित परीक्षा फैजाबाद में हुई। दिसम्बर 2018 में रिजल्ट आया। तीनों पास हो गए। ट्रेनिंग के लिए तीनों भाइयों को मिर्जापुर में पीएसी 39वीं वाहिनी आवंटित हुई। तीनों ने एक साथ ट्रेनिंग पूरी की। पॉसिंग आउट परेड के बाद निकले तो तीनों भाइयों को एक साथ पहली तैनाती गाजीपुर जिले के रेवतीपुर थाने पर मिली। इस संयोग से हैरान हैं खुद पिता
प्रधानाध्यापक सत्यप्रताप यादव इस संयोग को भगवान का करिश्मा मानते हैं। वह कहते हैं- सब एक ही साथ होता गया। यह ईश्वर की जो मर्जी। वह बताते हैं कि उन्होंने बच्चों पर कभी कोई दबाव नहीं डाला कि उन्हें क्या पढ़ना हैं। हां, उनकी पढ़ाई का मूल्यांकन जरूर करता रहा। उनमें कम्पटीशन की भावना भरी और तीनों आपस में कम्पटीशन करते था जिसका बेहतर नतीजा सामने आया।
ट्रेनिंग में तीनों का रहा बेहतरीन प्रदर्शन
मिर्जापुर। गोरखपुर निवासी तीन सगे भाई दिग्विजय यादव, गौरव यादव और सौरभ यादव को पुलिस ट्रेनिंग के लिए मिर्जापुर भेजा गया था। तीनों भाइयों ने पुलिस लाइन में एक जनवरी से सत्रह जुलाई तक ट्रेनिंग की। आरआई गोरखनाथ सिंह का कहना है कि तीनों भाई काफी मेहनती हैं। ट्रेनिंग की विभिन्न विधाओं में अन्य आरक्षियों से बेहतरीन प्रदर्शन किया। उन्होंने बताया कि मिर्जापुर में लगभग सात माह ट्रेनिंग की। परेड हो या लिखित परीक्षा दोनों में तीनों का प्रदर्शन बेहतर रहा।एक ही साथ करते थे तैयारी
गाजीपुर। गोरखपुर निवासी तीन सगे भाई दिग्विजय, गौरव और सौरभ रेवतीपुर थाने में सिपाही के रूप में तैनात हैं। मिर्जापुर पुलिस ट्रेनिंग सेंटर से गाजीपुर स्थानांतरित होकर विशेष अनुरोध पर एक ही थाने में तैनाती दी गई है। भाइयों के क्रम में वे एक दूसरे से लगभग दो-दो साल छोटे हैं। तीनों ने साथ में तैयारी की और परीक्षा पास करके सिपाही बन गए। तीनों को दिसंबर 2019 से रेवतीपुर थाने में तैनाती मिली थी।
अधिकारी बनना चाहते हैं तीनों भाई
रेवतीपुर थाने में तैनात दिग्विजय ने बताया कि हम तीनों भाई साथ में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। तीनों भाई ड्यूटी के साथ ही सिविल सर्विसेस की तैयारी में भी जुटे हैं। कोरोना के चलते कई परीक्षाएं रद होने का मलाल है लेकिन जल्द ही फार्म भरकर परीक्षा में शामिल होगे। इसमें दिग्विजय और सौरभ सिविल में और गौरव पुलिस में अधिकारी बनना चाहता है।