Delhi 2047 Vision: सीएम केजरीवाल ने बताया 21वीं सदी की दिल्ली को किस तरह का बनाना चाहते हैं,
Delhi 2047 Vision: सीएम केजरीवाल ने बताया 21वीं सदी की दिल्ली को किस तरह का बनाना चाहते हैं
सीएम ने कहा कि हम सबके साथ मिलाकर दिल्ली को 21वीं सदी की दिल्ली बनाना चाहते हैं जिस पर सभी को गर्व हो। हम ऐसी दिल्ली बनाना चाहते हैं जहां गरीब से गरीब आदमी भी अच्छे से और इज्जत से रह सके।नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली@2047 प्लेटफार्म को लांच किया। यह प्लेटफार्म दिल्ली के विजन 2047 को प्राप्त करने में इंडस्ट्री और विभिन्न संगठनों की साझेदारी बढ़ाने का एक मंच है। सीएम ने कहा कि हम सबके साथ मिलाकर दिल्ली को 21वीं सदी की दिल्ली बनाना चाहते हैं, जिस पर सभी को गर्व हो। हम ऐसी दिल्ली बनाना चाहते हैं, जहां गरीब से गरीब आदमी भी अच्छे से और इज्जत से रह सके। यह प्लेटफार्म लॉन्च करने का मकसद सभी की विशेषज्ञता, विचार और भागीदारी को प्राप्त करना है।सीएम ने आगे कहा कि दिल्ली को वैश्विक शहर की तरह विकसित करने के लिए समस्याओं की पहचान कर सूची बनाने होगी और एक रोडमैप बनाकर समय सीमा में उसका समाधान निकालना होगा। पिछले पांच साल का हमारा अनुभव यह दिखाया कि समस्याओं के समाधान निकाले जा सकते हैं, इसके लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति होनी चाहिए। हमें दिल्ली को वैश्विक शहर बनाने के लिए सभी नागरिकों और कारपोरेट सेक्टर का सहयोग चाहिए। अगर हम सभी मिल जाएं, तो कोरोना की तरह ही सभी सेक्टर में व्याप्त समस्याओं को भी ठीक कर सकते हैं।अरविंद केजरीवाल ने ‘दिल्ली@2047’ मंच का शुभारम्भ करते हुए कहा कि आज मुझे बेहद खुशी है कि दिल्ली@2047 का हम लोग इस प्लेटफार्म के साथ शुभारंभ कर रहे हैं। इस साल जब हमने विधानसभा में बजट प्रस्तुत किया था, तो इसकी एक छोटी सी रूपरेखा हम लोगों ने विधानसभा में प्रस्तुत की थी। चूंकि दिल्ली देश की राजधानी है। पूरी दुनिया भर से लोग सबसे पहले दिल्ली आते हैं और फिर यहां से बाकी देश के अंदर जाते हैं।दुनिया भर के लोग दिल्ली के जरिए पूरे देश को देखते हैं। दिल्ली एक ऐसी जगह है, जो सबके लिए गर्व की बात है। हमें दिल्ली को एक ग्लोबल सिटी की तरह विकसित करना है। आज अगर हम अपने घर में बैठे हैं, तो हम यह नहीं कह सकते हैं कि दिल्ली के अंदर बहुत सारी चीजें ठीक हैं। हमें अभी दिल्ली के अंदर बहुत सारी चीजों का पता लगाना है और बहुत सारी समस्याओं को अभी ठीक करना है। 2047 में देश जब आजादी के 100 साल पूरे कर लेगा, तब दिल्ली को हमें कहां लेकर जाना है, उसका एक रोडमैप हम लोगों को तैयार करनी है। हम लोगों ने उस दृष्टिकोण से बजट में एक विजन रखा था और उसके लिए एक बजट भी रखा था, ताकि उस दिशा में काम शुरू हो सके।सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ‘दिल्ली@2047’ की जब हम बात करते हैं, तो एक बार हमारे मन में यह भी आता है कि कही ऐसा तो नहीं कि हम यह कहने की कोशिश कर रहे हैं कि अभी तो ठीक ठाक है, 2047 में बात करेंगे, लेकिन यह हमारा उद्देश्य नहीं है। हमारा उद्देश्य है कि दिल्ली में बहुत सारी समस्याएं हैं, उन समस्याओं की, उन क्षेत्रों और उन सेक्टर की एक सूची बनानी है। उनके सभी के समाधान निकालने हैं, उनकी एक समय सीमा बनानी है और उनके माइलस्टोंस बनाने हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह, बहुत सारी समस्याएं है। हम लोग नए-नए राजनीति में आए हैं। हमें राजनीति उतनी अच्छी करनी नहीं आती है, लेकिन समस्याओं का समाधान ढूंढने का हम ईमानदारी से प्रयास करते हैं। पिछले पांच साल के हमारे अनुभव हैं, उसने यह दिखाया कि समाधान निकाले जा सकते हैं, समाधान ढूंढने जा सकते हैं।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने आगे कहा कि हम चाहते हैं कि दिल्ली के अंदर 24 घंटे पानी आना चाहिए। जैसे यूरोपियन देशों में होता है कि हम जब टोंटी खोलें, तो उसमें से सीधे पीने का पानी आना चाहिए। ट्रांसपोर्ट को ठीक करना है। हम दिल्ली के ट्रांसपोर्ट सिस्टम पर काम कर रहे हैं। जैसा कि जस्मीन शाह ने बताया कि हमारा पूरा का पूरा ट्रांसपोर्ट सिस्टम इलेक्ट्रिक वाहनों में तब्दील हो जाए। दिल्ली के अंदर बहुत बड़े स्तर पर झीलों को विकसित किया जा रहा है। पुराने जमाने में बहुत सारी झीलें होती थीं, आज उस पर अतिक्रमण हो गया है। उन सभी अतिक्रमण को हटा कर अब बहुत सारी झीलों को विकसित किया जा रहा है।दिल्ली सरकार का एक बहुत बड़ा प्रोजेक्ट है, जिसके अंदर पार्क्स एंड गार्डेन बनाए जा रहे हैं। उसमें स्थानीय लोगों और आरडब्ल्यूए को शामिल कर बहुत बड़े स्तर के ऊपर पार्क्स और गार्डन विकसित किए जा रहे हैं। हम लोगों ने स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी बनाई है और स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी को लेकर हमारा मुख्य मकसद यही है कि एक तरफ ज्यादा से ज्यादा जनसंख्या स्पोर्ट्स में शामिल करें और खिलाड़ी तैयार करें, ताकि अगली बार ओलंपिक और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हमारे खिलाड़ी ज्यादा से ज्यादा मेडल लेकर आ सकें।