Saturday, November 23, 2024

राज्य

अखिलेश यादव ने जिस आतंकी तारिक कासमी का केस वापस लेने की सिफारिश की थी, उसे हुई उम्रकैद की सजा!

Add.

दिव्य प्रभात के पोर्टल में विज्ञापन लगवाए और अपने व्यवसाय को पहुंचाएं आसमान की ओर एवं दिव्य प्रभात के व्हाट्सएप ग्रुप से अभी जुड़े 9458877900R. S TRADERS (GROVERS MOBILE)BS NAME HI KAFHI HAI PURE CITY ME JAHA SAB TARAH KI MOBILE KI ACC. MILTHI HAI ADD. NIKAT BALAJI CHOWK RAJ MAHAL KE BRABAR GALI MERs traders जहां आपकोmobileकी सारी ऐसी सीरीज बहुत ही आसान दाम में arthat reasonable rate mein में मिल जाएगी.address निकट बालाजी चौक मंदिर के पास वाली गली में जो आपको मोबाइल की सारी एसएस सीरीज के साथ बहुत ही अच्छे दाम में बहुत सारी वैरायटी के साथ अपने स्टाइल को बनाए कूल कुछ ब्रांडेड चीजें अपनाकर अपनी लाइफ को अपडेट करके चेंज करें ग्रोवर मोबाइल के साथ बाकी जानकारी के लिए इस नंबर पर संपर्क करें मोबाइल number +917060441444, इन सब चीजों का आनंद पाएं only on Grover mobilel

Ubon cirrus series ddata cable

Ubon quick – c 15, hours play time

Read news

अखिलेश यादव ने जिस आतंकी तारिक कासमी का केस वापस लेने की सिफारिश की थी, उसे हुई उम्रकैद की सजा!

13 साल पहले हुए गोरखपुर सीरियल ब्लास्ट में शामिल मुख्य आरोपी आतंकी तारिक कासमी को अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है और 2 लाख 15 हजार रूपये का जुर्माना भी लगाया गया है, जुर्माना न भरने पर पांच महीनें की सजा अलग से भुगतनी होगी। अपर सत्र न्यायाधीश नरेंद्र कुमार सिंह ने आतंकी तारिक आजमी को उम्रकैद की सजा सुनाई। उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी बृजलाल ने तारिक कासमी को हूजी आतंकवादी करार दिया है.

 

द लल्लनटॉप में छपी खबर के मुताबिक़, तारिक क़ासमी और ख़ालिद मुजाहिद की गिरफ़्तारी की जाँच के लिए निमेष आयोग का गठन किया गया. इस आयोग को 6 महीने में अपनी जांच पूरी करके अपनी रिपोर्ट जमा करनी थी.

 

आयोग का कार्यकाल बढ़ाया गया. प्रदेश में सत्ता बदल गयी। साल 2012 में समाजवादी पार्टी की सरकार बनी और अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री पद की कुर्सी संभाली, उसी समय अखिलेश यादव सरकार ने ख़ालिद और तारिक कासमी समेत दूसरे कई आरोपियों के खिलाफ़ दर्ज केसों को वापिस लेने का प्रयास शुरू किया. लल्लनटॉप के मुताबिक, यूपी के गृह विभाग की तरफ़ से पत्र भेजा गया. लेकिन बाराबंकी कोर्ट ने केस खत्म करने से इनकार कर दिया. इसकी वजह पर्याप्त कारणों का अभाव और केस बंद करने लायक साक्ष्य न होना बताया गया. उसके बाद ट्रायल चला. और अब गोरखपुर ब्लास्ट केस में कोर्ट की ओर से तारिक कासमी को उम्रकैद की सज़ा सुनाई गईबता दें कि गोरखपुर के गोलघर में 22 मई, 2007 को शाम 7 बजे तीन अलग-अलग स्थानों पर पांच-पांच मिनट के अंतराल पर ब्लास्ट हुआ था। 7 बजे पहला धमाका जलकल बिल्डिंग के पास लगे ट्रांसफॉर्मर के पास हुआ। दूसरा बलदेव प्लाजा में और तीसरा धमाका गोलघर गणेश होटल के पास हुआ था। मौके पर पहुंची पुलिस को भनक लग गई थी कि इस धमाके के पीछे आतंकी साजिश है, क्योंकि तीनों ब्लास्ट में टिफिन बम का इस्तेमाल किया गया था।

 

इसके बाद अज्ञात के खिलाफ कैंट थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। मामले की जांच के लिए एसटीएफ को लगाया गया। जाँच के दौरान बम के अवशेष, अभियुक्तों के फोटो स्केच तथा अन्य सबूतों के आधार पर तारिक काजमी का नाम प्रकाश में आया। विवेचक ने अभियुक्त के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया। उन्‍हीं आरोप पत्रों का अवलोकन करने के पश्‍चात उसे सजा सुनाई गई है। है।