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यह वह हाल है जहां एलएलबी के छात्र वकीलों की तरह अभ्यास करते हैंl
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करगिल के बारे में शोएब अख्तर ने जो कहा, उस पर हंसी और गुस्सा दोनों आते हैं
Shoaib Akhtar पाकिस्तान के लिए Kargil War लड़ना चाहते थे (तस्वीरें ट्विटर से साभार)
शोएब अख्तर. पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर. आजकल क्रिकेट एक्सपर्ट हैं. शोएब पाकिस्तान के उन क्रिकेटर्स में से एक हैं जिन्हें भारत और कश्मीर पर कमेंट करने में खास इंट्रेस्ट आता है. इसी सिलसिले में अब शोएब ने एक नया शिगूफा छोड़ा है. उनका दावा है कि वह करगिल युद्ध में भाग लेना चाहते थे, इसलिए उन्होंने 1999 में 1,75,000 पाउंड का काउंटी कॉन्ट्रैक्ट ठुकरा दिया था..
गौरतलब है कि भारत और पाकिस्तान के बीच करगिल की लड़ाई मई और जुलाई, 1999 में हुई थी. इस लड़ाई में दोनों तरफ कई सैनिक मारे गए थे. अब इस, लड़ाई के दो दशक बाद शोएब ने खुलासा किया है कि वह सबकुछ छोड़कर अपने देश के लिए मरना चाहते थे.
# जंग होगी, एकसाथ मरेंगे
पाकिस्तानी चैनल ARY न्यूज़ के साथ एक इंटरव्यू के दौरान अख्तर ने कहा,
‘कम ही लोगों को यह कहानी मालूम है. मेरे पास नॉटिंघम के साथ 175,000 पाउंड्स (मौजूदा रेट के हिसाब से लगभग पौने दो करोड़ भारतीय रुपये) का कॉन्ट्रैक्ट था. फिर 2002 में मेरे पास एक और बड़ा कॉन्ट्रैक्ट था. जब करगिल हुआ तो मैंने दोनों कॉन्ट्रैक्ट छोड़ दिए. मैं लाहौर के बाहरी इलाके में खड़ा था. एक जनरल ने मुझसे पूछा कि मैं वहां क्या कर रहा हूं. मैंने कहा कि जंग शुरू होने वाली है और हम एकसाथ मरेंगे.
मैंने दो बार ऐसे माहौल मैं काउंटी क्रिकेट छोड़ा और इससे काउंटीज चौंक गईं. मुझे उसकी चिंता नहीं थी. मैंने क्श्मीर के अपने दोस्तों को फोन किया और उनसे कहा कि मैं जंग के लिए तैयार हूं
Shoaib Akhtar पाकिस्तान के लिए Kargil War लड़ना चाहते थे (तस्वीरें ट्विटर से साभार)
शोएब अख्तर. पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर. आजकल क्रिकेट एक्सपर्ट हैं. शोएब पाकिस्तान के उन क्रिकेटर्स में से एक हैं जिन्हें भारत और कश्मीर पर कमेंट करने में खास इंट्रेस्ट आता है. इसी सिलसिले में अब शोएब ने एक नया शिगूफा छोड़ा है. उनका दावा है कि वह करगिल युद्ध में भाग लेना चाहते थे, इसलिए उन्होंने 1999 में 1,75,000 पाउंड का काउंटी कॉन्ट्रैक्ट ठुकरा दिया था..
गौरतलब है कि भारत और पाकिस्तान के बीच करगिल की लड़ाई मई और जुलाई, 1999 में हुई थी. इस लड़ाई में दोनों तरफ कई सैनिक मारे गए थे. अब इस, लड़ाई के दो दशक बाद शोएब ने खुलासा किया है कि वह सबकुछ छोड़कर अपने देश के लिए मरना चाहते थे.
# जंग होगी, एकसाथ मरेंगे
पाकिस्तानी चैनल ARY न्यूज़ के साथ एक इंटरव्यू के दौरान अख्तर ने कहा,
‘कम ही लोगों को यह कहानी मालूम है. मेरे पास नॉटिंघम के साथ 175,000 पाउंड्स (मौजूदा रेट के हिसाब से लगभग पौने दो करोड़ भारतीय रुपये) का कॉन्ट्रैक्ट था. फिर 2002 में मेरे पास एक और बड़ा कॉन्ट्रैक्ट था. जब करगिल हुआ तो मैंने दोनों कॉन्ट्रैक्ट छोड़ दिए. मैं लाहौर के बाहरी इलाके में खड़ा था. एक जनरल ने मुझसे पूछा कि मैं वहां क्या कर रहा हूं. मैंने कहा कि जंग शुरू होने वाली है और हम एकसाथ मरेंगे.
मैंने दो बार ऐसे माहौल मैं काउंटी क्रिकेट छोड़ा और इससे काउंटीज चौंक गईं. मुझे उसकी चिंता नहीं थी. मैंने क्श्मीर के अपने दोस्तों को फोन किया और उनसे कहा कि मैं जंग के लिए तैयार हूं.’
अख्तर ने इस इंटरव्यू के दौरान बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक का भी ज़िक्र किया. भारत द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राइक का मज़ाक उड़ाते हुए शोएब ने कहा,
जब भारत के जहाज आए और हमारे कुछ पेड़ों को गिराया, यह हमारे लिए बड़ा नुकसान था. उन्हें 6-7 पेड़ गिरा दिए और हम अब पेड़ों पर सच में काफी ध्यान दे रहे हैं. मुझे इससे काफी तकलीफ हुई थी. उस दिन जब मैं सोकर उठा तो गुस्से में इधर-उधर चक्कर काट रहा था और फिर मेरी पत्नी ने मुझे शांत कराया. लेकिन अगले दिन जब मैंने ख़बरें देखीं तो मैं फिर से पगलाया फिर से आए. मुझे पता है कि अगले दिन क्या हुआ. मैं रावलपिंडी से हूं और मुझे जनरल हेड क्वॉर्टर के बारे में पता है.’
शोएब का यह बयान भले ही हंसने लायक हो लेकिन उनका क्रिकेट करियर बेहतरीन रहा है. शोएब के नाम लगभग 400 इंटरनेशनल विकेट हैं. वह वर्ल्ड क्रिकेट के सबसे तेज गेंदबाजों में से एक रहे हैं.